ऑफिस में बैठे-बैठे हमारे जिंदगी मशीन और घड़ी की सुई सी हो जाती है। जो वक्त के साथ नहीं, वक्त के पैमाने के साथ चलता है। उसी मशीन से बाहर निकलने के लिए घुमक्कड़ी बनाई है। किसी को पहाड़ों की ओर जाना पसंद है तो किसी को पानी की ओर। सबका एक सपना होता है कि वो गंगा किनारे बैठा हो, हाथ में चाय की प्याली हो और सामने मनोरम पहाड़ हो। जो ऐसी जगह पर नहीं जाते वो दूसरों की फोटोज देखकर सोचते हैं, एक दिन मैं भी गंगा में पैर डालूंगा और पहाड़ों को निहारूंगा। लेकिन वो दिन कभी नहीं आता क्योंकि वहाँ तक पहुँचने के लिए एक आज़ाद मन का होना जरूरी है, एक आज़ाद सोच जरूरी है। जो गंगा की तरह प्रवाहमान और अविरल हो।
गंगा जहाँ से होकर गुजरती है वो स्थान पवित्र और निर्मल हो जाता है। जिस शहर से होकर गुजरती है वो खूब तरक्की करता है, वो स्थान दिव्य कहा जाने लगता है। ऐसी जगहों पर हर कोई जाना चाहता है। गंगा किनारे बसे कुछ शहरों के बारे में हम अपने पिटारे से कुछ निकालकर लाए हैं। जहाँ आपका मन शांत होगा और कुछ बेहतर करने की प्रेरणा देगा।
1. देवप्रयाग
देवप्रयाग उत्तराखंड की एक बेहद प्रसिद्व तीर्थनगरी है यहाँ हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। देवप्रयाग समुद्र तल से 1500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ऋषिकेश से देवप्रयाग की दूरी 70 कि.मी. है। उत्तराखण्ड के पाँच प्रयागों में से देवप्रयाग एक है। यहाँ सबसे मनोरम दृश्य भागीरथी और अलकनंदा का संगम है। यही से दोनों नदियाँ मिलकर गंगा बन जाती हैं। इसके अलावा यहाँ रघुनाथ मंदिर और दशरथ शिला जैसे धार्मिक स्थान भी हैं। पहाड़ के चारों ओर से घिरा ये शहर बहुत शांत और सुंदर है। इस शहर में आए बिना उत्तराखंड आना अधूरा है।
2. ऋषिकेश
पहाड़ों से निकलकर पहली बार गंगा जहाँ मैदानी क्षेत्र में आती है, वो ऋषिकेश है। समुद्र तल से 1360 फीट की ऊंचाई पर स्थित ऋषिकेश भारत के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में एक है। हिमालय की निचली पहाड़ियों और प्राकृतिक सुन्दरता से घिरे इस शहर को गंगा और भी अतुल्य बनाती है। ये शहर आधुनिकता और अध्यात्म का संगम है। यहाँ योग को फैशन की तरह माना जाता है। वहीं यहाँ शांति निकेतन, परमार्थ निकेतन, स्वर्गाश्रम जैसे तपोवन भी हैं। शाम के समय त्रिवेणी घाट पर आरती देखने लायक है। इसके अलावा यहाँ राम झूला, लक्ष्मण झूला, बीटल्स आश्रम देखने लायक जगहें हैं।
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3. हरिद्वार
हरिद्वार हिंदुओं का सबसे पवित्र तीर्थ स्थान होने के साथ एक बहुत प्राचीन नगरी है। प्राचीन ग्रंथों की कई गाथाएँ यहीं सुनाई जाती हैं। हरिद्वार उत्तराखंड का मैदानी क्षेत्र है। ये शहर धर्म और अध्यात्म के लिए जाना जाता है जहाँ साल भर तीर्थयात्री आते रहते हैं। यहाँ शाम को हर की पैड़ी पर आरती देखने लायक है। इसके अलावा हर की पैड़ी के दोनों तरफ चोटी पर चंडी देवी और मंशा देवी के मंदिर हैं। इसके अलावा दक्ष प्रजापति का मंदिर, बल्केश्वर मंदिर, शांतिकुंज और सप्तऋषि मंदिर हरिद्वार के कुछ अहम स्थल हैं। अगर आप हरिद्वार पैदल घूमें तो आपको घर गली में भव्य मंदिर मिलेंगे।
