जिम कॉर्बेट का ख्याल आते ही मन में डिस्कवरी चैनल का वो सीन जिसमें एक घना जंगल व उसमें हिरण का शिकार करते हुए चीते की फोटो सामने आ जाती है, ऐसा महसूस होता है बस जाते ही बाघ दिख जाये तो यात्रा सफल हो जाये इन्ही ख्यालों के साथ हम चार दोस्तों ने जिम कॉरबेट का प्लान बनाया फिर एक ने कहा जा रहे हो तो नैनीताल भी हो लेते हैं, बस फिर क्या बन गया प्लान नैनीताल+जिम कॉरबेट का, टिकट देखें तो सब वेटिंग थी, काफी सर्च के बाद लखनऊ से मुरादाबाद का ट्रेन टिकट(3टियर ए0सी) मिल गया, फिर वहां से बस द्वारा नैनीताल फिर जिम कॉरबेट जाने का प्लान बनाया, इसके बाद हम लोगों ने जिम कॉरबेट डिकाला जोन में कैनटर राइड बुक की, फिर क्या था हम निकल लिये लखनऊ से प्रकृति व जंगलो को काफी करीब से देखने के लिये ।
यात्रा कार्यक्रम-
लखनऊ -नैनीताल-जिम कॉरबेट
ट्रेन टिकट - लखनऊ से मुरादाबाद- 575 रुपये (3टियर ए0सी)
बस टिकट - मुरादाबाद से हल्द्वानी- 116 रुपये
टैक्सी - हल्द्वानी से नैनीताल- 400 रुपये
ट्रेन टिकट - लखनऊ से काठगोदाम- 600 रुपये (3टियर ए0सी)
टैक्सी - काठगोदाम रेलवे स्टेशन से नैनीताल -350 रुपये
रेलवे स्टेशन- काठगोदाम रेलवे स्टेशन ( नैनीताल से दूरी 34 कि0मी0) । यहां से आपको शेयरिंग या फुल बुक टैक्सी मिलती है।
हवाई अड्डा- पंतनगर हवाई अड्डा
हम सुबह मुरादाबाद स्टेशन से निकल कर पास ही बने बस अड्डे पर पहुंच बस से कुछ घंटे की यात्रा कर हल्द्वानी पहुंच चुके थे, यहां से हमने बिना समय लिये तुरन्त ही 400 रुपये में टैक्सी कर ली नैनीताल के लिये और कुछ देर की यात्रा के बाद उसने हमें नैनीताल झील के पास बने बस स्टैण्ड पर उतार दिया, टैक्सी से उतरते ही हमने झील को देखा और बस देखते ही रह गये,क्या नजारा था झील जो कि चारों ओर से पहाड़ों से घिरी हुई, सुबह की हल्की दुन्ध के कारण सीन काफी दिल को छू लेने वाला सा था । हम लोगों ने वहीं मॉल रोड पर एक रुम 700 रुपये में ले लिया, चेक इन कर सामान रखा व कुछ ही देर में फ्रेश होकर तुरन्त ही नैनीताल घूमने के लिये मॉल रोड पर थे । हम सबसे पहले माल रोड से होते हुए झील के किनारे ही पर स्थित नैना देवी के मन्दिर गये व दर्शन किये व बाहर निकल कर मार्केट में मैग्गी व कॉफी का आन्नद लिया। आप नौका विहार का भी लुत्फ उठा सकते हो नैनी झील के बीच से नैनीताल का दृश्य ही कुछ और होता है, इसके बाद वहीं लोकल टूर वालों से बात करके 700 रुपये में लोकल साइटसिंग का एक पैकज ले लिया जिसमें केव गार्डेन, लवर्स पॉइंट, टी-गार्डन,फॉल व आदि थे । टी-गार्डन से आप यहां की चायपत्ती भी खरीद सकते हैं,लोकल टूर करके हम लोग नैनीताल के तिब्बती मार्केट गये जो कि काफी बड़ा मार्किट है व फिर मॉल रोड से कुछ मोमबत्ती खरीदी, यहां मोमबत्ती काफी वराईटी में मिलती है, और कुछ लकड़ी के सामान जो कि वहां पुरी मॉल रोड में बिकते हुये मिलेंगे, वहीं मॉलरोड पर रिक्शा स्टैण्ड के पास ही स्थित एक रेस्टोरेण्ट में हम तीन लोगों ने 470 रुपये में डिनर किया व लोकल टूर वालों से बात करके सुबह जिम कॉरबेट जाने के लिये 1500 रुपये में एक टैक्सी बुक कर वापस होटल आ गये ।
