आप में से बहुत सारे लोग जानते होंगे की मुंबई छोटे-छोटे 7 द्वीपों से बना हुआ है और यकीन नहीं होता की टापुओं का यह समूह दुनिया के सबसे बड़े शहरों में गिना जाता है. यहाँ आने वालों के लिए अवसरों की कमी नहीं है. मुंबई में रोज़गार के साधन अनेक है इसी लिए यहाँ आबादी बेशुमार है.
पर सोचा जाए तो इस शहर में मुश्किल है तो शान्ति के कुछ पल ढूढ़ना. अगर आप मुंबई में नए हैं तो शायद आपको इस शहर को बाहरी रूप से देख कर ऐसा लग सकता है की संस्कृति और नैसर्गिक सुंदरता का यहाँ दूर दूर तक पता नहीं है पर आपको इस शहर के कुछ कोने छानने होंगे ताकि आपका असली मुंबई से परिचय हो सके. इसके लिए यहाँ समय बिताना ज़रूरी है.
मुंबई में कुछ समय बिताने के बाद जब मुझे मरीन ड्राइव पर दोस्तों के साथ शामें बीतने की आदात सी हो गयी थी, तभी मुझे पता चला की मरीन ड्राइव सरीखी एक और जगह है जहाँ शाम के समय आप दोस्तों के साथ या अकेले कुछ शान्ति के पल बिता सकते हैं.
जब एक दोस्त ने मुझे बताया, "तुमको पता है मुंबई में एक और मरीन ड्राइव है?" तो मेरा ज़ाहिर सा उत्तार यही था के शायद टूरिस्ट समझ कर कोई फिर मेरा मखौल उड़ाना चाहता है. पर यह बात सच थी. मुंबई में एक और मरीन ड्राइव है.
मुझे यकीन तब ही हुआ जब मैंने यह जगह अपनी आखों से देखी. मरीन ड्राइव मुंबईकरों की शान है. बाहर से आने वाले लोगों को यह समंदर का किनारा वो कुछ पल सुकून के देता है जो इस भीड़-भाड़ वाले शहर में मिलना मुश्किल है. ज़ाहिर है क अगर मुंबईकरों को बताया जाए की शहर में एक नहीं दो मरीन ड्राइव हैं तो उनमें इसके बारे में जानने की उत्सुकता तो होगी ही.
तो आईये देखें की मुंबई की किस जगह को लोगों ने दुसरे मरीन ड्राइव की उपाधि दे दी है.
यह जगह है मध् सीफेस और यह बोरीवली स्तिथ नेशनल पार्क से एक घंटे की दूरी पर है. यहाँ पहुंचने के लिए आपको लिंक रोड लेनी होगी और मलाड मालवणी के पास जाना होगा.
इस सफर में अपनी गाड़ी ले जाना ही ज्यादा सहूलियत भरा होगा क्यूंकि मध् सीफेस पहुंच कर ऑटो या गाडी मिलना मुश्किल है. यहाँ जाने वाली सड़कें काफी संकरी हैं इसलिए जाने से पहले ट्रैफिक के बारे में जान लेना चाहिए.
एक बार अगर आप मर्वे रोड पहुंच जायेंगे तो सड़क और भी संकरी हो जाती है और यहाँ के नज़ारे देख आपको अपनी गोवा की छुट्टियों की पक्का याद आ जाएगी.
आपको यहाँ जाने के रास्ते में ट्रैफिक भी मिल सकता है. इसलिए देर शाम के वक़्त इस रास्ते पर न जाएँ. यहाँ जाने का सही समय भी सुबह-सुबह ताकि आप सूर्योदय के समय वहां पहुंच जाएँ और आपको वर्सोवा बीच के पीछे होते सूर्योदय का नज़ारा साफ़-साफ़ दिख सके. या फिर यहाँ जाने के लिए आप ४ बजे शाम भी निकल सकते हैं ताकि शाम के समय सूरज ढलने से पहले आप वहां पहुंच जाएँ.
मध् का रास्ता मुंबई के दो प्रसिद्ध बीच, अक्सा और सिल्वर बीच से होते हुए जाता है. हालाँकि ये दो जगह मुंबई के प्रसिद्ध स्थानों में से जाने जाते है पर इन बीच पर दोस्तों के साथ ही जा सकते हैं.
मध् जाने के रास्ते में किलेश्वर महादेव रोड से दाएं लेने से पहले आपको ट्रैफिक का सामना करना पड़ सकता है. एक बार आप इस रोड पर पहुंच जाएं तो आप सीधे जाने वाला दूसरा रास्ता लें. आप मध् पहुंच जाएंगे.
हालाँकि नज़ारे यहाँ से बहुत सुन्दर दिखते हैं पर अगर आपको सूखी मछली की गंध से नफरत है तो अपनी नाख ढकना न भूलें. यहाँ पर रहने वाले ज्यादातर लोग मछवारे हैं इसलिए इस तट पर अनेकों मछलियां देख कर चौकिएगा नहीं. शायद आपको पता ही होगा की मुंबई में खाने के शौक़ीन लोगों के बीच सूखी मछली की कितनी मांग है.
अगर आपको मछली की गंध से परेशानी है तो आप कुछ दूर स्तिथ पत्थरों के ऊपर भी बैठ सकते हैं. वहां से आपको मुंबई शहर का सुन्दर नज़ारा भी दिखेगा.
इस बीच के बहुत पास है मध् फोर्ट जो की वर्त्तमान में पर्यटकों के लिए बंद है और इस किले में समय के साथ बहुत टूट फूट भी हो चुकी है. पिछली बार जब हम यहाँ आये थे तब किले के पीछे से एक छोटे से रास्ते में चल कर हम इस किले के पश्चिमी कोने में पहुंच गए थे. पर अब सरकार ने इस किले के सभी द्वार बंद करवा दिए हैं और अंदर जाने का कोई रास्ता नहीं है.
समुद्र के मनोरम दृश्य यहाँ से हर शाम दिखते हैं. इसके बाद आप यहाँ स्तिथ शिव मंदिर भी जा सकते है जो की काफी ऊचाई पर है जहाँ से बहुत सुन्दर नज़ारा दिखता है.
हालाँकि इस जगह को कम ही लोग जानते हैं और पिछले कुछ दशकों में इस जगह की बहुत अनदेखी भी हुई है, पर आने वाले सालों में अगर इस छोटी सी जगह का विकास हो तो यह मुंबई का एक और मरीन ड्राइव बनने की कबीयत रखता है.