पस्चिमी सिक्किम के इस अद्भुत शहर में समाया है सिक्किम का इतिहास

Tripoto

पश्चिमी सिक्किम भारत देश का वो हिस्सा है जो यात्रियों की पहली पसंद तो नहीं है पर जो एक बार यहाँ पोहोंचता है वो अक्सर लौट कर आता है. सफर की कठनाइयों के बावजूद लोग यहाँ छुट्टियां मानाने आते हैं. शब्दों में बताना मुश्किल है के शहर की हलचल से दूर इस जगह का ऐसा क्या आकर्षण है. शायद ये शांत वातावरण ही है जो लोगों को देश के इस कोने में खींच लाता है.

पश्चिमी सिक्किम का ये छोटा सा गांव युकसोम जाना जाता है सस्टेनेबल टूरिज्म के लिए. इस गांव ने सिखाया है की पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन नीतियां बनाना ही विकास की सही दिशा है. युकसोम को सस्टेनेबल टूरिज्म के क्षेत्र में एक आदर्श गांव की उपाधि भी मिली है. पर यात्रियों के लिए इससे भी दिलचस्प बात ये है की इसी छोटे से गांव में कुछ सदियों पूर्व सिक्किम की नीव राखी थी.

Photo of पस्चिमी सिक्किम के इस अद्भुत शहर में समाया है सिक्किम का इतिहास 1/1 by Disha Kapkoti

1642AD में तिब्बत से आये तीन लामा ने इस प्रांत में बौद्ध धर्म और संस्कृति के प्रचार और विस्तार के लिए फुँसक नामग्याल को सिक्किम का पहला चोग्याल अर्थात राजा नियुक्त किया. रोमांचक बात ये है की आज भी सदियों पुरानी ये घटना सिक्किम के इतिहास का सबसे महत्त्वपूर्ण अंश है. आज भी इस छोटे से गांव में भ्रमण के दौरान आप वो सभी जगह देख सकते हैं जो सिक्किम में बौद्ध संस्कृति की स्थापना के प्रमाण हैं.

मेरे सफर के दौरान युकसोम में मुझे कुछ ऐसे अनुभव मिले जो आने वाले यात्रियों के लिए मददगार होंगे. अगर आप इस छोटे से गांव में छुट्टियां बिताना चाहते हैं तो नीचे लिखी कुछ जगहों और अनुभवों को मत भूलियेगा.

नोर्बुगांग का कोरोनेशन थ्रोन

युकसोम आज भी सिक्किम की पहली राजधानी के नाम से जाना जाता है. इस ऐतिहासिक तथ्य का प्रमाण है इस गांव में स्तिथ सिक्किम के पहले राजा फुँसक नामग्याल का सिहासन. पत्थरो से बानी इस राजगद्दी के दोनों तरफ तितब्बेत से आये तीन लामाओ का आसान है. अगर आपको सिक्किम के इतिहास का जीवंत अनुभव करना है तो यहाँ ज़रूर आएं.

कारटॉक झील

माना जाता है की सिक्किम के पहले राजा के राज्याभिषेक इसी झील का पानी से हुआ था. स्थानीय लोग आज भी इस झील को पवित्र मानते हैं. कारटॉक झील कोरोनेशन थ्रोन से थोड़ी ही दूरी पे है और मात्र २० रुपये के टिकट में आप सुबह के कुछ शान्ति के पल यहाँ बिता सकते हैं. अगर जाएँ तो इस झील की मछलियों के लिए चारा ले जाना मत भूलियेगा.

Photo of Kartok, Sikkim, India by Disha Kapkoti
Photo of Kartok, Sikkim, India by Disha Kapkoti

दुबड़ी मोनेस्ट्री

1701 में फुँसक नामग्याल ने पहली बार सिक्किम में एक मोनेस्ट्री का निर्माण किया. ये मोनेस्ट्री है युकसोम में स्तिथ दुबड़ी मोनेस्ट्री. इस गोम्पा के निर्माण में बौद्ध भिक्षु ल्हात्सुन नंखा जिग्मे के योगदान के कारण इस मोनेस्ट्री को हर्मिट'स सेल भी कहा जाता है. आज भी कई बौद्ध भिक्षु यहाँ ध्यान करने आते हैं. युकसोम के प्राइमरी अस्पताल से एक छोटी सी पगडण्डी में २-३ km की दूरी पे एक पहाड़ की छोटी में है ये अद्भुत मोनेस्ट्री.

खेचेओपेरी झील

युकसोम से २ घंटे की दूरी में है खेचेओपेरी झील. सिक्किम आने वाले अधिकतर यात्री इस छोटे से गांव के बारे में कम ही जानते हैं पर जो एक बार यहाँ आ जाता है, वो लौट कर बार बार आता है. इस छोटी सी झील का आकार एक पद्चिन्हा सा है. हिन्दू और बौद्ध मान्यताओं में इस झील के बारे में अलग अलग कहानियां हैं. आस पास रहने जाते बौद्ध मानते हैं के ये झील देवी तारा जेत्सुन डोमा का पद्चिन्हा है. कहानियां और भी हैं.

Photo of Khecheopalri Lake, Sikkim by Disha Kapkoti
Photo of Khecheopalri Lake, Sikkim by Disha Kapkoti

युकसोम में होमस्टेस

मेरे सफर के दौरान मैंने सिक्किम के इस हिस्से में कई होमस्टे देखे. इस छोटी सी जगह में मामा'स किचन एंड होमस्टे बजट बैकपैकर्स के लिए एक अच्छी पसंद है. मात्र Rs 800 में आप यहाँ एक दिन रुक सकते हैं. सस्टेनेबल टूरिज्म के क्षेत्र में एक आदर्श गांव होने के कारण युकसोम में यहाँ के लोगों द्वारा चलाये जाने वाले होमस्टेस की कोई कमी नहीं है.

Photo of Mama's Kitchen and Homestays, Yuksom, Sikkim, India by Disha Kapkoti
Photo of Mama's Kitchen and Homestays, Yuksom, Sikkim, India by Disha Kapkoti

क्या आपने भारत देश के देश के उन छोटे गांव और शहरो में सफर किया है जहाँ कम ही लोग जाते हैं. हमें अपनी कहानियां बताएं और अन्य यात्रियों की मदद करें. उनके प्रेरणा स्रोत बने.

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