जैसे कोई चित्रकार अपनी पेंटिंग में सारी खूबसूरती उड़ेल देता है। ठीक वैसे ही नागालैंड के इस गाँव में प्रकृति की हर सुंदरता का रूप आपको देखने को मिलेगा। नागालैंड का लोंगखुम गाँव मोकोक्चुंग जिले में स्थित है। इस गाँव को स्टोन विलेज के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहाँ पर ज्यादातर चीचें पत्थर की ही बनी हुई हैं। नागालैंड की ऑफबीट जगहों का एक और खूबसूरत खजाना है, लोंगखुम।
लोंगखुम गाँव मोकोक्चुंग शहर से लगभग 20 किमी. की दूरी पर है। इस गाँव के बारे में कई किवंदती हैं। कहा जाता है कि गाँव में एक ऐसी जगह है जहाँ से मरे हुए लोगों की आत्मा जन्नत की ओर चलते हुए जाती है। इस गाँव में रहने वाले लोग नामा समुदाय के ओ जनजाति के हैं। इस जगह को देखने के बाद आपका नागालैंड सबसे खूबसूरत जगह लगेगी।
कैसे पहुँचे?
फ्लाइट से: अगर आप फ्लाइट से लोंगखुम गाँव जाने का प्लान बना रहे हैं सबसे निकटतम असम का जोरहाट एयरपोर्ट है। लोगंखुम से जोरहाट 130 किमी. की दूरी पर है। आपको यहाँ से जाने के लिए टैक्सी की सुविधा मिल जाएगी।
ट्रेन से: यदि आप ट्रेन से लोंगखुम जाना चाहते हैं तो सबसे नजदीक में असम का मारिआनी जंक्शन है। मारिआनी रेलवे स्टेशन से लोंगखुम 105 किमी. की दूरी पर है। आप टैक्सी बुक करके अपने गंतव्य तक पहुँच सकते हो।
वाया रोड: आप वाया रोड भी नागालैंड के इस गाँव तक जा सकते हैं। आपके पास खुद की गाड़ी है तो लोंगखुम पहुँचने में कोई खास दिक्कत नहीं आएगी।
टैक्सी: लोंगखुम तक पहुँचने के लिए आप टैक्सी भी ले सकते हैं। आप सबसे पहले दीमापुर पहुँचिए। दीमापुर से मोकोक्चुंग के लिए शेयर्ड टैक्सी लीजिए। इसके बाद मोकोक्चुंग से लोंगखुम गाँव तक पहुँचने के लिए सूमो ले सकते हैं।
इनर लाइन परमिट
नागालैंड भारत के बेहद संवेदनशील राज्यों में से एक है। मोकोक्चुंग जिले में जाने के लिए सैलानियों को इनर लाइन परमिट लेने की जरूरत पड़ती है। आप ये परमिट नई दिल्ली, कोलकाता, गुवाहटी, कमिश्नर ऑफिस दीमापुर, कमिश्नर ऑफिस कोहिमा और कमिश्नर ऑफिस मोकोक्चुंग से ले सकते हैं। इसके बिना आप नागालैंड की इस जगह तक नहीं पहुँच सकते हैं।
क्या करें?
ऐसी खूबसूरत जगह पर देखने के लिए कोई टूरिस्ट प्वाइंट न हो तब भी ये जगह बेहद सुंदर लगेगी।
1- शांति और सुकून
नागालैंड के इस गाँव में घुसते ही आपको सबसे पहले जिस चीज का एहसास होगा वो है, शांति। यहाँ आकर आपका मन और दिमाग एक अलग ही जोन में चले जाएंगे। ऐसी शांति शायद ही आपको कहीं और मिलेगी। यहाँ आप घूमते हुए इस गाँव को एक्सप्लोर कर सकते हैं और स्थानीय लोगों से बात कर सकते हैं। यही तो सही मायने में घुमक्कड़ी है।
2- माटा यिमकोंग
माटा यिमकोंग इस गाँव की बेहद सुंदर जगह है। ये एक प्रकार का हिल टॉप है। जहाँ से आपको दूर-दूर तक पहाड़ और जंगल दिखाई देंगे। ऐसी सुंदर जगह पर आकर लोंगखुम और भी खूबसूरत लगने लगेगा। पास में ही जुबली टॉवर है जो इस गाँव की सबसे ऊँची जगह है। प्रकृति की वास्तविक खूबसूरती ऊँचाई से ही देखने को मिलती है। लोंगखुम जाएं तो इन जगहों पर जाना न भूलें।
3- सुमैया सुइन फॉल
नागालैंड के इस छोटे से गाँव से कुछ ही किलोमीटर दूर एक खूबसूर झरना है, सुमैया सुइन। इस जगह के बारे में कम ही लोगों को पता है। ऊँचाई से गिरते हुए झरने को देखकर आपका मन प्रफुल्लित हो जाएगा। इस वाटरफॉल का पानी इतनी ऊँचाई से गिरता है कि पूरा फ्रेम कैमरे में फिट नहीं हो पाएगा। आपको इस जलप्रपात की खूबसूरती देखने के लिए एक बार जरूर आना चाहिए।
4- अचेन डांग
लोंगखुम आदिवासी जनजाति समुदाय का घर है। आप घूमते हुए उनकी संस्कृति के बारे में भी काफी कुछ जान सकते हैं। लोंगखुम गाँव में अचेन डांग नाम की एक जगह है। इस जगह पर शादी समारोह होता है। यहीं पर दहेज प्रथा के विपरीत प्रथा होती है। जिसमें दूल्हा अपने ससुर को कुछ पैसे या संपत्ति देता है जिसके बाद उसकी शादी होती है। ऐसी ही कई सारी पारंपरिक चीजों के बारे में आप यहाँ जान पाएंगे।
5- ट्रेक करें
आप इस गाँव में ट्रेकिंग भी कर सकते हैं। लोंगखुम गाँव का ये ट्रेक काफी सरल है। अगर आपने ट्रेकिंग पहले नहीं भी की है तब भी आप इसे आराम से कर लेंगे। इस ट्रेक का रास्ता पत्थरों से बनाया गया है। ये ट्रेक आपको गाँव की ऊँची जगह पर ले जाएगा जहाँ आप कुछ देर बैठकर सुंदर नजारों को निहार सकते हैं। इन जगहों के अलावा भी बहुत कुछ है जो आप नागालैंड के इस गाँव में कर सकते हैं।
कब जाएं?
लोंगखुम गाँव नागालैंड की बेहद खूबसूरत जगहों में से एक है। वैसे तो आप यहाँ पूरे साल में कभी भी आ सकते हैं लेकिन इस जगह का असली निखार सर्दियों में देखने को मिलता है। उस समय पूरा लोंगखुम हरा-भरा नजर आता है। आपको दिसंबर से फरवरी के बीच में नागालैंड के लोंगखुम की यात्रा का प्लान बनाना चाहिए।
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