बिहार के पूर्णियाँ में एक ऐसा किला स्थित है जोकि ऐतिहासिक महत्व होने के बावजूद जनता की उपेक्षा के कारण वर्तमान में बस खंडहर मात्र है। मैं बात कर रहा हूँ पूर्णियाँ शहर से बीस किलोमीटर दूर स्थित जलालगढ़ के किले की, जिसके जीर्णोद्धार के पेशकश राज्य सरकार ने पिछले ही दिनों की है।
जलालगढ़ के इस किले के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं परन्तु लोगों का मानना है कि इसका निर्माण पूर्णियाँ के तत्कालीन नवाब सैफ खान ने 1722 ईसवीं में करवाया था। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि ये किशनगंज के राजा सय्यद मुहम्मद जलालुद्दीन खान द्वारा बनवाया गया था। कहते हैं इसका निर्माण नेपाल से होने वाले आक्रमणों से बचने के लिए करवाया गया था, और किले की ऊँची दीवारें इस पक्ष को स्पष्ट भी करती हैं। ये किला कुछ समय तक सैय्यद मुहम्मद के कब्जे में रहा था जिसने नवाब सैय्यद अहमद को राजस्व देने से इंकार करते हुए इसपर हमला कर अपने कब्जे में ले लिया था। कहते हैं यहाँ दीवारों से होता हुआ एक खूफिया रास्ता भी है जोकि सीधे म्यांमार निकलता है। कई लोगों ने उस रास्ते को तलाशने की कोशिश की, मगर मिला नहीं। समय बीतने के साथ उस रास्ते के मिलने की संभावना और कम होती जा रही।
जलालगढ़ का ये किला पूर्णियाँ के जलालगढ़ क्षेत्र में पड़ता है, जहाँ सड़क के किनारे ही आपको इस ओर आने का रास्ता भी दिख जाएगा। मुख्य सड़क मार्ग से उतरकर आपको कुछ दूर पर ही जलालगढ़ का किला दिख जाएगा पर चूँकि अब वहाँ चारों ओर खेत-खलिहान हैं, तो आपको किले तक पैदल ही पहुँचना होगा। आमतौर पर किलों को गोलाकार रूप में देखा जाता है परंतु जब आप यहाँ आएँगे तो चौकोर आकार में ये किला दिखेगा। किले से ज्यादा ये बस दीवार है, जहाँ उस दौर में बीच में सैनिक छावनी लगती होगी। आप दीवारों पर सुरक्षा का ध्यान रखकर चढ़ सकते हैं, घूम-फिर सकते हैं।
जब मैंने इस जगह को देखा तो मैंने अपने दोस्तों से कहा कि इस जगह को स्पोर्ट्स ग्राउंड में तब्दील कर देना चाहिए। चारों ओर ऐतिहासिक दीवार के बीच खेल का अलग ही माहौल होगा। आज के समय में इसकी स्थिति खराब है काफी, परन्तु जिस तरह राज्य सरकार इसके जीर्णोद्धार के लिए सतर्क हुई है, उससे आशा जगी है। अगर मेरे अनुमान सही है तो जलालगढ़ के इस किले को आने वाले वक्त में आप एक खूबसूरत पार्क बनता देखेंगे। तबतक आप चाहें तो इसे ऐसे ही कभी इस ओर से गुजरते हुए देख आ सकते हैं, वरना पार्क बन जाने के बाद तो वैलेंटाइन्स डे पर यहाँ आना ही है।
कैसे जाएँ?:- पूर्णियाँ से जलालगढ़ के लिए बस और ऑटो दोनों उपलब्ध है। निजी वाहन से भी जा सकते हैं। जलालगढ़ प्रदेश में NH-27 के बगल में ही स्थित।
प्रवेश शुल्क:- निःशुल्क
समय:- सूर्योदय से सूर्यास्त।