![Photo of दयारा बुग्याल❤️Dayara bugyal by Suraj Rawat](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1990544/TripDocument/1589709486_1589709479927.jpg)
बर्फ के रेगिस्तान के बारे में सुना है आपने, समुद्र तल से 12000 फुट की ऊंचाई पर स्थित एक सुंदर शांत और रमणीय रेगिस्तान । यह बात है सर्दियों के मौसम की, परंतु आप यह न सोचें ये जगह सचमुच रेगिस्तान है । मौसम के अनुसार प्रकृति इस जगह को अलग-अलग रंया देख सकते हैं जी हां मैं बात कर रहा हूं घास के मखमल चादर वाले रेगिस्तान की ।
और आज मे जिस घास के मैदान के बारे मैं बता रहा हूं उसका नाम है दयारा बुग्याल।
![Photo of The Goat Village, Dayara Bugyal by Suraj Rawat](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1990544/SpotDocument/1592244245_1592244159353.jpg.webp)
दयारा जिसका अर्थ है “उच्च ऊंचाई” 3,408 मीटर (11,181 फीट) की ऊंचाई पर है। बुग्याल जिसका अर्थ है जंहा से हरे मखमली घास के मैदान आरम्भ होने लगते हैं। आमतौर पर ये 6 से 10 हजार फीट की ऊँचाई पर स्थित होते हैं। गढ़वाली भाषा में इन मैदानों को बुग्याल कहा जाता है।स्थानीय लोगों और मवेशियों के लिए ये चरागाह का काम देते हैं तो घुमन्तुओं और ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए आराम की जगह व कैम्पसाइट का। गर्मियों में मखमली घास और सर्दियों में जब बर्फ़ की सफेद चादर बिछ जाती है तो यहां का नजारा अद्भुत होता है।।
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दयारा बुग्याल कहाँ है?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सबसे खूबसूरत घास के मैदानों में से एक, दयारा बुग्याल अपनी सुंदरता से किसी को भी मदहोश कर सकता है। 3340 मीटर की ऊंचाई पर, भटवाड़ी होते हुए बारसू गांव तक सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है वहां से दयारा बुग्याल 9 किमी की पैदल दूरी पर आसानी से पहुंचा जा सकता है। आप अपने लिये उत्तरकाशी से ही कम से कम 3 दिन का सारा जरूरी सामान ले आए , ओर कोशिश करें कि आप बारसू गांव दोपहर 2 बजे तक पहुंच जाए। यहां से आपको ट्रेकिंग के लिए वन विभाग से परमिशन लेनी पड़ेगी तथा सामान ले जाने के लिए किराए पर खच्चर भी मिल जाएंगे।
![Photo of दयारा बुग्याल❤️Dayara bugyal by Suraj Rawat](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1990544/SpotDocument/1592245396_1592245333907.jpg.webp)
बर्सू गांव से आप घने जंगलों से होते हुए 4-5 घंटे में बरनाला ताल पहुंच जाएंगे, यहां आपको अपना कैंप लगाना है तथा यहां आप शांत वातारण में अपनी थकान दूर कर सकते है और शाम की चाय की चुस्कीयो के साथ आस पास के नजारों लुप्त उठा सकते है।
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![Photo of दयारा बुग्याल❤️Dayara bugyal by Suraj Rawat](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1990544/SpotDocument/1592246535_1592246454472.jpg.webp)
सुबह की धूप के साथ आप आगे की यात्रा शुरू करेंगे सुन्दर सुन्दर नजारों के साथ ,यहां से रास्ता थोड़ा जायदा चड़ाई वाला है 3-4 घंटे की यात्रा के बाद आप घास के मैदानों में पहुंच जाएंगे जो की 28 वर्ग किलोमीटर (11 वर्ग मील) मैं फैला हुआ है।
दयारा टॉप और बकरियां टॉप बुग्याल के सबसे ऊंचाई पर स्थित पॉइंट हैं यहां से 360 डिग्री व्यू मिलता है 2 - 3 चाय और नाश्ते की दुकान आपको बुग्याल के शुरुआत में ही मिल जाएगी जहां आप थोड़ी देर बैठ के अपनी थकान मिटा सकते हैं यहां से थोड़ा आगे जाने पर आप की निगाहें जहां तक जाएगी आपको पूरा मैदान दिखाई देगा। जहां आप पहाड़ों के साथ बात कर सकते हैं। यहां से बंदरपूछ (6,316 मीटर), भागीरथी (6921 मीटर), ब्लैक पीक , द्रौपदी का डंडा, गंगोत्री पीक, जोली रेंज जैसे अन्य और बर्फ से ढकी चोटियां देख सकते हैं
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#दयारा बुग्याल ट्रेकिंग हाइलाइट्स :-
*दयारा और गिदारा बुग्याल के हरे-भरे मैदान पर सैर करके प्रकृति को अपने करीब महसूस करें आराम करें
*बरनाला ताल लेकसाइड पर शिविर लगाकर कुछ शांतिपूर्ण समय का आनंद लें ओक और देवदार के पेड़ वन ट्रेल्स के माध्यम से ट्रेकिंग कर सकते हैं
*बरनाला ताल के पास नागराज देवता का मंदिर वहां भी दर्शन कर सकते हैं
*बरसु गांव के पास एक वाटरफॉल भी है वहां की सैर भी कर सकते हैं
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# दयारा बुग्याल ट्रेक पर जाने का सबसे अच्छा समय?
*अप्रैल से जून (ग्रीष्मकाल) और सर्दियां (अक्टूबर से दिसंबर) वैसे आप साल भर किसी भी मौसम में यहां जा सकते हैं
#कैसे पहुंचा जाये?
*हवाईजहाज से:180 किमी दूर देहरादून में जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, निकटतम हवाई अड्डा है। हवाई अड्डे से टैक्सी, निजी कार, राज्य सड़क परिवहन बसें उपलब्ध हैं।
*रेल द्वारा:उत्तरकाशी से 215 किलोमीटर दूर हरिद्वार रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है।
*सड़क से:ऋषिकेश (170 किमी), हरिद्वार (189 किमी) और देहरादून (144 किमी) से बस और टैक्सियाँ उत्तरकाशी पहुंचने के लिए आसानी से उपलब्ध हैं।
#दयारा बुग्याल यात्रा के टिप्स!
हालांकि दयारा बुग्याल के लिए ट्रेक काफी आसान है, फिर भी अपने ट्रेक से कुछ दिन पहले ट्रेक के लिए अपने शरीर को तैयार करना समझदारी है। दौड़ना, साइकिल चलाना और तैरना - ये सभी स्टैमिना को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। आपके ट्रेक पर आपका साथ देने के लिए एक अनुभवी टूर गाइड होना उचित है। वह मार्ग को अच्छी तरह से जानता पहचानता हो ।
![Photo of दयारा बुग्याल❤️Dayara bugyal by Suraj Rawat](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1990544/SpotDocument/1592248204_1592248183522.jpg.webp)
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