मारखा घाटी : रोमांच से भरपूर है लेह लद्दाख की मारखा घाटी ट्रेकिंग

Tripoto
31st Mar 2017
Day 1

मारखा घाटी ट्रेक लद्दाख ट्रेकिंग क्षेत्र में सबसे प्रसिद्ध ट्रेक्स में से एक है। मारखा घाटी ट्रेकिंग लेह के पास स्पितु से शुरू होती है। इस ट्रेक में, आपको लेह, लद्दाख और ज़ांस्कर घाटी पर्वतमाला के क्षेत्र में हिमालयन ट्रेकिंग का अनुभव मिलता है। लद्दाख मारखा घाटी का ट्रेक लगभग 11,000 फीट से शुरू होता है जोकि 17,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर खत्म होता है। यह ट्रेक बेहद खूबसूरत ट्रेक्स में से कुछ हैं, ट्रेकिंग के दौरान ट्रेकर्स  हेमिस नेशनल पार्क और दो पास क्रॉसिंग, गंडल ला पास (15748 फीट) और कोंगमरू ला पास (17,060 फीट) से होते हुए जा सकते हैं। ट्रेकिंग के दौरान ट्रेकर्स को बीच रास्ते में मारखा नदी को भी पार करना होता है। साथ ही बीच रास्तों में ट्रेकर्स को  बौद्ध गांवों और चट्टानी घाटियों भी नजर आयेंगी।

क्षेत्र- लेह लद्दाख
कितने दिन- 9 दिन 
ट्रेकिंग ग्रेड- कठिन 
ऊंचाई- 15000 फिट 
ट्रेकिंग डिस्टेंस- 75 किमी

पहला दिन

समय: 5 घंटे
ट्रेक दूरी: 15 किमी
ट्रेल प्रकार: मध्यम स्तर पर चढ़ाई

लेह से स्पितुक सिर्फ 7 किमी दूर है। लेह से, स्पितुक बस या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है बसें हर 30 मिनट में लेह से स्पितुक के लिए बस मिल जाती हैं। ट्रेकर्स बस के अलावा जीप से भी जा सकते हैं। स्पितुक पहुँचने के बाद ट्रेकिंग शुरू होती है स्पितुक से ज़िंगेन तक पहुंचने में लगभग चार से पांच घंटे लगते हैं। यह रास्ता एक दम समान है जिसके कारण आराम से जाया जा सकता है तक एक सपाट है। इसी के पास ट्रेकर्स हेमिस राष्ट्रीय पार्क उद्यान में रुक सकते हैं। 

दूसरा दिन

समय: 3 घंटे
ट्रेक दूरी: 5 किलोमीटर

दूसरे दिन सुबह नाश्ता करने के बाद ट्रेकर्स ज़िंगेन से से गांड़ ला पास की ट्रेकिंग शुरू कर सकती है, यह ट्रेकिंग पांच किमी की है जिसे तीन घंटे में पूरा किया जा सकता है। दूसरे दिन की ट्रेकिंग हेमिस राष्ट्रीय पार्क उद्यान से शुरू होती है। इस दौरान ट्रेकर्स हिमालयी वन्यजीव जानवरों की एक दुर्लभ दृष्टि भी प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि हेमिस राष्ट्रीय उद्यान लिंक्स, लादाखी उरल (बकरी का एक प्रकार), महान तिब्बती भेड़, लाल लोमड़ी, तिब्बती भेड़िया, जंगली कुत्तों का घर है , मारमोट 
और पहाड़ खरगोश आदि हेमिस राष्ट्रीय पार्क में प्रवेश करने के लिए प्रवेश शुल्क देना होता है। हेमिस राष्ट्रीय पार्क घूमते हुए ट्रेकर्स बाद अगली घटी पहुंचगे जोकि रम्ब्क गांव के पास स्थित है। ट्रेकर्स कुछ देर यहां आराम कर सकते हैं..बाद ट्रेकर्स यहां से आगे के लिए गांड ला पास के लिए आगे बढ़ सकते हैं। गांड ला पास कुछ दूर की ट्रेकिंग स्की के लिए करनी होती है, जहां से हिमालय के खूबसूरत नजारों को बखूबी देखा जा सकता है। ट्रेकर्स स्की में आराम कर सकते हैं।

तीसरा दिन

दूरी: 20 किमी
समय: 6-7 घंटे
तीसरे दिन की ट्रेकिंग की शुरुआत होती है स्की से मार्खा के लिए होती है...वर्ष 2005 में आयीं बाढ़ ने यहां सब तहस मह्स कर दिया था। मारखा तक पहुँचने के लिए पहले ट्रेकर्स को मारखा नदी पार करनी होती है। इस घटी मारखा गांव सबसे बड़ा गांव है..जिसके बाद इस घाटी को मारखा नाम दिया गया। स्की से मारखा पहुँचने के बाद ट्रेकर्स कैम्प में आराम आकर कर सकते हैं।

पांचवा दिन

दूरी: 7 कि.मी.
समय: 3-4 घंटे

अगले दिन सुबह नाश्ता करने के बाद थिचुंटेसे नममलिंग पठार की ट्रेकिंग शुरू होती है। 4700 मीटर की दूरी पर, निम्मलिंग ट्रेक पर सबसे ऊंची शिविर (4600 मीटर) है, जिससे हमें कांग यत्से के हम मनोरम नजारे निहार सकते हैं।

छठा दिन

दूरी: 18 किलोमीटर
समय: 6-7 घंटे

निम्मलिंग पहुंचने के बाद अगले दिन कोंगमारु ला पास को पार करना होता है यह पास मार्खा घाटी ट्रेक का सबसे बड़ा पास है, और वहां से हम सिंधु घाटी और लद्दाख रेंज के बारे में एक अद्भुत नज़र भी देख सकते हैं।

सातवाँ दिन

दूरी: 12 किलोमीटर
समय: 6-7 घंटे

यह ट्रेकिंग का आखिरी दिन है..शांग सुमो से लेह की दूरी कुछ बारह किमी है जिसे 7 घंटे में पूरा किया जा सकता है। लद्दाख ट्रेकिंग क्षेत्र का यह हिस्सा काले और सफेद सुंदरता के लिए जाना जाता है। ट्रेकर्स लेह पहुंचकर आराम कर सकते हैं साथ ही दिल्ली के लिए निकल सकते हैं।

Photo of मारखा घाटी : रोमांच से भरपूर है लेह लद्दाख की मारखा घाटी ट्रेकिंग by Shareef
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Photo of मारखा घाटी : रोमांच से भरपूर है लेह लद्दाख की मारखा घाटी ट्रेकिंग by Shareef

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