गुजरात भारत के उन राज्यों में से है जिसको कम एक्सप्लोर किया जाता है। वडोदरा शहर गुजरात का एक प्राचीन और ऐतिहासिक शहर है। इस शहर को गुजरात की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है। विश्वमित्री नदी के किनारे स्थित वडोदरा को बड़ौदा के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजों के समय से इस जगह का नाम बड़ौदा हुआ करता था। 1974 में इस जगह का नाम बड़ौदा से वडोदरा कर दिया गया। सैलानियों के लिए वडोदरा एक शानदार जगह है। यहाँ की ऐतिहासिक जगहें आपको पुराने समय में ले जाएँगी। आपको एक बार गुजरात के वडोदरा शहर में ज़रूर आना चाहिए।
इतिहास
वडोदरा का इतिहास लगभग 2000 साल पुराना है। पहले विश्वामित्री नदी के तट पर स्थित इस शहर को राजा चंदन के नाम पर चन्द्रावती कहा जाता था। बाद में इस जगह का नाम वीरवती और वडपत्र कर दिया गया। इसके बाद इस जगह का नाम पहले बड़ौदा और फिर वड़ोदरा हुआ। वडोदरा में सबसे बड़ा शासन मराठाओं का माना जाता है। मराठाओं में सबसे अच्छा शासनकाल महाराजा सयाजीराव तृतीय का माना जाता है।
कैसे पहुँचे?
वायु मार्ग: यदि आप फ़्लाइट से वडोदरा आने का प्लान बना रहे हैं तो वड़ोदरा में एक घरेलू एयरपोर्ट है। वडोदरा एयरपोर्ट से आपको अपने गंतव्य तक जाने के लिए ऑटो, टैक्सी मिल जाएगी।
रेल मार्ग: आप रेल मार्ग से भी वडोदरा पहुँच सकते हैं। गुजरात का वडोदरा रेलवे स्टेशन भारत के सभी स्टेशनों से अच्छी तरह से कनेक्टेड है।
सड़क मार्ग: आप सड़क मार्ग से गुजरात के वडोदरा पहुँच सकते हैं। वडोदरा सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। गुजरात के कई शहरों से आपको वडोदरा के लिए बस मिल जाएगी। इसके अलावा आप ख़ुद की गाड़ी से भी वड़ोदरा जा सकते हैं।
दिन 1:
सबसे पहले ट्रेन या फ़्लाइट से वडोदरा पहुँचिए और उसके बाद अपने लिए रहने का ठिकाना खोज लीजिए। कुछ देर आराम करने के बाद वड़ोदरा को एक्सप्लोर करने के लिए निकल पड़िए।
लक्ष्मी विलास पैलेस
लक्ष्मी विलास पैलेस भारत के सबसे सुंदर महलों में से एक है। प्रतिष्ठित लक्ष्मी विलास पैलेस वडोदरा के शाही परिवार का निवास स्थान है। महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय ने 1890 में इस महल का निर्माण करवाया था। ये विशाल महल भारत का सबसे बड़ा निजी निवास महल है। ये महल लंदन के बकिंघम पैलेस से चार गुना बड़ा है। लगभग 700 एकड़ में फैला ये महल इंडो-सरसेनिक स्थापत्य शैली में बनाया गया है। लक्ष्मी विलास पैलेस सुबह 9:30 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है।
सयाजी गार्डन
वडोदरा का सयाजी गार्डन बेहद प्राचीन गार्डन है। 1879 में महाराजा सयाजी राव गायकवाड़ ने इस गार्डन का निर्माण करवाया था। ये गार्डन 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। इसे देश के सबसे उद्यानों में से माना जाता है। सयाजी गार्डन में सरदार पटेल तारामंडल, वडोदरा संग्रहालय और चित्र गैलरी, टॉय ट्रेन और चिड़ियाघर भी है। इस गार्डन में देखने के लिए काफ़ी कुछ है।
मकरपुरा पैलेस
मकरपुरा पैलेस वड़ोदारा का एक शानदार महल है। इस पैलेस को 1870 में शाही परिवार के लिए ग्रीष्मकालीन महल के रूप में बनाया गया था। इस संरचना को इटालियन टच दिया गया था। बाद में इस जगह को पुनर्निर्माण करवाया गया था। वर्तमान में यह महल भारतीय वायु सेना के लिए एक प्रशिक्षण स्कूल के रूप में कार्य कर रहा है।
कहां खाएँ?
गुजरात अपने शानदार ज़ायक़े के लिए जाना जाता है। आप वड़ोदरा में पहले दिन घूमने के बाद रात को मंडप जा सकते हैं। मंडल पारंपरिक गुजराती थाली के लिए जाना जाता है। यहाँ का खाना खाने के बाद आपको लगेगा कि आप घर का खाना खा रहे हैं।
दिन 2:
ईएमई मंदिर
वडोदरा में दूसरे दिन ईएमई मंदिर को घूमते हुए आप अपने दिन की शुरूआत कर सकते हैं। वडोदरा के ईएमई मंदिर को दक्षिणामूर्ति मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर को भारतीय सेना द्वारा संचालित किया जाता है। भगवान शिव को समर्पित दक्षिणामूर्ति मंदिर बेहद खूबसूरत मंदिर है। इस मंदिर में हर धर्म के प्रतीक को शामिल किया गया है। शीर्ष पर रखा कलश हिंदू धर्म का प्रतीक है, गुंबद इस्लाम का प्रतीक है, टॉवर ईसाई धर्म का प्रतिनिधित्व करता है और मीनार के ऊपर की सुनहरी संरचना बौद्ध धर्म को व्यक्त करती है। इसके अलावा प्रवेश द्वार की संरचना जैन धर्म को दर्शाती है।
सूर सागर लेक
वडोदरा में एक बेहद सुंदर झील है जिसको आप देख सकते हैं, सूर सागर लेक। झील के चारों तरफ़ हरियाली ही हरियाली है जो इस जगह को और भी सुंदर बनाती है। सूर सागर लेक में आप पैडल-बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। झील में दिखने वाली भगवान शिव की 120 फीट की भव्य प्रतिमा को आप देख सकते हैं। भीड़भाड़ से दूर आप शांति और सुकून के लिए इस जगह पर आ सकते हैं।
महाराजा फतेह सिंह संग्रहालय
दिन के आख़िर में आप महाराजा फतेह सिंह संग्रहालय को देख सकते हैं। ये म्यूज़ियम में गायकवाड़ परिवार का निजी कला और कलाकृतियों का घर है। इस संग्रहालय में महाराजाओं द्वारा संग्रहित जापानी, भारतीय, चीनी और यूरोपीय कला की एक श्रृंखला शामिल है। ये संग्रहालय लक्ष्मी विलास पैलेस के पास में स्थित है। इस पैलेस के अंदर फोटोग्राफी करना सख़्त मना है। इसके बाद भी अगर आपके पास समय बचता है तो कीर्ति मंदिर और इस्कॉन मंदिर को देख सकते हैं।
कब जाएँ?
गुजरात में वडोदरा घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। वडोदरा में गर्मियों में घूमना लगभग नामुमकिन है। सर्दियों में यहाँ का मौसम बढ़िया रहता है। उस दौरान आप वड़ोदरा को अच्छे से एक्सप्लोर कर सकते हैं। वड़ोदरा में घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी तक का माना जाता है। आपको एक वडोदरा घूमने का प्लान ज़रूर बनाना चाहिए।
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