अपने बैचलर दोस्तों के साथ ऐसे मैंने सिंगापुर में छुट्टियाँ बिताईं

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Photo of अपने बैचलर दोस्तों के साथ ऐसे मैंने सिंगापुर में छुट्टियाँ बिताईं by Rishabh Dev

इस दुनिया में सबसे खूबसूरत क्या है? मेरा ज़वाब है घुमक्कड़ी। जिसको घुमक्कड़ी का कीड़ा लगता है इस सुंदरता को वही पहचान पाता है। घूमते हुए मुझे लगता है कि यही वो जिंदगी है जो मैं हमेशा से जीना चाहता था। ज़ब से मुझे घुमक्कड़ी के कीड़े ने काटा है,भारत की कई खूबसूरत जगहों पर घूम चुका हूं। कुछ ज़गहों पर दोस्तों के साथ गया तो कहीं सोलो ट्रैवल किया है। हर भारतीय की तरह मेरे मन में भी विदेश जाने की हसरत थी। मैं खुशकिस्मत रहा कि मेरी ये हसरत पूरी हुई है। मेरी पहली विदेश यात्रा का स्थान बना, सिंगापुर।

सिंगापुर वो प्यारी जगह है जहाँ हर कोई जाना चाहेगा। मैं भी सिंगापुर को एक्सप्लोर करना चाहता था लेकिन पहली विदेश यात्रा सिंगापुर होगी, ऐसा नहीं सोचा था। मैंने कुछ दोस्तों को अपनी विदेश यात्रा के बारे में बताया और कुछ मीटिंग्स के बाद सिंगापुर का नाम तय हो गया। इस मौज-मस्ती वाले शहर को हम बैचलर दोस्तों ने मनमर्ज़ी से एक्सप्लोर किया।

सिंगापुर में पहला कदम

हमने लगभग महीने भर पहले वीज़ा और टिकट का काम पूरा कर लिया। जिससे टिकट बहुत महँगी नहीं पड़ी। लगभग 7 घंटे तक आसमान में रहने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट से चंगी एयरपोर्ट पहुँचे। एयरपोर्ट से सिंगापुर के लिए हमने एक टैक्सी ली। एयरपोर्ट से शहर लगभग 21 किमी. की दूरी पर है। टैक्सी ने आधे घंटे में हमें शहर में छोड़ दिया।

पहला दिनः

सबसे पहले हमने एक सस्ता-सा हॉस्टल देखा। वैसे कुछ देर आराम किया जा सकता था लेकिन सिंगापुर को देखने का उत्साह भी बना हुआ था। हम सभी ने तय किया कि नहा-धोकर शहर में घूमने के लिए निकल पड़ेंगे। लगभग 1 घंटे के बाद हम सिंगापुर की सड़कों पर थे। सिंगापुर में देखने के लिए बहुत कुछ था सो हमने सिंगापुर की सबसे खूबसूरत ज़गह से अपनी यात्रा शुरू की।

बोटैनिक गॉर्डन

सिंगापुर के बोटैनिक गॉर्डन के बारे में बहुत कुछ सुना था। ज़ब अपनी आँखों से देखा तो अवाक रह गये। शहर के बीचों-बीच इतनी खूबसूरत ज़गह शायद ही किसी ज़गह पर हो। हम दोस्तों ने शांति और सुकून में कुछ वक्त बिताया। हम हैरान थे कि 150 साल पुराना ये गॉर्डन आज़ भी कितना साफ और सुंदर है। इस ज़गह को देखकर हमारी थकान छूमंतर हो गई। इस ज़गह को अच्छे-से देखने के बाद हम फिर से सिंगापुर की सड़कों पर थे।

चाइनाटाउन

बौटेनिक गॉर्डन को देखने के बाद चिड़ियाघर जाना चाहते थे लेकिन रास्ते में चाइनाटाउन था और भूख भी लगी थी। किसी भी नई ज़गह पर जाओ तो वहाँ का स्ट्रीट फूड ज़रूर चखना चाहिए। कुछ देर बाद हम चाइनाटाउन की भीड़ में थे। इस जगह पर आकर लग रहा था कि हम किसी बड़े-से मेले में आ गए हों। हमने चाइनटाउन को देखा भी और साउथ ईस्ट एशियाई व्यंजनों का जायका भी लिया।

सिंगापुर ज़ू

इसके बाद हम टैक्सी लेकर चिड़ियाघर पहुँच गए। ज़ू ऐसी ज़गह होती है ज़हाँ आप घंटों वक्त बिता सकते हैं। सिंगापुर ज़ू इतना विशाल है कि इसे घूमने में ही घंटों लग जाएँगे। इस चिड़ियाघर में 300 से ज्यादा जानवर हैं। हमने पूरा चिड़ियाघर तो नहीं लेकिन कुछ जानवरों को पहली बार देखा। मैंने पहली बार जिराफ देखा। इतना ऊँचा जानवर देखकर मैं तो हैरान रह गया। शाम हो चली थी सो हम दोबारा सिंगापुर की सड़कों पर आ गए।

द व्हिस्की लाइब्रेरी

हमने पूरे दिन बहुत घूमा तो अब बारी थी कुछ मौज़-मस्ती की। इसके लिए हम एक बार में गये। द व्हिस्की लाइब्रेरी बार सिंगापुर के नशे में खोने के लिए बढ़िया ज़गह है। कुछ घंटे यहाँ हम आपस में बातें करते रहे और फिर हॉस्टल में जाकर अपने-अपने बेड पर नींद की आगोश में चले गए।

