ये ब्लॉग सिर्फ़ उन लोगों के लिए है जो पहली बार चादर ट्रैक पर जा रहे है। इस ब्लॉग में सिर्फ़ उन बातों के बारे में लिखा है जो आपने पहले कही नहीं पढ़ी होंगी। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि चादर ट्रैक पर जाने से पहले मैंने बहुत सारे ब्लॉग पढ़े है और इन बातों का ज़िक्र कही नहीं किया गया। चादर ट्रेक पर जाने से पहले मेरे और मेरे साथ जाने वाले दोस्तों के मन में बस हमेशा यही सवाल था की हमें अपने साथ क्या क्या लेकर जाना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। लेकिन जब तक हमने ये ट्रेक पूरा नहीं कर लिया ये सब सवाल हमारे साथ ही चलते रहे।
इस ट्रेक को शुरू करने से पहले हमने डिकैथ्लान में एक छोटी सी वर्कशॉप अटेंड की जिस से हमें पता लगा की हमें किस प्रकार के कपड़े पहनने चाहिए और कुछ छोटी छोटी बातों के बारे में जानकारी दी की हमें ट्रेक पर किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। जिसके बारे में मैं अभी बात करूँगा।
इस वर्कशॉप के बाद हमने अपनी ट्रेक की ज़रूरतमंद चीज़ों की ख़रीदारी शुरू कर दी। एक ट्रैक पेंट, टॉर्च, दो फ़्लीस, ट्रेकिंग पोल, वॉटर प्रूफ़ जूते, जैकेट, दस्ताने, तीन चार जोड़ी जुराबें, टोपी, धूप के लिए चश्मा, मंकी कैप, ऊपर और नीचे के लिए दो जोड़ी थर्मल, सन स्क्रीन, वेट टिशू, वेस्लिन, टॉयलेट रोल।
ऊपर ख़रीदी गई चीज़ों में से कितनी चीज़ें काम में आने वाली थी इसका ट्रेक पर जाने के बाद ही पता लगने वाला था।
छः दिन का ट्रैक करके आने के बाद जिन चीज़ों के बारे में हमें पता लगा की क्या क्या हमारे पास होना चाहिए उसके बारे में मैं आपको अब बता देता हूँ। बहुत सी चीज़ें हम लोग दिल्ली से ही ख़रीद चुके थे लेकिन एक चीज़ जिसे हम समझ नहीं पा रहे थे की ग़म बूट ख़रीदने या की नहीं और लेह पहुँचने के बाद हमारे गाइड ने भी हमें ग़म बूट्स ख़रीदने के लिए ही बोला। हालाँकि हमारे पास वॉटर प्रूफ़ जूते थे लेकिन आख़िरकार गाइड की बात मानते हुए ग़म बूट्स ख़रीद लिए जो लेह मार्केट में 350₹ - 450₹ तक में मिल जाते है।
1. सबसे पहले बात करते है सिर ढकने के लिए आपके पास एक गर्म टोपी होनी चाहिए जो बहुत ज़्यादा आपके सिर पर टाइट ना हो। यहाँ पर मैं मंकी कैप इसलिए नहीं सजेस्ट करूँगा क्योंकि कई जगह बहुत तेज़ धूप में आपको चश्मा लगाना पड़ेगा और मंकी कैप में आपकी नाक के ढके होने से आपकी साँस आपके चश्मे के शीशे पर जाकर लगने से आपका शीशा धुंधला हो जाएगा तो बेहतर होगा आप एक गर्म टोपी ही पहने। नाक को ढकने के लिए आप कोई पट्टी रखे जिसको आप आसानी से कभी भी अपनी नाक पर लगा और हटा सकते है।
2. आँखो के लिए एक अच्छा चश्मा जो धूप से आपको बचा सके। या तो आपको धूप मिलेगी ही नहीं और जब यहाँ पर जब धूप होती है तो बहुत तेज़ होती है। तो एक अच्छा चश्मा बहुत ज़रूरी है। और आप अपना चश्मा अपने बैग में ऐसी जगह रखे जिसको आप आसानी से कभी भी निकाल कर लगा सके। क्योंकि हर मोड़ पर आप एक अलग पहाड़ के पीछे होंगे। उस समय या तो सूरज पहाड़ के पीछे छिपा होगा या आपके आँखो के ऊपर।
