हम शहरों में रहते हैं, जहाँ हम रोज़ाना ट्रैफ़िक जाम, प्रदूषण, किराए और अन्य बिलों के डर का सामना करते हैं। कभी-कभी अजीब लगता है जब सड़क पर कोई गाड़ी ना हो, और डिलीवरी बॉय या कैब ड्राइवर बिना आपको कॉल किए समय से पहले हमारे स्थान पर पहुँच जाता है। बेशक, हम इस तरह की बातों से लड़ते-लड़ते, वो डरावनी, अजीबोगरीब कहानियाँ भूल गए हैं, जो हमारे दादा-दादी को रोज़ डराया करती थी। तो चलिए आपको भारत के गाँवों के कुछ पुराने डरावने किस्से के बारे में बतातें है जो आपको बचपन की उन कहानियों की याद दिलाएंगे जिन्हे सुनने के बाद आप अंधेरे में बाहर निकलने से पहले किसी बड़े का हाथ ज़रूर थाम लेते थे।
1. लक्कड सुंघवा, उत्तर प्रदेश और बिहार
एक छोटा लड़का घर से बाहर गाॅंव के धूलभरे रास्ते पर जा रहा था। वह एक अजनबी आदमी से मिलता है जो उसे कुछ दिलचस्प चीज़ देने को कहता है, लेकिन इससे पहले वो लड़के को लकड़ी का एक सम्मोहक टुकड़ा सूंघने को कहता। लकड़ी को सूँघने पर, लड़का अपने होश खो बैठता है, और लक्कड सुंघवा (जो आपको लकड़ी सूंघने को कहता है) जैसा कहता है वैसा करने लगता है और फिर लक्कड सुंघवा उसे दूर अन्जान अंधेरे में कहीं ले जाता है।
2. शिकोल बुरी, पश्चिम बंगाल
गीले लंबे बालों वाली एक भयानक महिला, साड़ी में लिपटी हुई, युवा प्रेमी की तलाश में एक बड़े पेड़ के नीचे बैठी रहती है । वह उसे अपनी सुंदरता से लुभाती है, और फिर झट से उसे तालाब के अंदर खींच लेती है, उस तालाब में जिसके अन्दर वो रहती है।
3. कांगड़ी शादी की रस्में, हिमाचल प्रदेश
पारंपरिक कांगड़ी शादियों में, विदाई से ठीक पहले जब दुल्हन अपने घर से बाहर डोली में निकलती है, उसको आंगन में घूंघट के नीचे उसकी माँ का दूध पिलाया जाता है। और जब बरात ससुराल पहुँचती है, तो दूल्हे को सभी लोगों के सामने खुले में नहाना पड़ता है।
4. मृतकों की सुरंग, नैनीताल
नैनीताल में MES के निरीक्षण में एक बंगला है जो एक पुरानी इमारत है और कम से कम 200 साल पुरानी है। कुछ साल पहले मरम्मत कार्य के दौरान, इमारत के पास एक गुप्त सुरंग का पता लगा। करीब से निरीक्षण करने और खुदाई करने पर, वहाँ एक जेल भी मिली, जिसके पास आज भी एक फंदा लटका हुआ है। जिस क्षेत्र में यह इमारत स्थित है, उसे फांसी गधेरा कहा जाता है, जिसका मतलब 'मृतकों की सुरंग' है। शोध और अनुमान के मुताबिक, इमारत के पास की इस जगह का इस्तेमाल हत्याओं को अंजाम देने के लिए किया जाता था। ब्रिटिश शासन के दौरान, लोगों को यहाँ कैद में रखा जाता था और फांसी देकर मारने के बाद आसानी से सुरंग में फेंक दिया गया था। दिलचस्प बात यह है कि यह सुरंग नैनी झील में खुलती है। जाहिर है, हत्या का यह तरीका आसान था, बगैर किसी गड़बड़ के हत्याओं को छुपाने का यह सबसे अच्छा तरीका था। तो अगली बार जब आप नैनी झील में नाव की सवारी कर रहें हो, तो उन सभी रहस्यों के बारे में सोचना ना भूलें जो झील अपने भीतर छुपाये है!
