धार्मिक एकता की मिसाल है गुवाहाटी: इस मंदिर की देखभाल करता है मुस्लिम परिवार

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भारत वैसे तो मूल रूप से एक सांप्रदायिक और धर्म निष्पक्ष देश है, जहाँ हर कोई अपने हिसाब से अपने धर्म और धारणा को मान सकता है। लेकिन कुछ वक्त से देश में चल रहे माहौल और खबरों पर नज़र डालें तो शायद इस बात पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल लगता है। पर ये इंडिया है मेरे दोस्त, जहाँ चमत्कार दिखते देर नहीं लगती। कुछ ऐसे ही, धार्मिक एकता की एक चमत्कारी मिसाल है गुवाहाटी का शिव मंदिर।

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श्रेय: ANI

गुवाहाटी में बसे रंगमहल गाँव में 500 साल पुराना शिव मंदिर है, जहाँ हिंदु श्रद्धालु तो सिर झुकाने आते ही हैं, वहीं इसकी देखभाल करता है हाजी मतिब रहमान और उनका परिवार। ये किस्सा कोई नया नहीं है, बल्कि हाजी साहब का परिवार कई पीढ़ियों से इस मंदिर की देख-रेख कर रहा है। जहाँ हिंदू भाई यहाँ पर आकर भोलेनाथ की आरती गाते हैं, वहीं हाजी रहमान और दूसरे मुसलमान भाई इसी जमीं पर नमाज़ अदा करते हैं।

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हाजी, जो यहाँ मौजूद भगवान शिव को प्यार से 'नाना' बुलाते हैं, उन्हें अपने और इस जगह के पूवर्ज देवता के तौर पर देखते हैं। इस गाँव के लोगों के लिए एक दूसरे की भावनाओं की इज्जत करना उनके धर्म या रंग से कहीं ज्यादा अहम है।

अपनी वादियों की खूबसूरती के लिए दुनियाभर में मशहूर हमारा कश्मीर भी हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल कायम करने में पीछे नहीं है। कश्मीर की घाटी में बसे 900 साल पुराने एक शिव मंदिर में भी दो इमाम, मोहम्मद अबदुल्लाह और गुलाम हसन, पूरे रिती- रिवाज़ों के साथ पंंडित की धर्म निभाते हैं। कश्मीरी पंडितों के इलाके से चले जाने के बाद, इन इमामों ने बड़ी खुशी से मंदिर को चलाने का दारोमदार अपने कंधों पर ले लिया था। ये घाटी का एकलौता हिंदू पवित्र स्थल है जिसकी देख-रेख इमाम कर रहे हैं।

भई सही मायनों में तो यही मेरा असली इंडिया है। हाजी रहमान, रंगमहल गाँव के लोग और मोहम्मद अबदुल्लाह जैले लोग ही तो हैं, जो हमारी गंगा-जमूनी संसकृति, जिसपर हम भारतीय इतना नाज़ करते हैं, उसे आज भी कायम किए हुए हैं। क्यों, सही कहा ना?

अगर यह पढ़कर आपका सीना गर्व से चौढ़ा हो गया है, और आप भी ऐसी मिसालों के बारे में जानते हैं, तो उनके बारे में Tripoto पर लिखें।

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