
हिडिम्बा देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के मनाली में स्थित है। यह एक प्राचीन गुफा-मन्दिर है जो हिडिम्बी देवी या हिरमा देवी को समर्पित है । जिसका वर्णन महाभारत में भीम की पत्नी के रूप में मिलता है । हिडिम्बा महाभारत के एक प्रसिद्ध चरित्र घटोत्कच की माँ थी । घटोत्कच महाबलशाली था । घटोत्कच ने महाभारत के युद्ध में अपनी जान देकर कर्ण के बाण से अर्जुन की जान बचाई थी । इस नाम से एक कार्टून सीरियल भी प्रसारित हुआ है ।
मन्दिर के अभिलेख के अनुसार यह मंदिर का निर्माण राजा बहादुर सिंह ने 1553 ईस्वी में करवाया था । लगभग 40 मीटर ऊँचें इस मंदिर का निर्माण सिर्फ काष्ठ हुआ है । यह मन्दिर पैगोडा के सुंदर आकार में है । यह मंदिर अत्यंत सुंदर है । यहाँ आज भी परंपरागत तरीको से पूजा अर्चना की जााती है । इस मंदिर के दीवारों पर सैकड़ों जानवरों के सींग टँगे हुए है ।
कैसे पहुँचे ?
यह मंदिर मनाली शहर के पास के एक पहाड़ पर स्थित है ।
यानि यहां आने के लिए आपको मनाली आना पड़ेगा । वेसे मनाली आने वाले सैलानी यहाँ जरूर आते है । देवदार वृक्षों से घिरे इस मंदिर की खूबसूरती बर्फबारी के बाद देखते ही बनती है । यहाँ आप पैदल प्रकृति के दर्शन करते हुए सीढ़ी होकर या रास्ते से आ सकते है या फिर आप कैब बुक कर सकते है या फिर रेंट बाइक से भी पहुँच सकते है ।
मैं थोड़ा एडवेंचर के मूड में था इसलिए सीढियों से होते हुए मन्दिर जाना तय किया । कुछेक सीढ़ी चढ़ने के बाद हम थक जा रहे थे यहाँ तक कि सर्दियों में पसीने आने लगे थे । उसी दौरान हमने स्कूल से लौटते बच्चों को देखा जो बड़े आराम से उछल कूद करते हुए हमसे आगे निकल गए । सम्भवतः पहाड़ और यहाँ के जीवन से उन्होंने ने आत्मसात कर लिया है ।
कब पहुँचे ?
मन्दिर में बर्फ देखना हो तो बर्फबारी के सीजन में जाना ज्यादा सही रहेगा । वैसे यहां हमेशा सैलानियों की भीड़ रहती है । दशहरा के समय यहां बिशेष पूजन होता है ।
यहाँ एक छोटा सा बाजार और मेला भी लगा रहता है । जिसमें स्थानीय कारीगरों के द्वारा तैयार किये गए शॉल, टोपी,स्वेटर और खेल खिलौने मिलते है । यहा फ़ोटो निकलवाने के लिए परंपरागत वेशभूषा और याक मिलता है ।
यदि आपने 'ये जवानी है दीवानी' फ़िल्म देखी है तो उस फिल्म में एक दृश्य यहां फिल्माया गया है ।
सुबह शाम यहाँ देवी हिडिम्बा की आरती होती है जिसमें यहां के पारंपरिक वाद्य यंत्रों का आनंद लिया जा सकता है । ऊँचें देवदार पेड़ों के बीच मधुर संगीत आपको मन्त्रमुग्ध कर देती है । चूंकि मन्दिर ऊँचाइ पर है तो आप यहाँ से पूरा शहर और ब्यास नदी को निहार सकते है । देवदार वृक्षों के आड़ से ब्यास नदी को देखना अपनेआप में अद्वितीय है ।
आप जब कभी मनाली आये तो इस दैवीय भूमि पर अवश्य पधारें
जयकांत पंडित ज्या










