चिकमंगलूर टाउन कर्नाटक प्रांत में इसी नाम के जिले में स्थित है। यह क्षेत्र बड़ा लोकप्रिय है क्योंकि यहां कई एक पर्यटन स्थल हैं। चिकमंगलूर पर्वतीय व दलदली भूमि मलनाड के समीप स्थित है। चिकमंगलूर का अर्थ है- “छोटी बेटी की भूमि”। कहा जाता है कि यहां के एक पैसे वाले मुखिया नें चिकमंगलूर दहेज में अपनी छोटी बेटी को दे दिया था। इसी प्रकार का एक और स्थान हिरेमगलूर, “बड़ी बेटी की भूमि“ यहां है, जो अब चिकमंगलूर जिले का एक हिस्सा है।
टाउन एवं इसके आकर्षण
हालांकि चिकमंगलूर एक बेहद शांत स्थान है और इसे एक आरामगाह की संज्ञा दी जा सकती है। इसके आस-पास का वातावरण विविध दृश्यों-नीची समतल भूमि से मलनाड जैसी पर्वतीय भूमि से युक्त है। जिले में बड़ी संख्या में कहवा के बागान हैं, इसीलिए इसे “काफी कैपिटल आफ कर्नाटक” कहा जाता है।
इस टाउन में एक प्रसिद्ध महात्मा गांधी पार्क है, जो एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। पर्यटक यहां खास तौर पर नवरात्रि के पश्चात दशहरे में इकट्ठे होते हैं क्योंकि स्थानीय नृत्य तथा सांसकृतिक दृश्य किसी की भी सांसों को रोक देने वाले होते हैं। खरीदारी के शौकीन लोग एम. जी. रोड जाकर अपने शौक को पूरा कर सकते हैं तथा साहसी लोग आस पास के गंतव्यों की सैर कर सकते हैं।
कंक्रीट के जंगल से दूर- चिकमंगलूर में पर्यटन स्थल
चिकमंगलूर पर्यटन सभी प्रकार के पर्यटकों के लिए स्वर्ग है क्योंकि यह कई पर्यटन स्थलों, तीर्थस्थलों से लेकर कहवा बागानों तथा वन्य जीव पर्यटन गंतव्यों से साहसी खेल स्थलों के नजदीक स्थित है।पर्वतीय स्थल, मंदिर वाले स्थल, जलप्रपात तथा वन्यजीव अभ्यारण्य- चिकमंगलूर में सभी कुछ है।
कृष्णराजा वोदेयर IV का पसंदीदा विश्राम स्थल केमनगुडी एक मनमोहक हिल स्टेशन है। यहां कई आकृषण जैसे गुलाब का बगीचा तथा सुन्दर जलप्रपात आदि हैं। टाउन से कुछ ही दूरी पर यह स्थित है।
चिकमंगलूर के निकट कुद्रेमुख नामक एक अन्य खूबसूरत पर्वतीय श्रंखला है जहां खूबसूरत घास के मैदान और घने वन हैं। इस स्थान का नाम एक ऐसी पहाड़ी के नाम पर रखा
गया है जिसे एक खास एंगल से देखने पर वह घोड़े के मुख से मिलत-जुलती दिखाई पड़ती है तथा कुद्रेमुख को अनुवादित करने पर भी इसका मतलब घोड़े का मुख ही होता है।
मुलायनगिरी कर्नाटक की सबसे ऊंची चोटी है तथा बाबा बूंदनगिरी पहाड़ियों का एक अंग है। यह पहाड़ी 1930 मीटर ऊंची है तथा ट्रेकिंग के लिए बेहतरीन हैं। इस चोटी से दिल को थाम देने वाला दृश्य देखना यहां आने का एकमात्र कारण हो सकता है। इस इलाके में कलाथनगिरी जलप्रपात या कलाहस्ती प्रपात से लेकर हेबे प्रपात समेत कई जलप्रपात हैं जो दो चरणों में बहते हैं।
मानिक्यधारा जलप्रपात तथा कादम्बी जलप्रपात जैसे अन्य जलप्रपात भी यहां देखने को मिलते हैं।
वन्य एवं आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव
श्रंगेरी से होरांडू तथा कलस तक चिकमंगलूर के निकट आध्यात्मिक प्रवृति वाले लोगों के लिए कई गंतव्य हैं। चिकमंगलूर से 38 किमी दूर स्थित भद्रा अभ्यारण्य एक काफी लोकप्रिय गंतव्य है। इस स्थान पर साहसी प्रवृति के लोग प्रकृति का सम्पूर्ण आनन्द लेने के लिए आते हैं। कुल मिलाकर टाउन व जिले दोनों में ही सभी के लिए, यदि किसी खास रूचि की बात न की जाए तो कुछ न कुछ जरूर है। इसकी यही खासियत इसे छुट्टियां बिताने हेतु एक महत्वपूर्ण व बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाती है।
चिकमंगलूर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय
अक्टूबर से अप्रैल तक का समय चिकमंगलूर की यात्रा के लिए सर्वश्रेष्ठ समय है।
चिकमंगलूर कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग द्वारा आसानी से चिकमंगलूर पहुंचा जा सकता है, हालांकि, यहां इसका अपना कोई स्टेशन या एयरपोर्ट नहीं है।