![Photo of नैनीताल: कभी न भूलने वाली सैर by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/TripDocument/1588337922_1588337920793.jpg)
पहाड़ किसे अच्छे नहीं लगते...?चाहे घुमावदार रास्तों से होते हुए गाड़ी की खिडकियों से नीचे छोटे-छोटे घरों को देखने का अनुभव हो या पहाड़ों के मोड़ पर सफेद धुंध को अपने हाथों पर महसूस करना हो, पहाड़ों की हर बात ही अच्छी लगती है । और इसी अनुभव को आत्मसात करने के लिए नैनीताल से बेहतर जगह और कोई हो ही नहीं सकती ।तो इसी बात को मन में लिए हम भी निकल पड़े नैनीताल के लिए...
![Photo of नैनीताल: कभी न भूलने वाली सैर by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588323365_1588323362105.jpg.webp)
![Photo of नैनीताल: कभी न भूलने वाली सैर by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588337892_1588337888461.jpg.webp)
![Photo of नैनीताल: कभी न भूलने वाली सैर by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588337898_1588337889028.jpg.webp)
![Photo of नैनीताल: कभी न भूलने वाली सैर by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588337901_1588337889502.jpg.webp)
![Photo of नैनीताल: कभी न भूलने वाली सैर by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588337903_1588337889984.jpg.webp)
![Photo of नैनीताल: कभी न भूलने वाली सैर by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588337996_1588337993439.jpg.webp)
गर्मी की छुट्टियों में हम कुल नौ लोग मुरादाबाद से निकले नैनीताल की सैर पर। हमने गाड़ी रिजर्व की और सुबह निकल पड़े। घुमावदार पहाड़ी रास्तों से होते हुए हम लगभग 3 घंटे में नैनीताल पहुँचे। चूंकि नैनीताल में बाहर की टूरिस्ट गाडियाँ केवल प्रशासन द्वारा निर्धारित पार्किंग स्थल तक ही जा सकती हैं तो हमने भी ऐसा ही किया। अपनी गाड़ी को पार्किंग में छोड़ कर हमने लोकल गाइडों से मोलभाव करके दूसरी गाड़ी करके घूमना बेहतर समझा। उसके बाद हम निकल पड़े नैनीताल घूमने.....
पार्किंग स्थल से 3km दूर 2270 मी की चढ़ाई पर है स्नो व्यू प्वाइंट। यहाँ से आप विशाल हिमालय की खूबसूरत पहाड़ियों का नजारा देख सकते हैं। चूंकि हम गर्मियों में गए थे इसलिए हमें बर्फ लदी पहाड़ियाँ तो नहीं दिखीं पर पहाड़ तो हमेशा ही खूबसूरत लगते हैं।
नैनीताल से 23 km की दूरी पर है भीमताल। मेरे ख्याल से नैनीताल के सभी तालों में से सबसे अच्छा ताल भीमताल ही है। यह ताल बाकी तालों से बड़ा है और यहाँ भीड़भाड़ भी थोड़ी कम है। यहाँ हमने बोटिंग भी की।
भीमताल के रास्ते में ही हनुमान गढ़ी मंदिर है। यहाँ पर सड़क से लगी हुयी हनुमानजी की 52 फीट की विशालकाय मूर्ति है। और हम तो ठहरे हनुमान भक्त तो बिना सिर झुकाए कैसै जा सकते हैं...!!😉
![Photo of हनुमान गढ़ी मंदिर by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588343286_1588343283609.jpg.webp)
हम भीमताल से पहुँचे सातताल। यहाँ भी बोटिंग की सुविधा है।सातताल हरी भरी घाटियों के बीच में स्थित है।यहाँ पानी के एडवेंचर गेम्स के शौकिनों के लिए भी कुछेक सुविधाएं हैं। हमने यहाँ नाश्ता किया और निकल पड़े आगे की ओर...
![Photo of सातताल by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588343627_1588343625083.jpg.webp)
हमें अब नौकुचियाताल जाना था। यहाँ की खास बात यह है कि यहाँ का पानी नीला है और मछलियाँ भी बहुतायत में है। यहाँ भी नौकायन की सुविधा है। इसके साथ-साथ अगर आप घुड़सवारी के शौकीन हैं या फिर घोड़े पर बैठकर फोटोशूट कराना चाहते हैं तो उसकी भी सुविधा है।
अब काफी शाम हो चुकी थी और पेट में चूहे भी कूद रहे थे तो हमने नौकुचियाताल के किनारे ही एक रेस्टोरेंट में खाना खाना बेहतर समझा।
गर्मी का सीजन नैनीताल में पीक सीजन होता है तो ऐसे में होटलों में कमरे मिलना थोड़ी मुश्किल बात होती है इसलिए हमने पहले से ही होटल बुक करा लिया था।
नैनीताल से लगभग 7km दूर रोड किनारे ही है ये सत्यनारायण मंदिर। सड़क किनारे ही एक गेट है जहाँ से कुछ सीढ़ियाँ ऊपर की ओर जाती हैं। यहाँ एक छोटे मंदिर के सिवा और कुछ खास तो नहीं है लेकिन यहाँ ऊपर से हिमालय घाटी की हरियाली देखते ही बनती है। यहाँ चारों तरफ हरे भरे वृक्ष, चहचहाते पक्षियों का कलरव, सुंदर पहाड़,यहाँ ऐसा सब है जो आपके मन को शांति प्रदान कर सके। हमने काफी समय यहाँ बिताया फिर निकल पड़े आगे की ओर...