3. चेहरे पर लगाने के लिए एक अच्छी सनस्क्रीन। जैसा कि मैंने बताया की धूप बहुत तेज़ होती है। तो आप सुबह सनस्क्रीन लगा कर ही अपना ट्रेक शुरू करें। ऐसा भी हो सकता है कि आपको पूरा ट्रेक में धूप के दर्शन भी ना हो।
4. उसके बाद गले को ढकने के लिए चाहे तो एक पट्टी रखें या कोई मफ़लर भी रख सकते है। वैसे तो जैकेट भी ऊपर तक बंद रखने से काम चल सकता है लेकिन कपड़ों की दो तीन लेयर होने की वजह से आपकी जैकेट गले पर बहुत टाइट हो जाएगी। बेहतर यही होगा आप गले को ढकने के लिए एक मफ़लर या एक पट्टी ले ले।
5. अब बात करते है शरीर के ऊपरी भाग के कपड़ों की। सबसे नीचे एक ड्राई फ़िट और फिर उसके ऊपर एक थर्मल और उसके ऊपर एक जैकेट। यहाँ पर मैंने थर्मल को सबसे नीचे इसंलिए नहीं डाला क्योंकि आपको चलते हुए पसीना आएगा और आपका थर्मल गिला ही रहेगा।ज़्यादा अच्छा ये रहेगा आप रात को सोते समय ड्राई फ़िट की जगह थर्मल डाल ले।
6. हाथो में आपके दस्ताने होने चाहिए। जिन दस्तानों की मैं फ़ोटो डाल रहा हूँ मैं ये वाले इसलिए सजेस्ट कर रहा हूँ क्योंकि आप इनको बिना पहने हुए भी अपने हाथ पर टांग कर रख सकते है। अगर आप इनको नहीं पहनना चाहते तो कही भी अपने बैग पर टांग कर रख सकते है।
7. टांगो में आपको एक थर्मल और उसके ऊपर एक वॉटर प्रूफ़ ट्रेकिंग पेंट होनी चाहिए। मैंने जो ट्रेकिंग पेंट डाली थी वो कोलंबिया से ख़रीदी थी और वो बहुत ही अच्छी थी। हमारे ग्रुप के बहुत से लोगों ने ट्रैक पेंट लेह से भी ख़रीदी थी। जब तक आपको पानी से नहीं गुज़रना पड़ता आपकी नोर्मल वॉटर प्रूफ़ पेंट भी काम चला सकती है लेकिन जहाँ आपको पानी से गुज़रना पड़ा वहाँ आपको एक बहुत अच्छी वॉटर प्रूफ़ ट्रैक पेंट की बहुत ज़रूरत महसूस होगी।
8. पैरों में आप वॉटर प्रूफ़ जूते और सिर्फ़ एक जोड़ी जुराब काफ़ी है। ट्रैक करते हुए आपको दो तीन जोड़ी जुराब डालने की कोई ज़रूरत नहीं है।क्योंकि चलते हुए आपको ज़्यादा ठंड नहीं महसूस होगी। डिकैथ्लान पर बहुत से अच्छे वॉटर प्रूफ़ जूते मिलते है। अब बात आती है ग़म बूट्स की। अगर आपकी क़िस्मत अच्छी है और आपको हर जगह बर्फ़ जमी हुई मिलती है तो आपको ग़म बूट्स की बिल्कूल भी ज़रूरत नहीं है। और अगर कही बर्फ़ नहीं जमी हुई है और अगर आपको पानी में चलना है तो ग़म बूट्स ही आपके लिए सबसे बढ़िया विकल्प है। ग़म बूट आप अपने नम्बर से एक या दो नम्बर बड़ा ही लेना ताकि उसमें मोटी जुराब डालने के बाद वो आपके पैर में आसानी से आ सके। और आप ग़म बूट्स को अपने बैग पैक पर ऐसी जगह बाँध कर चलिए की आप उसको कभी भी बैग से उतार कर पहन सके।
9. आप ऐसे एक जोड़ी जूते और खरीद लें जिनको आप आसानी से मोटी जुराबों के साथ कभी भी आसानी से पहन और उतार सके। इन जूतों का इस्तेमाल आप ज़्यादातर शौच के समय और जब रात को खाने के लिए आपको अपने टेंट से निकल कर जहाँ सब लोग खाना खाते है वहाँ जाने के लिए कर सकते है। यहाँ ग़म बूट का इस्तेमाल भी कर सकते है लेकिन सुबह की शौच के समय उसमें आपको परेशानी हो सकती है।
