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दार्जिलिंग : 'क्वीन ऑफ हिल्स' के नाम से मशहूर दार्जिलिंग हमेशा से एक बेहतरीन हनीमून डेस्टिनेशन रहा है। कभी सिक्किम का हिस्सा रहे इस हिल स्टेशन की सबसे बड़ी खासियत है यहां के चाय बागान। दूर-दूर तक फैले हरी चाय के खेत मानो धरती पर हरी चादर बिछी हो। एक समय दार्जिलिंग अपने मसालों के लिए मशहूर था लेकिन अब चाय के लिए ही ये विश्वस्तर पर जाना जाता है। यहां स्थित प्रत्येक चाय उद्यान का अपना-अपना इतिहास और अपनी खासियत है।
यहां के खूबसूरत और हरे-भरे चाय के बागानों से दुनियाभर में चाय निर्यात की जाती है लेकिन पश्चिम बंगाल के इस शानदार हिल स्टेशन की खूबसूरती सिर्फ इसके चाय बागान नहीं हैं बल्कि यहां की वादियां भी बेहद मनोहारी हैं। बर्फ से ढंके सुंदर पहाड़, देवदार के जंगल, प्राकृतिक सुंदरता, कलकल करते झरने सबका मन मोह लेते हैं। अपनी इसी खूबसूरती के कारण ही इसे 'पहाड़ों की रानी' कहा गया है और इसकी गिनती दुनियाभर के मशहूर और खूबसूरत हिल स्टेशनों में की जाती है।
दार्जिलिंग की सैर शुरू होती है मशहूर टॉय ट्रेन से, जो पहाड़ियों और खूबसूरत वादियों के बीच से होते हुए गुजरती है। इसकी यात्रा के दौरान चाय के बागान, देवदार के जंगल, तीस्ता और रंगीत नदियों के संगम के खूबसूरत नजारे सैलानियों का मन मोह लेते हैं। बतसिया लूप से गुजरते समय ट्रेन यहां वृत्ताकार घूमती है और यात्रियों को 180 डिग्री के विस्तार में पहाड़ियां नजर आती हैं।
दार्जिलिंग की एक ओर मशहूर जगह है टाइगर हिल, जो शहर से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से सूर्योदय का अद्भुत नजारा बेहद खूबसूरत दिखाई देता है। यही वजह है कि कंचनजंगा की पहाड़ियों के पीछे से सूर्योदय का सतरंगी नजारा देखने के लिए रोजाना देश-विदेश से आए पर्यटक यहां जुटते हैं। इतना ही नहीं, मौसम साफ रहने पर यहां से विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट भी दिखाई देती है।
दार्जिलिंग में संजय गांधी जैविक उद्यान भी है, जहां रेड पांडा और ब्लैक बीयर समेत कई दुर्लभ प्रजाति के जानवर, पशु-पक्षी देखे जा सकते हैं। पर्यटक यहां साइबेरियन बाघ और तिब्बतियन भेड़िए को देखने का मजा भी ले सकते हैं। दार्जिलिंग में रंगीन वैली पैसेंजर रोपवे भी है, जो देश का पहला यात्री रोपवे है।
हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट
दार्जिलिंग की सबसे मशहूर जगहों में से हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट टॉप पर है। इसकी स्थापना साल 1953 में हुई थी। यहां आपको पर्वतारोहण से जुड़े सभी उपकरणों और हिमालय पर चढ़ाई करने वाले शेरपा तेन्जिंग नॉरगे के बारे में जानने को मिलेगा। यहां से आप प्रकृति के खूबसूरत नजारे भी देख सकते हैं।
पद्मजा नायडू हिमालयन जूऑलजीकल पार्क
इस पार्क को दार्जिलिंग जू के नाम से भी जाना जाता है। यह जू कई किस्मों की वनस्पति और जीवों का घर है। यहां के खास आकर्षण रेड पांडा और स्नो लेपर्ड हैं। इस जूऑलजीकल पार्क का नाम पश्चिम बंगाल के गवर्नर पद्मजा नायडू और भारत कोकिला सरोजनी नायडू के नाम पर रखा गया है।
टाइगर हिल
माउंट कंचनजंगा पर सुबह उगते सूरज को देखना कभी न भूल सकने वाला एक्सपीरियंस है। इस नजारे को अपनी यादों में कैद करने के लिए टाइगर हिल सबसे बेहतरीन स्पॉट है। दुनिया के तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत पर दिखने वाले इस खूबसूरत नजारे को आप अपने पार्टनर के साथ इंजॉय कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आप दोनों को सुबह करीब तीन बजे उठना होगा, क्योंकि सनराइज को देखने के लिए टाइगर हिल स्टेशन पर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं।
जैपनीज पीस पगोडा
दार्जिलिंग के जैपनीज पीस पगोडा और बौद्ध मठ आपको अलग ही तरह की शांति का अनुभव करवाएंगे। यह पीस पगोडा सभी जातियों व पंथों को एक कर समाज में शांति व एकता को स्थापित करने के उद्देश्य से बनाया गया है। पेड़ों के बीच बसे इस स्थान पर जाने और वहां समय बिताने का अनुभव आप कभी नहीं भुला पाएंगे।
बतासिया लूप
बतासिया लूप रेलवे ट्रैक का विशाल लूप है जिस पर चलने वाली टॉय ट्रेन 360 डिग्री का टर्न लेती है। दार्जिलिंग की सुंदरता को देखने का इससे अच्छा जरिया और कुछ नहीं हो सकता है। यहां बीच में वॉर मेमोरियल भी है, जिसे उन गोरखा सैनिकों की याद में बनाया गया था जो विभिन्न युद्धों में शहीद हुए थे। बतासिया से बाहर निकलने पर आपको एक मार्केट भी मिलेगा जहां आप लोकल स्नैक्स इंजॉय कर सकते हैं।
दार्जिलिंग घूमने का सही समय
अप्रैल से जून
वैसे तो गर्मियों का महीना अप्रैल से जून के बीच दार्जिलिंग जाने के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है क्योंकि इस दौरान दार्जिलिंग में बहुत ज्यादा गर्मी नहीं पड़ती औऱ मौसम सुहावना रहता है। गर्मी के मौसम में भी दार्जिलिंग का औसत तापमान 25 डिग्री के आसपास रहता है। दिनभर अच्छी हवा चलती रहती है और शामें तो और भी सुहावनी होती हैं। ऐसे में आप साइटसीइंग के साथ ही कई दूसरी आउटडोर ऐक्टिविटीज में भी शामिल हो सकते हैं।
अक्टूबर से मार्च
अक्टूबर वह महीना है जब दार्जिलिंग में मॉनसून का सीजन खत्म हो चुका होता है और हल्की ठंड शुरू हो जाती है। नवंबर के आखिरी सप्ताह से लेकर जनवरी महीने तक दार्जिलिंग में अच्छी खासी और जबरदस्त ठंड पड़ती है और इस दौरान यहां का औसत तापमान 5 डिग्री के आसपास रहता है। हालांकि कभी कभार तापमान माइनस में भी चला जाता है और बर्फबारी होती है। इस दौरान आपको अपने गर्म कपड़े साथ रखने चाहिए। ठंड के मौसम में आप दार्जिलिंग में घूमने और साइटसीइंग का मजा तो ले सकते हैं क्योंकि यहां पूरे दिन आसमान साफ रहता है और धूप खिली रहती है लेकिन शाम और रात में ठंड बहुत होती है।
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