यमुनोत्री: उत्तराखंड की एक एक बेहतरीन जगह, आस्था और कुदरती सुंदरता का संगम

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Photo of यमुनोत्री: उत्तराखंड की एक एक बेहतरीन जगह, आस्था और कुदरती सुंदरता का संगम by Rishabh Dev

भारत में चारधाम यात्रा बेहद पवित्र मानी जाती है। यमुनोत्री भी चार धाम यात्रा की एक बेहद धार्मिक और पवित्र जगह है। जिस तरह गंगा का उद्गम गंगोत्री से होती है। ठीक वैसे ही यमुना नदी का उद्गम यमुनोत्री से होता है। चारों तरफ से पहाड़ों से घिरे यमुनोत्री आस्था और धर्म का केन्द्र तो है ही साथ में कुदरता की सुंदरता का समागम देखने को भी मिलता है। इस यात्रा में आपको ऐसे नजारे देखने को मिलेंगे जो आपने कभी नहीं देखे होंगे तो इस शानदार जगह पर चले आइए। जिसे कहते हैं, यमुनोत्री।

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यमुनोत्री उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है और इस जगह की समुद्र तल से ऊँचाई 3,293 मीटर है। यमुनोत्री की यात्रा पर हर साल बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इस यात्रा में आपको कई शानदार जगहें देखने को मिलती है। यमुनोत्री में सिर्फ यमुनोत्री मंदिर ही नहीं और भी कई जगहें हैं जिनको आप देख सकते हैं। हम आपको यमुनोत्री की उन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनको यमुनोत्री की यात्रा में देखना जरूरी है।

1- यमुनोत्री मंदिर

गढ़वाल हिमालय के पश्चिम में स्थित यमुनोत्री मंदिर हिन्दुओं का एक बेहद पवित्र मंदिर है जो यमुना देवी को समर्पित है। यह मंदिर हनुमान चट्टी से 13 किमी., बरकोट से 50 किमी. और उत्तरकाशी से 46 किमी. की दूरी पर स्थित है। बंदरपंच पर्वत पर स्थित यह मंदिर छोटा चार धाम का पहला स्थान है। इस मंदिर में यमुना देवी की काले संगमरमर से मूर्ति बनी हुई है। इस मंदिर को 19वीं शताब्दी में जयपुर की महारानी गुलरिया ने बनवाया था। यमुनोत्री आएँ तो इस मंदिर को जरूर देखें।

2- सूर्य कुंड

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यमुनोत्री में एक प्राकृतिक कुंड ऐसा भी है जिसमें हमेशा गर्म पानी निकलता है। बाहर चाहे जितनी ठंड हो लेकिन कुंड का पानी हमेशा गर्म बना रहता है। यमुनोत्री मंदिर के पास में स्थित इस कुंड को सूर्य कुंड के नाम से जाना जाता है। इस कुंड के पानी का इस्तेमाल प्रसाद बनाने के लिए भी किया जाता है। कहा जाता है कि सूर्य कुंड का पानी इतना गर्म होता है कि कुछ ही देर में आलू चावल पक जाते हैं। सूर्य कुंड यमुनोत्री की बेहद महत्वपूर्ण जगहों में से एक है।

3- खरसाली

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खरसाली यमुनोत्री के पास एक छोटा-सा गाँव है। इस गाँव में कई झरने और एक प्राचीन शिव मंदिर है। समुद्र तल से 2,675 मीटर की ऊँचाई पर स्थित ये गाँव यमुनोत्री से 6 किमी और हनुमान चट्टी से 9 किमी. की दूरी पर है। सर्दियों में खरसाली गाँव यमुना देवी का घर माना जाता है। सर्दियों में बर्फबारी के कारण यमुनोत्री पहुंचना मुश्किल होता है इसलिए यमुना देवी की मूर्ति खरसाली के प्राचीन शनि देव के मंदिर में स्थापित की जाती है।

4- हनुमान चट्टी

हनुमान चट्टी उत्तरकाशी जिले में एक बेहद छोटा-सा गाँव है जो यमुनोत्री से 13 किमी. की दूरी पर है। समुद्र तल से 2,400 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हनुमान चट्टी एक बेहद खूबसूरत जगह है। चारों तरफ से पहाड़ों और हरियाली से घिरी ये जगह पर्यटकों के लिए एक शानदार जगह है। यहाँ आप नदी किनारे बैठकर पहाड़ो को निहार सकते हैं। इसके अलावा आप यहाँ ट्रेकिंग भी कर सकते हैं। इस गाँव में एक प्राचीन हनुमान मंदिर है जिसे आप देख सकते हैं।

5- जानकी चट्टी

जानकी चट्टी यमुनोत्री एक बेहद शानदार और पवित्र जगह है। समुद्र तल से 2,650 मीटर की ऊँचाई पर स्थित जानकी चट्टी अपने गर्म पानी के गर्म कुंडों के लिए जाना जाता है। यमुनोत्री जाने से पहले इन कुंडों में नहाना बेहद पवित्र माना जाता है। जानकी चट्टी आखिरी गाँव है जहाँ आपको रहने की सुविधा आराम से मिल जाएगी। पहाड़ों से घिरी ये जगह बेहद खूबसूरत है। आपको यमुनोत्री की यात्रा में इन जगहों को जरूर देखना चाहिए।

कैसे पहुँचे?

आपको सबसे पहले देहरादून पहुँचना होगा। देहरादून आप फ्लाइट, ट्रेन और बस से पहुँच सकते हैं। सबसे निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है और नजदीकी रेलवे स्टेशन देहरादून व ऋषिकेश में है। उत्तरकाशी तक आप बस से आराम से पहुंच सकते हैं। उत्तरकाशी से आप टैक्सी और कैब से हनुमान चट्टी पहुँच जाइए। हनुमान चट्टी से आपको यमुनोत्री के लिए पैदल जाना होगा।

कब जाएँ?

यमुनोत्री में सर्दी के मौसम में भारी बर्फबारी होती है और तापमान शून्य से नीचे चला जाता है। उस दौरान आप यमुनोत्री की यात्रा नहीं कर पाएँगे। यमुनोत्री जाने के लिए सबसे सही समय गर्मियों का माना जाता है। आप युमनोत्री मई-जून और सितंबर-अक्टूबर के समय जा सकते हैं। इस दौरान मौसम भी सही रहता है और नजारे भी बेहद शानदार देखने को मिलते हैं। हर किसी को एक बार चारधाम की यमुनोत्री की यात्रा पर जरूर जाना चाहिए।

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