ताजमहल की यात्रा
शायद क्लास 3 या 4 का छात्र रहा होऊंगा जब पहली बार ताजमहल के बारे में पढ़ा था । भारत की सबसे खूबसूरत इमारत जिसे मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बीवी के याद में बनवाया था । दुनिया के सात अजूबों में एक ।
मैट्रिक इंटर डिग्री करने बाद जॉब मिल गया । एक - दो बार दोस्तों के साथ जाने का प्लान भी हुआ पर सफलता नही मिली । जॉब के दौरान कुछ दिन दिल्ली में रहा भी पर अफसोस कि कभी समय नही निकाल पाया ।
शादी के बाद तय किया बस बहुत हुआ अब ताजमहल जाना है तो जाना है । हालांकि ताजमहल घूमने के लिए जाना कोई कठिन कार्य नही है पर संजोग बैठना जरूरी होता है । उन दिनोंआगरा में मेरे एक अनन्य मित्र भी रह रहे थे, सो प्लानिंग उनके जिम्मे छोड़ मैं पत्नी के साथ रांची से गरीब नवाज ट्रेन में सवार हो गया । ट्रेन 4 घण्टे विलंब से रात के 12 बजे आगरा फोर्ट स्टेशन पर पहुँची । ट्रेन के लेट होने से मन में थोड़ी खुन्नस हो गयी थी, परंतु स्टेशन के पास स्थित आगरा फोर्ट पर नजर पड़ते ही आगरा से मोहब्बत सी हो गयी । जो बदस्तूर जारी है ।
दोस्त की अर्जेंट ड्यूटी लग गयी सो उनके हिदायत अनुसार ही प्लान बना । सबसे पहले सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक ताज देखना है, फिर वहाँ से इत्माददौला का मकबरा जाना था और आखिर शाम में आगरा का किला ।
टिकट ले के जैसे ही ताजमहल के गेट पर पहुँचें दिल धक्क सा रह गया । अनायास ही मुँह से निकला अद्भुत ! क्या कोई इमारत इतनी भी खूबसूरत हो सकती है ! वो भी तब जब इमारत सदियों पुरानी हो । वैसे मुझे पर्सनली ताजमहल अपने सोच के हिसाब से थोड़ा छोटे आकार का लगा परन्तु ताजमहल की खूबसूरती ने मन मोह लिया । फिर कब 10 से ग्यारह और फिर बारह, एक, दो, तीन, चार बज गए कुछ पता ही नही चला । हमारा दिन भर का सारा प्लान धरा का धरा रह गया और हम दोनों सुबह से शाम तक हरेक एंगल से ताजमहल की खूबसूरती को निहारते रह गए । इस दौरान हमने बैग में रखा हुआ 1 बोतल पिया था बस । इतना समय गुजारने के बावजूद सन्तुष्टि नही हुई । इतना ही नही इसके बाद जब एक दूसरे टूर में मथुरा दर्शन को गए तब भी ताज को देखने की लालसा से हमने अपना टिकट आगरा से करवाया ।
क्यों देखें ?
देश मे क्या कुछ नही है उतर में हिमालय से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक पूरब में शिलॉन्ग अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में अरब सागर और थार मरुभूमि । इन प्राकृतिक खूबसूरती के बाद भी भारत का पर्यटन ताज के बिना अधूरा है । सरल शब्दों में कहूँ तो ताजमहल भारतीय पर्यटन के वसीयत का हस्ताक्षर है । ताज को देखे बिना खुद को पर्यटक कहना कुछ मजाक सा है ।
कब पहुँचे ?
सालों भर पहुँचिए । ख्याल रखें कि यहां गर्मी पड़ती है सर्दियों में कुहरा रहता है । सप्ताह में शुक्रवार को नवाज अदा होती है तो उस दिन पर्यटकों के लिए ताजमहल बन्द रहता है ।
कैसे पहुँचें ?
देश के हर कोने से आगरा के सीधी ट्रेन/सड़क सुविधा उपलब्ध है । आगरा दिल्ली और जयपुर से नजदीक है तो आप वहां तक पहुँच के भी आगरा के ट्रेन/टैक्सी ले सकते है ।
कहाँ घूमें ?
आगरा में कई पर्यटन स्थल है जैसे - ताजमहल, आगरा का लाल किला, एतमाद दौला का मकबरा, चीनी का मकबरा, मेहताब बाग, फतेहपुर सीकरी ।
बजट - आगरा में हर रेंज के होटल्स उपलब्ध है। ऐसे में आप अपनी सुविधानुसार होटल चुनने में कोई दिक्कत नही आएगी । इसलिए आगरा घूमने के लिए आपको बजट की ज्यादा चिंता नही करनी होती है ।
सरकार और पर्यटकों से निवदेन - ताज की खूबसूरती को बनाये रखना हम सबकी जिम्मेदारी है । सरकार से आग्रह है कि वे ताज के चबूतरे पर चढ़ने पर रोक लगाए । चबूतरे पर चढ़ने में लोगों के हाथ अनजाने ही ताज की चमक को गन्दला करते जा रहे । पर्यटकों से आग्रह है अगर आप चबूतरे पर जा रहे है तो दीवार पर हाथ न लगाए । वैसे भी ताज की खूबसूरती बाहर गार्डन से कहीं ज्यादा है ।
-जयकांत पंडित ज्या