पिछले कुछ सालों में पर्यटन में इजाफा होने के कारण हमारी पर्यटक होने के नाते जिम्मेदारी भी बढ़ गयी है. यह हमारी ही जिम्मेदारी है की दुनिया भर में स्तिथ सुन्दर जगहों की सुंदरता ऐसी ही बानी रहे ताकि प्रकृति फले फूले. भारत के सभी प्रदेशों में सरकारें अपनी ओर से ऐसे कई प्रयास कर रही है जिससे पर्यटन के सभी आकर्षण सही तरीके से बचें रहे. आपको पता ही होगा की कुछ हफ़्तों पहले गोवा की सरकार ने वहां के तटों पर बैठ कर शराब के सेवन पर पाबंदी लगा दी थी. पर इससे प्रेरित होकर कुछ लोगों को एक नयी तरकीब सूझी है जिससे की गोवा के तटों के सफाई अभियान को भी बढ़ावा मिलेगा.
इसको जाना जाता है वेस्ट बार कांसेप्ट के नाम से. आप अगर बियर बोतल के 10 कैप और 20 सिगरेट बूट्स काउंटर पर वापस करें तो आप इसके बदले में एक फ्री बियर मिल सकती है. इस तरकीब का मकसद यही है की आने वाले लोगों के बीच सफाई को ले कर जागरूकता बड़े और उनको नए तरीके से बीच में अच्छा समय बिताने का भी विकल्प मिले. यह प्रोजेक्ट पहली बार 30 जनवरी से बागा बीच स्तिथ ज़़ैज़िबार शैक पर शुरू हुआ. वहां पर गोवा का सबसे पहले पॉप उप वेस्ट बार स्थापित किया गया. यही पहल अब गोवा के और बीच जैसे की कालांगुट और कैंडोलिम में महीने के दो दिन की जाएगी. जहाँ लोगो शाम 4 से 6 बजे तक सफाई अभियान में हिस्सा लेंगे.
इस पहल को इजात किया है दृष्टि मरीन नाम की निजी बीच मैनेजमेंट संस्था ने. इसमें सरकार का भी सहयोग है ताकि पूरे गोवा के तटों की सफाई हो सके. ये पॉप उप वेस्ट बार "तेरा मेरा बीच" नाम के एक अभियान का हिस्सा है.
दृष्टि मरीन अभियान चलने वाली नौरीन वन होल्सटीन कहती है, "वेस्ट बार का कॉसेप्ट सभी के लिए फायदे का सौदा है. रेस्टोरेंट्स चलने वालों को ऐसे बहुत सारे खुशमिजाज़ ग्राहक मिलते हैं जो की इस सकारात्मक सोच को और बढ़ावा देते हैं. बहुत सारे ऐसे ग्राहक भी आते हैं जो अपने आस-पास चल रही सफाई में योगदान देना चाहते हैं. इसके बदले में आपको फ्री बियर मिले तो आप और क्या चाहेंगे? ब्रांड्स के लिए भी यह एक सकारात्मक कैंपेन है जिससे की उनके ग्राहक उन्हें अच्छे परिप्रेक्ष्य में देख सकें."
"लोग जयादातर गोवा दो चीज़ों के लिए आते हैं: यहाँ के बीच और यहाँ के बार. यह अभियान हमारे ग्राहकों को वही दो चीज़ें देता है. तटों पर कूड़ा कम करने के बदले फ्री बियर. इससे यहाँ आने वाले लोगों में भी और जागरूकता आती है की वो तटों को और गन्दा न करें. हम यहीं चाहते हैं की पर्यटक गोवा से एक सकारात्मक सोच के साथ लौटे और साथ ही उनको साफ़ तटों का भी अनुभव हो."
यह अभियान की शुरुवात पहली बार नेदरलॅंड्स में नौरीन वन होल्सटीन ने की. उसके बाद धीरे धीरे इस अभियान की चर्चा पूरे विश्व में हुई. पहले पायलट प्रोजेक्ट के बाद ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से इस अभियान की खबर हर जगह फैल गयी.
गोवा में हर साल पूरे विश्व से 8 मिलियन से ज्यादा पर्यटक आते हैं और यहाँ के तटों की अक्सर उनकी गन्दगी के कारण बहुत बदनामी भी होती है. सरकार अपना सहयोग देकर चाहती है की इस अभियान से कुछ सकारात्मक बदलाव आएं और साथ ही यहाँ आये हुए पर्यटकों को एक अच्छा अनुभव भी मिले. हालाँकि यह सोचने की बात है की सरकार को ऐसी बार्टर स्कीम्स की सहायता लेनी पड़ रही है पर ख़ुशी की बात यह है की बदलाव आ रहा है. कुछ ही सालों में हम एक साफ़ सुथरा गोवा देख सकते हैं.