दिन 2:

सैनटोसा आइलैंड

शहर में अब भी कई ज़गहें थीं जो हमें देखनी थीं लेकिन हमने पहले सैनटोसा आईलैंड को एक्सप्लोर करने का प्लान किया। सैनटोसा आईलैंड तीन बीचों में बंटा हुआ है, पलावन बीच, सिलोसो बीच और तंजोंग बीच। हम सभी बीचों को तो नहीं घूम सकते थे लेकिन सिंगापुर आकर समुद्र को देखना ही हमारे लिए बहुत था। सिंगापुर हमें भाने लगा था।

यूनिवर्सल स्टूडियोज़

सैनटोसा आईलैंड पर ही यूनिवर्सल स्टूडियोज़ है। मुझे हॉलीवुड की मूवीज़ बहुत पसंद हैं। यूनिवर्सल स्टूडियोज़ की कई फिल्में देखी हैं। इसलिए इस ज़गह को देखना तो बनता है। हमें कोई एक्टर तो नहीं मिला लेकिन इस ज़गह पर आकर खुशी ज़रूर हुई। यूनिवर्सल स्टूडियोज़ के बड़े से लोगो के नीचे फोटो भी खिंचवाई। इसके बाद हम वापस शहर की ओर निकल पड़े।

सिंगापुर फ़्लायर

सिंगापुर की नाइट लाइफ कितनी खूबसूरत होती है ये हमें अब समझ आ रहा था। इस खूबसूरत रात को और भी खूबसूरत बनाने के लिए हम सिंगापुर फ़्लायर गए। सिंगापुर का सबसे खूबसूरत नजारा यहीं से दिखाई देता है। दूर-दूर तक हमें रंग-बिरंगी लाइट्स दिखाई दे रहीं थीं। हम जोर-जोर से चिल्ला रहे थे। सबको लग रहा था कि हम पागल हो गए हैं लेकिन ये हमारी खुशी जाहिर करने का तरीका था। हम फिर से रात को हसीन बनाने के लिए पब में गए और फिर हॉस्टल आ गए।

दिन 3:

गॉर्डन्स बाए द बे

अब तक सिंगापुर को हमने और सिंगापुर ने हमें अपना लिया था। हम बैचलर दोस्तों को सिंगापुर अच्छा लग रहा था। हम फिर से एक नई ज़गह को देखने को तैयार हो गए। इस बार ज़गह थी, गॉर्डन्स बाए द बे। गॉर्डन्स बाए द बे सिंगापुर की सबसे खूबसूरत ज़गहों में से एक है। इस ज़गह पर आकर लगा कि हम एक अलग ही दुनिया में आ गए हों। ऐसा गॉर्डन हमने पहले कभी नहीं देखा था। हमने तो ये ज़गह दिन के उजाले में देखी लेकिन कहते हैं कि गॉर्डन्स बाए द बे रात में और भी खूबसूरत होता है।

बालीथाई

गॉर्डन्स बाए द बे घूमते-घूमते हम सबको भूख लग आई। गार्डन के बाहर निकलते ही हमने खाने की एक ज़गह खोजी, बालीथाई। रेस्टोरेंट के अंदर काफी साफ-सफाई देखने को मिली। हम भारतीय तो वैसे भी फूडी किस्म के होते हैं। हमने इस रेस्टोरेंट में मिलने वाली डिशों को स्वाद लिया। बालीथाई का लजीज़ खाना खाकर मजा ही आ गया।

एसईए एक्वारियम

इसके बाद हम सिंगापुर की एक और गज़ब की ज़गह को देखने को निकल पड़े। एसईए एक्वारियम ऐसी ज़गह है जिसमें आप अपने उपर समुद्र के पानी और मछलियों को देख सकते हैं। चारों तरफ हमें समुद्री जीव दिख रहे थे। हमने इतने पास से बड़ी-बड़ी मछलियाँ पहले कभी नहीं देखी थी। सिंगापुर ने हमको ये भी दिखा दिया। लगभग घंटे भर हमने इस ज़गह को अच्छे-से देखा।

नाइट ज़ू

देर रात में हमारी फ्लाइट थी इसलिए उससे पहले हमें नाइट ज़ू का अनुभव लेना था। ये वो ज़गह थी ज़हाँ हम सभी जाना चाहते थे। कुछ देर बाद हम रात के अंधेरे में नाइट सफारी का मजा ले रहे थे। हम सब बेहद खुश थे। चांदनी रात भी हमारे सफर को खूबसूरत बना रही थी। नाइट ज़ू की सैर ने हमारे सफर को मजेदार बना दिया।

हम सभी ने सिंगापुर की कई खूबसूरत ज़गहों को एक्सप्लोर किया और खूब मजे किए। सिंगापुर की कई ज़गहों को हम नहीं देखा पाए। हम में से किसी का वापस जाने का मन नहीं हो रहा था लेकिन समय की कमी की वज़ह से वापस जाना पड़ रहा था। सिंगापुर को अलविदा कहते हुए वादा किया कि मैं फिर से आऊँगा और इस खूबसूरत जहाँ को अपने में समेट लूँगा।

सिंगापुर टूरिज़्म बोर्ड के सौजन्य से

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