5. निशीर डाक, पश्चिम बंगाल
अंधेरे में अपका नाम पुकारने वाले को तब तक जवाब ना दें, जब तक कि वो आपको कम से कम तीन बार नहीं बुलाता। निशीर डाक का शाब्दिक अर्थ है अंधेरे का बुलावा, और यह एक छलाने वाली बुरी आत्मा का सकेंत है जो अंधेरे में आपके नाम को पुकारती है और जब आप उसका जवाब देते हैं तो वह आपको अनजान जगह ले जाती है। समझने वाली बात यह है कि निशी आपको दो बार से अधिक नहीं बुला सकती है। और इसलिए, अगर आप जवाब नहीं देते हैं तो एक इन्सान को आपको कम से कम तीन बार बुलाना पड़ेगा।
6. जितिया लोकगीत, नेपाल और पूर्वी भारत
जितिया एक तीन दिवसीय त्योहार है जिसमें माताएँ अपने बच्चों की भलाई के लिए निर्जला व्रत (बिना पानी के उपवास) रखती हैं। उन माताओं के बारे में कई किस्से हैं जो व्रत पूरा नहीं कर पायी। वो माँ जो पानी पीती है वह अपने अगले जीवन में पानी का कीड़ा बनती है, जो फल खाती है वह एक बंदर बनती है, जो मांस खाता है वह शेरनी या ऐसे ही कुछ , साथ ही, उनके बच्चों की अकाल मृत्यु होने की बात भी कही जाती है।
7. गर्भाधारण के बाद ही विवाह, तमिलनाडु
नीलगिरि क्षेत्र के टोडा समुदाय में एक लड़की का विवाह तभी संपन्न होता है जब लड़की होने वाले पति के बच्चे को जन्म दे देती है। शूरूआती समारोह के बाद, दुल्हन कुछ समय दूल्हे के साथ बिताती है, और फिर अपने माता-पिता के घर वापस आ जाती है। अगर लड़की गर्भवती है, तो शादी की तारीख की घोषणा की जाती है, अगर नहीं, तो दुल्हन के परिवार वाले शादी को रोक देते हैं।
8. विषकन्या की रोशनी आपका पहाड़ियों पर मार्गदर्शन करेगी, उत्तराखंड
एक खोए हुए पहाड़ी घूमने वाले यात्री को एक रोशनी दिखाई देती है जो उसकी राह का मार्गदर्शन करती है। यह रोशनी इन्सान की तरह नहीं चलती है, परन्तु पहाड़ियों के ढलान के साथ बढ़ती है, और माना जाता है यह एक विषकन्या की रोशनी है। काल्पनिक लड़की विष पीती है, और जो भी उसके पास आता है वह मर जाता है।
9. बॉन मांची के नक्शेकदम, उत्तरी सिक्किम
पुराने किस्सों के अनुसार, बॉन मांची 4-5 फीट लंबे बालों वाला प्राणी है जो दो पैरों पर चलता है और गायब हो सकता है। स्थानीय लोग उसके होने का विश्वास करते हैं और कहते हैं कि उन्होंने उसकी ज़ोर से सीटीयों की आवाज़ भी सुनी है।
10. राजस्थान के सुधाबाई में बुरी आत्माओं को दूर भगाना
पुष्कर के पास एक कुंड में वार्षिक भूत का मेला आयोजित किया जाता है। जो लोग बुरी आत्माओं से ग्रस्त माने जाते हैं, वे मंगला चतुर्थी पर सुधाबाई कुंड में डुबकी लगाते हैं और उनको भूतों से छुटकारा मिल जाता हैं।
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