जब भी गोवा का ज़िक्र होता है तो ठंडी हवा, सूरज की चमकती किरणे और तेज़ लहरों का नज़ारा आँखों के सामने आजाता है। और साथ में आती है ठंडी बीयर और स्कूटी की यादें। पर गौर करेंगे तो याद आएगा कि ज़्यादातर गोवा के प्लेन सर्दियों के मौसम में बनते हैं जब शहर का मौसम एकदम सर्द होता है। बजट वाले लोग मार्च, अप्रैल, मई में भी गोवा पहुँच जाते हैं, पर क्या आपने कभी मॉनसून का आनंद लिया है गोवा में। मुझे यकीन है कि जो लोग यह कर चुके हैं वो गोवा में मानसून के गुणगान गाते होंगे। बाकी जो बच गए हैं उनको मैं बताऊँगी इस अनोखे अनुभव के बारे में।
फ़र्ज़ कीजिए आप बीच पर हैं, दोपहर के बारह बजे काले बादल सर पर मंडरा रहे हैं और हवा का बहाव तेज़ होते जा रहा है। आप अपने पार्टनर के साथ इस अजब गज़ब नज़ारे का मज़ा उठा रहे हैं और तभी बारिश शुरू हो जाती है जो इस मामले को और मसालेदार बना देती है। बीच पर ना आपके आगे कोई, ना आपके पीछे, इन लम्हों की कीमत अब हम आपको क्या ही बताएं। ना कबाब में कोई हड्डी मिलेगी और रोमांटिक माहौल की सारी उम्मीदें पार हो जाएंगी। बस मन पर थोड़ा काबू रखियेगा अगर आप अपने पार्टनर के साथ नहीं गए हैं तो। बाक़ी, खुद जाकर ही आप समझ सकते हैं मेरे ऊपर लिखे शब्दों का असली मतलब।
मॉनसून में गोवा का आनंद भी स्कूटी से ज़्यादा किसी और सवारी पर नहीं आता पर आपको अगर थोड़ा लम्बा रास्ता तय करना है तो गाड़ी लेना बहतर रहेगा। अगर सिर्फ रिसोर्ट के आस पास ही घूमना है तो स्कूटी आपको इन हवाओं का असली मज़ा दे सकती है।
अपनी पार्टी वाली उम्मीदों को थोड़ा पीछे छोड़कर आना क्योंकि आपको सारे शैक्स बन्द मिलने वाले हैं। दोस्तों के साथ आओगे तो पार्टी तो रूम पर भी हो जाएगी पर मज़ा इस मौसम में शांत और एकांत गोवा घूमने में है जो आपको नहीं मिलेगा। हम रीवा बीच रिसोर्ट पर रुके थे नार्थ में जो मंडरेम बीच पर है और वहाँ की शांति से ऐसा प्रेम हुआ है कि किसी और वक़्त में अब शायद मेरा गोवा जाने का मन नहीं करेगा।
बीयर से ठंडी जब हवा चल रही थी
उस एकांत समुद्र के पास बादलों तले मैं सपने बुन रही थी
लोग तो नहीं थे आस पास, उनकी कमी भी महसूस ना हुई
मॉनसून वाले गोवा में इस कदर मैं घुल गयी थी।
उन बड़ी लहरों से डर भी लग रहा था
उस शांति की गोवा में आदत न थी
पर नशा इस बार मौसम का चढ़ रहा था इस तरह
कि मैं भूल गयी अपनी सुनहरी यादों को
पुराने दिनों में गोवा को किये कसमें वादों को
क्योंकि मॉनसून वाले गोवा में इस कदर मैं घुल गयी थी।
तो आप भी जाइये गोवा मॉनसून में और अपने तन मन को भिगा दीजिये वहाँ की खूबसूरती में।