अमृतसर का दुर्गियाना मंदिर पानी में तैरता एक दिव्य स्वप्न है!
यह मंदिर लोहार गेट के बाहर है l यहां मुख्य रूप से लक्ष्मी नारायण की मूर्तियां स्थित है! देवी दुर्गा की मूर्ति के कारण यह मंदिर दुर्गियाना तीर्थ कहलाता है! लक्ष्मी नारायण की मूर्ति के दाएं और बाएं राधा कृष्ण और राम दरबार है! यहां गिरिराज जी की मूर्ति है! अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की तरह यह विशाल मंदिर एक सरोवर के बीचोबीच बना है! मंदिर तक जाने के लिए पुल पर एक रास्ता बनाया गया है! यह मार्ग बहुत आकर्षक और सुंदर है! सरोवर के बीच खिले कमल के फूल देखकर मन प्रसन्न हो जाता है! सरोवर के बीच शिव की एक मूर्ति भी है! इस मंदिर का प्रवेश द्वार चांदी का बना है! मंदिर की छत पर सोने का गुंबद बना है! यहां का वातावरण बहुत शांत है!
इस मंदिर के दूसरी तरफ छोटे बड़े 10 मंदिर और हैं! सीता माता मंदिर और बड़ा हनुमान मंदिर बहुत प्रसिद्ध है! इसके अतिरिक्त यहां गोस्वामी तुलसीदास मंदिर, वेद भवन, ज्वाला ज्योति मंदिर, शीतला माता मंदिर भी है! चांदी के दरवाजे लगे होने के कारण इसे रजत मंदिर भी कहते हैं! इसे देखकर ऐसा लगता है मानो स्वर्ण मंदिर का ही प्रतिरूप हो !मंदिर के प्रवेश से पहले दीवारों पर हिंदू धर्म के विषय में लिखे गए वाक्य पढ़ने योग्य हैं!
इस मंदिर की नीव 1925 मैं श्री मदन मोहन मालवीय जी ने रखी थी! इसे श्री हरसहाय मल कपूर ने बनवाया था! जब भी आप अमृतसर आए तब इस मंदिर के दर्शन करना ना भूलें! यह मंदिर वास्तव में हिंदू धर्म का बेमिसाल मंदिर है!
अमृतसर का दूसरा हिंदू मंदिर
माता लाल देवी मंदिर जिसे वैष्णो मंदिर भी कहा जाता है! यह मंदिर अमृतसर में मॉडल टाउन में है! यह मंदिर अमृतसर रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर दूर है! इस मंदिर को माता लाल देवी ने बनवाया था इसलिए इसे माता लाल देवी मंदिर कहा जाता है! यह मंदिर वैष्णो मंदिर का प्रतिरूप है इसीलिए इसे वैष्णो मंदिर भी कहते हैं! बाहर से यह मंदिर साधारण दिखाई देता है पर जैसे ही आप इसमें प्रवेश करके पहली मंजिल पर जाएंगे तो आप आश्चर्य से भर जाएंगे! मंदिर में भारतवर्ष के सभी बंद बड़े मंदिरों के छोटे-छोटे प्रतिरूप बनाए गए हैं! हिंदू धर्म के सभी देवी देवताओं की मूर्तियां यहां मिलेंगी! शिव के 12 ज्योतिर्लिंग भी यहां दिखाई देंगे! मंदिर में कभी ऊपर कभी नीचे कभी बैठ कर कभी खड़े होकर यहां तक कि रेंग कर भी जाना होता है! कहीं सीढ़ियां चढ़कर ऊपर जाओ थोड़ी देर बाद नीचे आओ! ऐसा लगता है आप किसी बहुत लंबी यात्रा पर निकले हैं! वास्तव में यह एक रोमांच भरी तीर्थ यात्रा है!