मुझे इस मंदिर को दर्शन करने का सौभाग्य रांची यात्रा के दौरान हुआ था ।। इस मंदिर के दर्शन करने के बाद मुझे मंदिर के बारे में कुछ रोचक कहानी पता चला जिसे मै अपने ब्लॉग के माध्यम से आप तक पहुंचना चाहता हूं ।
परिचय -
* यह मंंदिर झारखंड की राजधानी रांची शहर के मध्य में पहाड़ पे स्थित भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर को पहाड़ी मंदिर के नाम से जाना जाता है।।
* इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा की जाती है. यहां पर शिवरात्रि और सावन के महीने में शिव भक्तों की काफी भीड़ देखी जाती है ।
* यह मंदिर समुद्र तल से 2140 फीट और जमीन से 350 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
* इस मंदिर तक पहुंचाने के लिए 468 सीढियां चढ़नी पड़ती है.। यहां से आप पूरा रांची शहर की खूबसूरती को देख सकते है ।।
क्यों फहराया जाता है तिरंगा :
बताया जाता है कि यहां आजादी से पहले अंग्रजों द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी जाती थी। जिस से इस हिल को फांसी टोंगरी नाम से जाना जाता था , लोग बताते हैं कि जब देश आजाद हुआ था तब रांची में सबसे पहला झंड़ा यहीं पर फहराया गया था। इसलिए यहां पे उनके बलिदान को याद करते हुए स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराया जाता है। तभी से ही इस मंदिर पर भगवा के साथ शान से तिरंगा लहराता है ।। यहां पर आज भी मंदिर की दिवारों पर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लिखे हुए हैं। यहां पर आज भी आने वाले श्रद्धालु भगवान ही नहीं, शहीदों के सम्मान में भी सिर झुकाते हैं।
दर्शन करने का समय : सु बह- 4:30 am से लेकर 1:00 pm तक
दोपहर - 2:00 pm से लेकर 6:00 pm तक
संध्या - 7:00 pm से लेकर 9:00 pm तक
कैसे पहुंचें :
यह रांची रेलवे स्टेशन से 7 - 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है , यहां आप अपने निजी सवारी या ऑटो / कैब के सहायता से आसानी से पहुंच सकते है ।।
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आज के लिए इतना ही... फिर आऊंगा एक और यात्रा के साथ..... तब तक अपना ख्याल रखिये .....
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