शहर गुलाबी

Tripoto
3rd Dec 2019
Photo of शहर गुलाबी by मैं घुमंतू
Day 1

अगर आप पहली बार जयपुर जा रहे हैं तो मुझे उम्मीद है कि आप सही ब्लॉग पर आएँ है। तो शुरू करते है बिना किसी इंतज़ार के।

मुझे यहाँ रहते पाँच साल होने को है, यह नहीं है कि मैंने बाकी शहरों को नहीं देखा है पर यहाँ कि जो बात है वो कहीं और नहीं जो एक बार जयपुर आ जाता है वो यहीं का हो जाता है तभी तो कहते हैं, पधारो मारे देश रे:-

आप अगर सोलो ट्रेवलर है तो यहाँ से स्टार्ट कर सकते है।

1. आमेर महल : यह महल जयपुर रेलवे स्टेशन से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर आमेर नाम के छोटे से कस्बे में स्थित है। इसे 11वी शाताब्दी में राजा मान सिंह , राजा सवाई जय सिंह और राजा मिर्ज़ा जयसिंह ने कराया था। मेर के इतिहास और इस किले के निर्माण पर नज़र डालें तो यह पता चलता है कि आमेर, पहले सूर्यवंशी कछवाहों की राजधानी रह चुका है, जिसका निर्माण मीनास नामक जनजाति द्धारा करवाया गया था।

इस विशाल दुर्ग के अंदर बने कुछ महत्वपूर्ण संरचनाएँ निम्नलिखित हैं

● दीवान- ए- आम

●सुख निवास

●शीश महल

● गणेश पोल

●चाँदपोल दरबाजा

● दिल आरामबाग

●देवी शिला माता मंदिर

●दीवान-ए-खास

★कैसे पहुँचे: यहा आप जयपुर रेलवे स्टेशन से बस या एयरपोर्ट से बस और कार ले सकते है।

★परफेक्ट समय : मेरी माने तो आप नवंबर से फरबरी तक कभी भी जा सकते है। वैसे आप सालो भर जा सकते है।

★घूमने का समय: 9:30 am से 5:30 pm

★ प्रवेश शुल्क: भारतीय ₹100, गैर भारतीय ₹500

★ लाइट शो समय:

इंग्लिश में : 7:30 pm, शुल्क ₹200 

हिंदी में : 8:00 pm, शुल्क ₹100 

Photo of शहर गुलाबी by मैं घुमंतू
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Day 2

हवामहल : जयपुर अपने महलों, किलों और पुराने धरोहरों के लिए जाना जाता है। इस इमारत को दुनिया भर में प्लेस ऑफ विंड के नाम से भी मशहूर है।

इसका निर्माण 1799 में महाराजा सवाई प्रतापसिंह से कराया था। महल की बनावट कुछ मुकुट के आकार की है। कहा जाता है राजा कृष्ण भक्त थे उन्होंने इसे कृष्ण को समर्पित की है। इसमें कुल 150 झरोखेदार खिड़किया है जो महल को बतानुकूलित रखने में सहयोग करती है।

अगर आप हैंडीक्राफ्ट में दिलचस्पी रखते है तो यह आप हाथ की बनी वस्तुओं को ले सकते है।

महल के अंडर कुछ महत्वपूर्ण जगह:

●शरद मंदिर

●रत्न मंदिर

●विचित्र मंदिर

●सूर्य मंदिर

●हवा मंदिर

कैसे पहुँचे : यहाँ आप रेलवे स्टेशन से आसानी से जा सकते है।

★घूमने का समय : 9:30am से 4:30pm

★ प्रवेश शुल्क : भारतीय ₹20 रुपये और गैरभारतीय 50रुपये।

★ शॉपिंग की जगह: बड़ी चौपड़ , छोटी चौपड़ , जौहरी बाजार, चौड़ा रास्ता, बापू बाजार

Photo of शहर गुलाबी by मैं घुमंतू
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सिटी पैलेस का निर्माण महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने करवाया था। 1727 में पानी की समस्या और जनसंख्या में वृद्धि के कारण वह आमेर से जयपुर स्थानांतरित हो गए। उन्होंने सिटी पैलेस के वास्तुशिल्प डिजाइन का काम मुख्य वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य को सौंपा था। वास्तुशास्त्री ग्रंथों के अनुसार आर्किटेक्ट सिटी पैलेस को डिजाइन करने के लिए गया था। सिटी पैलेस परिसर जयपुर के पुराने शहर के एक सातवें हिस्से में एक बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ अब कछवाहा वंश से राजाओं के वस्त्र, हथियार और उनकी पुरानी परंपरा को संयोगे रखने की यादें है। जो आपको उस पुराने जमाने मे ले जाने के लिए काफी है।

