भानगढ़ का किला भारत की सबसे भूतिया जगह के नाम से जाना जाता है। अलौकिक होने की वजह से भी ये जगह काफी लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचती है। यहाँ की भूतिया कहानियों की वजह से भानगढ़ काफी टूरिस्ट्स का नया ठिकाना बन गया है।
जिज्ञासु यात्री यहाँ मज़े मारने के लिए आते हैं, कुछ निराश लौट जाते हैं तो कुछ इन कहानियों और रहस्य में खो जाते हैं। अगर आप भी उन यात्रियों में से एक हैं तो खुद आकर भानगढ़ देखना एक अच्छा विचार है।
भानगढ़ की कहानी
ज़्यादातर लोग यह मानते हैं कि भानगढ़ प्रेतवाधित है और इसके लाखों मशहूर क़िस्से हर यात्री को सुनाए जाते हैं। शाम को किले में जना बहादुरी और बेवकूफी का काम है। लेकिन रात के अंधेरे में कोई ये साहस न करे इसलिए आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया ने रात को यहाँ जाना बैन भी किया हुआ है।
स्थानीय लोगों की भानगढ़ के किले से जुड़ी मनपसंद कहानी है राजा माधो सिंह की जिन्होंने गुरु बालू नाथ की सहमति से यह शहर खड़ा किया था। शर्त यह थी की महल की छाया उनके प्राथना स्थान पर नहीं पड़नी चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो प्रलय आजायेगी।
जब निर्माण पूरा हुआ तो छाया पड़ी और भानगढ़ उसी समय तहस नहस हो गया। दोबारा फिर कभी खड़ा नहीं हो पाया। हैरानी की बात यह है की भालू नाथ का मकबरा अभी भी खण्डर में मिल जायेगा।
भूतिया भानगढ़ फोर्ट की एक और गाथा
यह कहानी है राजकुमारी रत्नावती की। उनकी खूबसूरती की तारीफ समुद्र पार तकअलग अलग राज्यों में की जाती थी। जब वो 18 बरस की हुई तो काफी लोगों ने उनका हाथ माँगा। इन सब लोगों में एक जादूगर सिन्घीआ भी था जिसे पता था कि वो रत्नावती के लायक नहीं है। पर उसने राजकुमारी को अपने जादू के जाल में फंसाने का सोचा।
उसने रत्नावती की दासी को बाजार में देखा और उस तेल पर जादू कर दिया जो वो खरीद रही थी। उसने सोचा कि रत्नावती तेल को छूते ही अपने आप को जादूगर के हवाले कर देगी। लेकिन उसकी चोरी पकड़ी गई, रत्नवती ने तेल ज़मीन पर फेंक दिया जिसने चट्टान बनकर जादूगर को रौंद दिया।
मरने से पहले सिंघिआ ने भानगढ़ को बर्बाद होने श्राप दिया जिसकी वजह से वहाँ कभी पुनर्जन्म नहीं हुआ। और तो और अजबगढ़ और भानगढ़ के युद्ध में रत्नावती की मृत्यु भी हो गयी। स्थानीय लोग अभी भी मानते हैं की रत्नवती किसी और रूप में आएँगी और भानगढ़ के श्राप का अंत करेंगी।
भानगढ़ का किला: भारत की सबसे डरावनी जगह
वैसे तो वैज्ञानिकों ने भानगढ़ की कहानियों को ख़ारिज किया है पर गाँवों वाले अभी भी इसे भूतिया मानते हैं। लोगों ने ऐसी आवाज़ें सुनी हैं जिसका कोई अता पता नहीं है। स्थानीय लोगोंं के हिसाब से उन्होंने एक औरत को रोते चिल्लाते, चूड़ियाँ तोड़ते सुना है और किले से अजीब से संगीत की आवाज़ें भी आती हैं। यहाँ के लोगों को अक्सर परछाइयों के साथ-साथ किले से अजीब सी गंध भी आती है। कुछ लोगों को लगता है कि यहाँ कोई उनका पीछा कर रहा है तो कुछ को पीछे से थप्पड़ भी लगा है। इसीलिए सूर्यास्त के बाद दरवाज़ों पर ताला लग जाता है और रात को किले में एंट्री बिलकुल बैन है । यह कहानियाँ मनघंड़त है या असल? कोई कुछ कह नहीं सकता।
भानगढ़ फोर्ट कैसे पहुँचें?
सड़क यात्रा: भानगढ़, दिल्ली से 300 कि.मी. की दूरी पर है। अगर आप सुबह दिल्ली से निकलेंगे तो शाम तक भानगढ़ किला आराम से देख लेंगे। आपको गाड़ी रेंट पर लेनी चाहिए जो आपको नीमराना, जयपुर, सरिस्का, अलवर भी घुमा दे।
ट्रेन यात्रा: दिल्ली से अलवर तक आप शताब्दी भी ले सकते हैं और फिर वहाँ से किले तक के लिए टैक्सी। ट्रेन बुकिंग एडवांस में करवानी पड़ेगी और याद रखिएगा कि भानगढ़ में होटल और रेस्टोरेंट्स नहीं हैं। वैसे तो आपको रास्ते में ढाबे मिलेंगे पर अपना खाना पैक करके चलने में समझदारी है।
भानगढ़ किले का समय
सुबह 6 से शाम 6 बजे तक
भानगढ़ जाने का सबसे अच्छा समय
अक्टूबर से फरवरी के बीच भानगढ़ जाना बेहतरीन होगा क्योंकि इस समय मौसम थोड़ा ठंडा होता है।
भानगढ़ के पास और क्या देखें?
जिनको वन्य जीवन से प्यार है उनके लिए सरिस्का नेशनल पार्क और टाइगर रिज़र्व एक आदर्श जगह है। ये भानगढ़ किले से 40 कि.मी. की दूरी पर है। यहाँ आप जंगलों के बीच साम्बर, बन्दर, सियार और मोर जैसे जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं। लेकिन हाँ, टाइगर नज़र आने के लिए आपका दिन बहुत ही शुभ होना चाहिए।
जयपुर दुनिया के सबसे प्यारे शहरों में से एक है क्योंकि ये भारत को बहुत ही करीब से दर्शाता है। राजस्थान कि राजधानी किले से 85 कि.मी. दूर है और यहाँ पर शॉपिंग करने के बहुत विकल्प हैं। ऑटो रिक्शा से लेकर ऊँट तक, आप किसी भी चीज़ कि सवारी कर सकते हैं।
राजस्थान के सबसे पूर्व राज्यों में से एक, अलवर एक छुपा हुआ नगीना है। यहाँ किले और महलों की कमी नहीं। अगर आप शोरगुल से दूर कहीं रहना चाहते हैं तो अलवर एक अच्छी जगह है। यह भानगढ़ से 90 कि.मी. दूर है।
ज़्यादातर लोग यहाँ पर नीमराना महल जाते हैं जो लग्ज़री रिज़ॉर्ट है। इंडस्ट्रियल हब होने के साथ, इस ऐतिहासिक नगरी का जादू अभी भी बरक़रार है। नीमराना भानगढ़ से 150 कि.मी. की दूरी पर स्थित है ।
क्या आप भानगढ़ गए हैं? आपने कुछ भूतिया महसूस किया? अपनी यात्रा अनुभव के बारे में Tripoto पर लिखिए।