कैंटर राइड ढिकाला जोन जिम कॉर्बेट-1000+50(gst) रुपये प्रतिव्यक्ति । इसको आप पार्क की वेबसाइट पर जाकर स्वयं ही बुक कर सकते हैं।
सुबह 06 बजे ही होटल से चेक आउट कर हम लोग तैयार होकर जिम कॉरबेट के लिये टैक्सी से निकल गये क्योंकि हमारी कैनटर राइड 11:30 बजे की थी। कुछ घण्टे की यात्रा के बाद हम लोग जिम कार्बेट डिकाला जोन कैनटर राइड के पिक अप प्वाइन्ट पर पहुंच गये थे, हम लोगों ने अपना सामान वही अपने पास ही कैनटर में रख लिया, वहां से 30 से 40 मिनट की यात्रा कर हम जिम कॉरबेट के गेट पर पहुंच गये, वहीं सेक्यूरिटी ऑफिसर से बात करके हम लोगों ने अपना सामान सेक्यूरिटी वालों के लिये बने रूम में रख दिया।
गेट से जैसे ही हम लोग पार्क में अंदर गए कुछ दूर पर ही हम लोगों को कुछ चीतल दिखे, सोचा चलो शुरुवात तो ठीक हो गयी है, एक बात का ध्यान दें पार्क में अगर आपको जानवर देखने है तो शांत रहकर जंगल पर फोकस करें व आंखों को ज़ूम मोड पर ही रखें, थोड़ी ही दूर नदी किनारे पर हम लोगों को मगरमच्छ दिखा, मन मे बाघ को देखने का विचार लिए हम लोग आगे बढ़ते जा रहे थे, 2 घंटे की जंगल की मन को मोह लेने वाली यात्रा के बाद हम लोग ढिकाला जोन के कैंपस में पहुच गए थे जो कि चारो ओर से इलेक्ट्रिक वायर की सुरक्षा में था, क्योकि ये जंगल का कोर एरिया है। इस कंपाउंड में रुकने के लिए कुछ नए व पुरानी इमारतें हैं, यहां आप रात्रि रुक सकते हो लेकिन इसके लिए आपको इनको पार्क की वेबसाइट से ऑनलाइन बुक करना होगा व फिर आप यहां जिप्सी से आ सकते हैं। इमारतों के रंग भी आस पास के वातारण से मिलता जुलता है, पूरा कैंपस बड़ी बड़ी घास से घिरा हुआ है जानकारी करनस पर पता चला इनमे जंगली हाथी रहते है, कैंपस के अंदर कैंटीन भी है जिसमे जाकर हम लोगों ने मैग्गी का आर्डर किया, कैंपस के नज़ारा वाकई बिल्कुल अलग है, यहां पहुंच कर आप को कुछ अलग ही अनुभव होगा, फिर कैंपस घूम ही रहे थे तो किसी ने बताया बाघ कुछ ही दूरी पर नदी पर नहा रहा है फिर हम लोग तुरन्त ही निकल लिए, लेकिन किस्मत खराब थी वहां कई जिप्सी व कैंटर के आ जाने से वह शोर के कारण अंदर जंगल मे चला गया, इसी तरह बाघ को देखने के कई असफल प्रयास के बाद हमारी यात्रा पार्क के एग्जिट गेट पर आकर शाम 6 के आसपास समाप्त हो गयी, मन अगली बार बाघ को देखने के प्रण के साथ हम वापस लौट आये।