प्लेस से भीतर घूमने के कुछ महत्वपूर्ण जगहें:

●टेक्सटाइल गैलरी

●सिलेह खाना

●सभा निवास

●प्रीतम निवास

●फ़्रेंड्स ऑफ म्यूसियम

●मुबारक महल

●हथियारखाना

●प्लेस कैफ़े

★घूमने का समय: 9:00am से5:00 pm

★प्रवेश शुल्क : भारतीय ₹200 और ग़ैर भारतीय ₹500

Photo of शहर गुलाबी by मैं घुमंतू
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Day 4

अल्बर्ट हॉल: महाराजा रामसिंह ने 1876 में ब्रिटेनके महाराजा एडवर्ड सप्‍तम प्रिन्स ऑफ़ वैल्‍स के भारत आने के समय पर स्मृति के रूप में अल्‍बर्ट हॉल का निर्माण प्रारम्‍भ किया गया। वर्तमान में इस भवन को संग्रहालय का रूप दे दिया गया है।भवन की वास्तुनियोजन सर स्विंटन जैकब द्वारा की गयी। भारतीय व फ़ारसी शैली में बनी इस भव्‍य इमारत में इस समय संग्रहालय संचालित किया जा रहा है।

अल्बर्ट हाल देश की एकमात्र ऐसी इमारत है, जिसमें कई देशों की स्थापत्य शैली का समावेश देखने को मिलेगा।महल को अब एक प्रदर्शनी से रूप में बदल दिया गया है। जहाँ आप जयपुर के राजाओं से ज़ुड़े इतिहास से रूबरू होंगे और रोमन साम्राज्य की भी झाकियाँ मिलेगी खास मम्मी।

हाल के भीतर की कुछ खास जगहें:

●इंटरनेशनल आर्ट

●ब्लू पॉटरी

●क्ले आर्ट

●मार्बल आर्ट

●इटालियन आर्ट

●रोमन आर्ट एंड मम्मी

●हथियार खाना

★ घूमने का समय: 9:00 AM – 5:00 PM

★ प्रवेश शुल्क : भारतीय ₹20 और गैर भारतीय ₹150 

Photo of शहर गुलाबी by मैं घुमंतू
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Day 5

जल महल: जल महल एक सुंदर महल है जो जयपुर की एक छोटी सी झील के बीच में स्थित है। इस महल को राजा - महाराजा और उनके परिवारों के लिए शिकार लॉज के रूप में बनाया गया था। जल महल या वाटर पैलेस का निर्माण वर्ष 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बतख के शिकार के लिए एक लॉज के रूप में किया था। लेकिन इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि जल महल का निर्माण महाराजा माधोसिंह प्रथम ने वर्ष 1750 में करवाया था। इस जगह को कभी भी महल में रूप में उपयोग करने के लिए नहीं बनाया था, लेकिन बाद में इस महल की सुंदरता को देखते हुए महाराजा जल सिंह द्वितीय द्वारा इसको बढ़ाया गया।

अगर आप फोटोग्राफी में थोड़ी बहुत भी दिलचस्पी रखते हैं तो जल महल आपके अंदर एक फोटोग्राफर को जगाने का शानदार मौका देता है। इस महल के आसपास के दृश्य इतने आकर्षक हैं कि यह आपको फोटोग्राफी करने पर मजबूर कर देंगे।यहाँ आप एक अनोखी स्ट्रीट शॉपिंग का आनंद उठा सकते है।

★कैसे पहुँचे : यह आमेर किला जाने से रास्ते मे आता है।

★ घूमने का समय: कभी भी जा सकते है।

★ प्रवेश शुल्क: यहाँ कोई शुल्क नही है।

Photo of शहर गुलाबी by मैं घुमंतू
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