![Photo of सत्यनारायण मंदिर by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588330278_1588330276737.jpg.webp)
![Photo of सत्यनारायण मंदिर by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588330280_1588330276908.jpg.webp)
लगभग 11 एकड़ में फैला हुआ और 2100 मी की ऊँचाई पर स्थित है नैनीताल का जी बी पंत चिड़ियाघर। पहाड़ों पर इतनी ऊँचाई पर बसा हुआ चिड़ियाघर मैने पहली बार देखा। यहाँ हिमालयन काले भालू, बंदर, साइबेरियन बाघ, तेंदुए, हिरन, तीतर सहित और भी जानवर और विभिन्न प्रकार के पशु पक्षी हैं।
![Photo of गोविंद बल्लभ पन्त उच्चस्थलीय प्राणीउद्यान by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588331847_1588331845361.jpg.webp)
![Photo of गोविंद बल्लभ पन्त उच्चस्थलीय प्राणीउद्यान by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588331850_1588331845472.jpg.webp)
![Photo of गोविंद बल्लभ पन्त उच्चस्थलीय प्राणीउद्यान by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588331854_1588331846002.jpg.webp)
नैनीताल शहर का यह एक मुख्य आकर्षण है। यहाँ माल रोड पर टहलना एक सुखद अनुभव है। यह रोड तल्लीताल को मल्लीताल से जोड़ती है। तल्लीताल नैनी झील का ही दक्षिणी किनारा जबकी मल्लीताल ऊत्तरी किनारा है।शहर के अधिकांश होटल, बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान, बड़ी दुकानें और रेस्टोरेंट यहीं पर हैं। आप चाहें तो मालरोड से याद के तौर पर कुछ खरीद सकते हैं।
इको केव गार्डन माल रोड के पास ही स्थित है। इस गार्डन में कई गुफाएं एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। कुछ गुफाएं तो इतनी छोटी हैं कि उनके अंदर रेंग कर जाना पड़ता है।इस गार्डन में एक म्यूजिकल फाउंटेन भी है।
![Photo of केव गार्डन by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588333683_1588333682553.jpg.webp)
नैनीताल का प्रमुख आकर्षण नैनी झील ही है जो हरी भरी घाटियों से घिरी हुई है। यहाँ आप रोइंग के साथ-साथ पैडल वाली नाव, चप्पू वाली नाव या फिर पाल वाली नाव, किसी भी नाव का लुत्फ उठा सकते हैं। भीमताल की अपेक्षा यहाँ थोड़ी ज्यादा भीड़ है। शायद ही कोई सैलानी हो जिसे यहाँ आकर आनंद की अनुभूति न हो।
![Photo of नैनी झील by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588345734_1588345729550.jpg.webp)
यह मंदिर नैनी झील के उत्तरी किनारे पर अवस्थित है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ माता सती के नयन गिरे थे इसलिए इसका नाम नैना देवी मंदिर पड़ा और देवी के नेत्रों से जो आँसूओं की धारा निकली उससे नैनी झील का निर्माण हुआ। मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक विशाल पीपल का वृक्ष है और मंदिर में नैना देवी के अलावा भगवान गणेश और माँ काली की भी मूर्तियाँ हैं।
![Photo of नैना देवी मंदिर by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588335728_1588335725252.jpg.webp)
तिब्बती मार्केट नैना देवी से सटा हुआ ही है। यहाँ आप हिमालयन बैग, बाँस के फैब्रिक से बने हुए सामान, कुमाऊँनी ऊन से बने हुए हैंडिक्राफ्ट के साथ-साथ आर्टीफिशियल ज्वेलरी और ऊनी कपड़े आदि की खरीददारी कर सकते हैं।
हमारा यह नैनीताल में आखिरी दिन था। हमारा ड्राइवर गाड़ी लेकर आ चुका था। हम वापस निकल पड़े और नैनीताल पीछे छूटता गया....।
वापसी में नैनीताल से 35km दूर मुरादाबाद रोड पर कालाढूंगी में जिम कार्बेट म्यूजियम है। यहाँ जिम कार्बेट से जुड़ी हुयी कुछ चीजें सम्हाल कर रखी गयीं हैं जिसमें उनकी बन्दूक, किताबें, फर्नीचर,बर्तन, पत्र, फोटोग्राफ्स तथा और भी पुरानी चीजों को संरक्षित करके रखा गया है।यह भी देखने लायक है।
![Photo of Jim Corbett Museum (Forest Service) by Rakesh kumar Varma](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1980259/SpotDocument/1588345156_1588345149424.jpg.webp)
और इस तरह से हमने अपनी नैनीताल की कभी न भूलने वाली सुनहरी यादों को अपने मन में समेटा और चल पड़े वापस अपनी वही रोजमर्रा की जिंदगी जीने.....।