केरल भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है। घुमक्कड़ों के लिए केरल सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। हर कोई एक बार केरल की यात्रा पर ज़रूर जाना चाहते हैं। केरल अपने खूबसूरत पहाड़ और हरियाली के लिए जाना जाता है। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो आपको केरल ज़रूर आना चाहिए। केरल कई शानदार और खूबसूरत जगहों का घर है। कुछ जगहें ऐसी भी हैं जिनको कम एक्सप्लोर किया गया है। केरल की ऐसी ही एक जगह है, पथानमथिट्टा।
पथानमथिट्टा केरल का एक शानदार शहर है और एक जिला मुख्यालय भी है। पथानमथिट्टा शहर का नाम दो मलयालम शब्द, पथनाम और थिट्टा के संयोजन से बना है। इसका शाब्दिक अर्थ है, नदी के किनारे घरों की श्रृंखला। पथानमथिट्टा कभी पांडलम राजवंश के अधीन था, जिनका पांड्य साम्राज्य के साथ अच्छा संबंध था। 1820 में पांडलम को त्रावणकोर रियासत में जोड़ा गया था। आज़ादी के बाद 1 नवंबर 1982 को इसे एक अलग जिला बना दिया गया है।
कैसे पहुँचे?
केरल का पथानमथिट्टा सड़क मार्ग, रेल मार्ग और वायु मार्ग से अच्छी तरह से कनेक्टेड है। आप इन मार्गों से केरल आराम से पहुँच सकते हैं।
वायु मार्ग: यदि आप फ्लाट्स से पथानमथिट्टा जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे निकटतम एयरपोर्ट त्रिवेंद्रम हवाई अड्डा और कोच्चि एयरपोर्ट है। त्रिवेंद्रम से पथानमिट्टा 103 किमी. और त्रिवेंद्रम से कोच्चि 125 किमी. की दूरी पर है।
रेल मार्ग: अगर आप ट्रेन से पथानमथिट्टा जाना चाहते हैं तो सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन चंगन्नूर रेलवे स्टेशन है। चंगन्नूर से पथानमथिट्टा की दूरी लगभग 24 किमी. है। आप बस या टैक्सी लेकर पथानमथिट्टा पहुँच सकते हैं।
सड़क मार्ग: पथानमथिट्टा सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। केरल के कई बड़ों शहर से पथानमथिट्टा के लिए नियमित बसें चलती हैं। आप इन बसों से पथानमथिट्टा जा सकते हैं। इसके अलावा आप ख़ुद की गाड़ी से भी पथानमथिट्टा जा सकते हैं।
कब जाएँ?
पथानमथिट्टा में केरल के अन्य शहरों की तरह ही मौसम रहता है। गर्मियों में पथानमथिट्टा का मौसम काफ़ी गर्म रहता है, उस दौरान केरल को एक्सप्लोर करना वाक़ई में मुश्किल है। पथानमथिट्टा को घूमने का सबसे बढ़िया समय दिसंबर से फ़रवरी तक का माना जाता है। इस दौरान पथानमथिट्टा में घूमना आसान है। इसके अलावा पथानमथिट्टा में ठहरने के लिए कई सारे विकल्प हैं। यहाँ आपको ठहरने के लिए कई हर प्रकार के होटल और होमस्टे मिल जाएँगे। आप अपने बजट के हिसाब से किसी भी होटल में ठहर सकते हैं।
क्या देखें?
1. सबरीमाला मंदिर
केरल का सबरीमाला मंदिर दुनिया का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। सबरीमाला मंदिर पथानमथिट्टा की शांत पहाड़ियों में स्थित एक पवित्र मंदिर है। यहाँ मंदिर भगवान अयप्पा को समर्पित है और यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। सबरीमाला मंदिर तक पहुँचने के लिए 4 किमी. की चढ़ाई और जंगलों से होकर गुजरना पड़ता है। पथानमथिट्टा के सबरीमाला मंदिर में हर धर्म के लोग आ सकते हैं। यहाँ से पहाड़ों का बेहद सुंदर नजारा देखने को मिलता है। आपको एक बार यहाँ ज़रूर जाना चाहिए।
2. पेरुन्थेनरुवी वॉटरफॉल
पथानमथिट्टा में एक बेहद खूबसूरत झरना भी है, पेरुन्थेनरुवी वॉटरफॉल। इस झरने को पथानमथिट्टा का दिल भी कहा जाता है। हरे भरे जंगलों और पहाड़ों के बीच में स्थित पेरुन्थेनरुवी वॉटरफॉल लगभग 60 मीटर की ऊँचाई से गिरता है। इस झरने को द ग्रेट हनी स्ट्रीम के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ का पानी क्रिस्टल जैसा साफ़ है और यहाँ का वातावरण भी बेहद शानदार है। पेरुन्थेनरुवी वॉटरफॉल केरल की एक अनछुई जगह है।
3. अरनमुला पार्थसारथी मंदिर
पथानमथिट्टा में कई सारी धार्मिक जगह हैं। उन्हीं जगहों में से एक है, अरनमुला पार्थसारथी मंदिर। ये मंदिर पथानमथिट्टा के एक छोटे-से गाँव अरनमुला में स्थित है। भगवान कृष्ण को समर्पित अरनमुला पार्थसारथी मंदिर बेहद प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर को केरल की स्थापत्य शैली में बनाया गया है। तीर्थयात्रियों और कला प्रेमियों को अरनमुला पार्थसारथी मंदिर ज़रूर पसंद आएगा। ओणम उत्सव के दौरान यहाँ हर साल बोट रेस होती है। पथानमथिट्टा की यात्रा के दौरान इस मंदिर को देखने ज़रूर जाएँ।
4. चरलकुन्नू
चरलकुन्नू पथानमथिट्टा का एक शानदार और खूबसूरत हिल स्टेशन है। मनोरम दृश्यों से भरपूर चरलकुन्नू को देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा। पथानमथिट्टा से चरलकुन्नू लगभग 17 किमी. की दूरी पर है। चरलकुन्नू में एक ग्रीष्मकालीन आवास त्रावणकोर के राजा द्वारा बनवाया गया था जिसे अब एक गेस्ट हाउस में परिवर्तित कर दिया गया है। अगर आप शांति और सुकून में किसी जगह पर वक़्त बिताना चाहते हैं तो इसके लिए चरलकुन्नू एक परफ़ेक्ट जगह है। चरलकुन्नू आसपास के शहरों के लिए एक शानदार वीकेंड गेटवे है। फोटोग्राफर्स के लिए चरकुन्नू एकदम शानदार जगह है।
5. कवियूर रॉक मंदिर
केरल की संस्कृति के बारे में जानने के लिए पथानमथिट्टा एक शानदार जगह है। यहाँ पर वैसे तो कई सारे मंदिर हैं लेकिन कवियूर रॉक मंदिर बेहद ख़ास है। कवियूर रॉक मंदिर केरल का इकलौता गुफा मंदिर है जो क्षेत्र की संस्कृति के साथ आध्यात्मिक पहलू पर भी प्रकाश डालता है। तमिल पल्लव शैली में बना ये प्राचीन गुफा मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है। इस गुफ़ा में शिवलिंग अन्य प्रतिमाओं के साथ विराजमान है और यहाँ भगवान गणेश की भी मूर्ति है। इस गुफा का संबंध 8वीं शताब्दी का माना जाता है। आप पथानमथिट्टा की यात्रा के दौरान इस मंदिर को भी देख सकते हैं।
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