शाजापुर से पूरी रात सफर करने के बाद हम सुबह सुबह सांवरिया सेठ जी के दर्शन के लिए पहुचे , वहां बाबा के दर्शन में एक गजब की शांति मिली और अब वह पूरे मंदिर का जीर्णोद्वार हो रहा है ।। जिसमे मंदिर परिसर को भव्य बना दिया गया हे और अंदर मंदिर में सोने की पोलिश का काम चल रहा है ।। जय हो सांवरिया सेठ की
अगले दूसरे दिन हम वहां से रामदेवरा की और निकले जिसमे हमे परशुराम महादेव रुकने का सौभग्य मिला , ऊँची पहाड़िया , मनोरम दृश्य , बहते हुए झरने , घाट मनो प्रकर्ति की गोद में हम थे ।। बहुत ऊपर भगवन भोले का मंदिर और भगवान पर पहाड़ो से बहते हुए झरनों से उनका स्नान।।
गजब का वो दिन और वो जगह थी ।
उसके बाद हम वहां से निकले जिसमे हमने रास्ते में ॐ बना का स्थान देखा और वहां से हम रामदेवरा गये , वहां हमने जय बाबा री रामदेवरा में दर्शन किये ।। भव्य पांडाल से होते हुए उनके दर्शन का सौभग्य मिला
अगले दिन हम वहां से पुष्कर जी के लिए निकले जहा हमने रास्ते में रेगिस्तान मरूस्थल का आनंद लिया और वह से पुष्कर जी पहुचे । जहा ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर के साथ वहां के बाजार की रौनक विश्व प्रसिद्द हे । वह के बाजार का आनंद लिया और वहां अरावली की पहाड़ियों को बहुत निकट से देखा । वहां से उसके तुरंत बाद हम अजमेर निकल गए और वहां हमने झील का लुफ्त उठाया
वहां से हम फिर खाटू श्याम जी के लिए निकले , जहा हमने रस्ते में आसमान की घटा में से एक इंद्रधनुष को निहारा और फिर हम निकले, पर वहां पहुचते ही हमने देखा की एकादशी होने की वजह से भयंकर ट्रैफिक था सो हम वहां ना रुकते हुए तभी हरियाणा की तरफ सालासर बालाजी के दर्शन के लिए निकल गए और वहां शाम के बाद लगभग 9 बजे बालाजी दर्शन करके जो शांति प्राप्त हुई वो अविस्मरणीय थी ।
उसके बाद हम मध्य रात्रि में वह से निकले और सुबह सुबह खाटू श्याम जी के दर्शन करे जहा गजब की भक्ति भावना उमड़ रही थी और भक्तों का ताँता लगा हुआ था ।। वहांसे दर्शन के बाद हम घर की और निकल गए ।। 6 दिन की यह यात्रा गजब की आनंद भरी थी और इस यात्रा से जिंदगी भर की सँवरने वाली यादे मिली जो हम कभी भी नही भूल सकते ।।।।