4. प्रयागराज
प्रयागराज, जिसे कुछ समय पहले तक इलाहाबाद कहा जाता था,धर्म और तीर्थ के लिहाज से ये शहर भी काफी महत्वपूर्ण है। कुंभ 2019 के बाद इस शहर में काफी बदलाव आ गया है लेकिन ये शहर अपनी पुरानी पहचान बरकरा रखे हुए है। यहाँ तीन नदियों का संगम है, गंगा, यमुना और सरस्वती। सरस्वती तो अब पूरी तरह से लुप्त हो गई है। ये शहर और भी कई चीजों के लिए जाना जाता है। इस शहर में ही चन्द्रशेखर आजाद ने अपने आपको गोली मार ली थी। वो जगह आज भी है। आनंद भवन, इलाहाबाद किला, स्वराज भवन, सरस्वती कूप, शिवकुटी जैसी शानदार और पौराणिकता अपने में समेटे हुए है ये शहर।
5. वाराणसी
वाराणसी यानी बनारस, दुनिया का सबसे पुराना शहर है। जहाँ की सुबह घंटियाँ के बजने से शुरू होती और रात हर-हर महादेव के जयकारे से। इस शहर को काशी भी कहा जाता है। इस शहर की कई कहानियाँ है, इसलिए आज भी इस शहर को मोक्षदायिनी शहर कहा जाता है। गंगा यहाँ उतनी साफ नहीं है जितनी हरिद्वार और ऋषिकेश में दिखती है, फिर भी गंगा पवित्र और अविरल है। काशी में घूमने को, जानने को बहुत कुछ है, यहाँ अस्सी घाट, मणिकर्णिका घाट, दश्वमेध घाट जहाँ शाम को भव्य आरती होती है। जिसको देखने के लिए दुनिया भर से लोग खिंचे आते हैं। इसके अलावा विश्वनाथ मंदिर और काशी विश्वविद्यालय भी है।
6. कोलकाता
गंगा गोमुख से चलकर अपनी आखिरी छोर बंगाल में आ जाती है और कोलकाता में गंगा हुगली नदी बन जाती है। कोलकाता भारत के सबसे आधुनिक शहरों में से एक है। ये संस्कृति के लिहाज से आज भी भव्य बना हुआ है। इस शहर को देखना मानो एक संस्कृति को देखना है। यहाँ की गलियों में घूमना ही सबसे बड़ी खूबसूरती है। इस शहर में देखने लायक बहुत कुछ है जैसे हावड़ा ब्रिज, विक्टोरिया मेमोरियल, इडन गाॅर्डन, बेलूर मठ, शांति निकेतन आश्रम, कालीघाट और बिड़ला प्लेनेटेरियम। वैसे तो ये शहर हमेशा ही देखने लायक है लेकिन गर्मी के दिनों में थोड़ी दिक्कत हो सकती है।
7. पटना
गंगा किनारे बसा ये शहर बिहार के प्राचीन शहरों मे से एक है जो आज भी आबाद है। पटना इतिहास का गवाह रहा है और आज भी वो कहानियाँ खुद में समेटे हुए है। बौद्ध और जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर, नालन्दा, बोधगया और पावापुरी शहर के पास ही स्थित हैं। पटना सिक्खों के लिये भी पवित्र स्थान है। सिक्खों के 10वें और अंतिम गुरू, गुरू गोविन्द सिंह का जन्म पटना में ही हुआ था। ये शहर प्राचीनता और आज की आधुनिकता के लिए के लिए जाना जाता है। यहाँ घूमने -फिरने वाले स्थान बोधगया, अशोक स्तंभ, डूंगश्वरी गुफा, गांधी सेतु, गोलघर और तख्त श्री पटना साहिब हैं। विश्व प्रसिद्व पशुओं को मेला सोनपुर भी यहीं लगता है।
ये वो शहर है जो गंगा के किनारे बसे हैं। इनकी अपनी विशेषता है, कुछ तो इतने सुंदर है कि वहाँ का सूर्यास्त और सूर्यादय हर रोज देखने का मन करता है। ऐसी जगहें सुकून देती हैं, आपको भी इन शहरों की सैर करनी चाहिए।