10. एक अच्छी पानी की बोतल जिसमें पानी देर तक गर्म रहे। जिसको हम Insulated Bottle बोलते है वो भी आपके लिए बहुत ज़रूरी है। ये बोतल इतनी बड़ी हो की इसमें कम से कम 500ML पानी आ सके।
11. ट्रेकिंग पॉल। ये आपके ट्रैक पर आपका सबसे अच्छा साथी होगा।आपका ट्रेकिंग पॉल ऐसा होना चाहिए जिसको आप छोटा या बड़ा कर सके। आप इसको अपने सहूलियत के हिसाब से पहले ही दिन एडजस्ट कर लें और जब तक आपका ट्रेक ख़त्म ना हो इसको ऐसे ही रहने दे। हम लोग दिन के अंत में इसको पैक करके रख देते थे और जब सुबह उसको फिर से खोलना पड़ता था तो ये सोच कर ख़ुद पर ग़ुस्सा आता था कि इसको छोटा करके रखने की क्या ज़रूरत थी।
12. वेट टिशू (Wet Tissue), साधारण टिशू पेपर और Hand Sanetizer। ये सब चीज़ें आपके पास अच्छी मात्रा में होनी चाहिए। पूरे ट्रेक के लिए आपको एक वेट टिशू/Wet Tissue का पैकेट काफ़ी है। ये सब चीज़ें आपको सुबह ट्रेक शौच के समय काम आएगी। पानी के इस्तेमाल का तो आप सोचिए भी मत।
13. Listerine/Colgate Plex/Toothpaste ये सब आपको सुबह ब्रश करने के लिए चाहिए। इसके लिए आपको सुबह गर्म पानी मिल जाएगा तो आप आराम से अपना मुँह धो सकते है।
14. स्लीपिंग बैग और टेंट: इसके लिए आप ज़्यादा कुछ कर नहीं सकते। क्योंकि आपको वही लोग देते है जिनके साथ आपने अपना ट्रेक बुक किया होता है। तो आप पहले दिन ही स्लीपिंग बैग चैक कर सकते है। और आपको अपना स्लीपिंग बैग का नम्बर याद रखना होगा और ट्रेक के अंत तक उसी का इस्तेमाल करेंगे। आप चाहे तो अपना स्लीपिंग बैग भी लेकर जा सकते है।
इसी के साथ कुछ और 1-2 ऐसी बातें जिनका पता होना आपको बहुत ज़रूरी है। सबसे बड़ी बात अगर आप बहुत सफ़ाई पसंद इंसान है तो जब तक आप ट्रेक पूरा कर के अपने होटल पर वापिस नहीं आ जाते तब तक आप साफ़ सफ़ाई को लेकर अपने आप से और किसी से शिकायत ना करें। क्योंकि इस ट्रेक पर आपको उन्ही सब परिस्थियों का सामना करना है जो शायद आपको क़तई पसंद ना हो। क्योंकि जो कपड़े आप सबसे पहले दिन डाल कर चले हो अगले सभी दिन आपको उन्ही कपड़ों में इस ट्रेक को पूरा करना है क्योंकि अगर आप सोच रहे है की आप कपड़े बदल लेंगे तो भी वहाँ की ठंड आपका मन बदल देगी।
और इसी के साथ एक आख़िरी बात। जब आप इस ट्रेक से वापिस आने के बाद जब आप नहाएँगे वो आपकी ज़िंदगी का सबसे बेहतरीन नहाना/स्नान होगा। और इस ट्रेक को पूरा करने के बाद आप अपने आप के ऊपर गर्व कर सकते है क्योंकि ये भारत के कई ट्रैक में से एक बहुत मुश्किल ट्रैक है।
और मैं आशा करता हूँ इस आर्टीकल को पढ़ने का समय आपने दिया है वो आपके काम आए और आपका और आपके दोस्तों का ये ट्रैक जीवन भर के लिए यादगार बने।
वापिस आने के बाद जब आप नहाएँगे वो आपकी ज़िंदगी का सबसे बेहतरीन नहाना/स्नान होगा। और इस ट्रैक को पूरा करने के बाद आप अपने आप के ऊपर गर्व कर सकते है क्योंकि ये भारत के कई ट्रेक में से एक बहुत मुश्किल ट्रेक है।
और मैं आशा करता हूँ इस आर्टीकल को पढ़ने का समय आपने दिया है वो आपके काम आए और आपका और आपके दोस्तों का ये ट्रेक जीवन भर के लिए यादगार बने।