चकाचौंध से भरी सड़कें, दौड़ती गाड़ियाँ, भागते लोग और हर जगह सिर्फ भीड़ ही भीड़। हर बड़े शहर की यही पहचान है। इन शहरों से दूर भी एक सुकून से भरी दुनिया है, जहाँ हर कोई जाना चाहता है लेकिन हिम्मत करने वाले ही जा पाते हैं। मैं आपको आज एक ऐसी ही सुकून और शांति से भरी जगह पर ले जाना चाहता हूं। पहाड़ों से घिरी इस छोटी-सी जगह की सुंदरता देखकर आप दंग रह जाएँगे। इस अलग सी दिखने वाली दुनिया का नाम है, वालोंग।
वालोंग अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले में स्थित एक कस्बा है। समुद्र तल से 1,904 मीटर की ऊँचाई पर स्थित वालोंग लोहित नदी के किनारे बसा है। वालोंग से इंडो-चाइना बॉर्डर सिर्फ 20 किमी. की दूरी पर है। वालोंग का एक एतेहासिक पहलू भी है। 1962 के युद्ध में यहाँ कई देशभक्तों ने अपनी जान कुर्बान की थी। अरुणाचल प्रदेश के वालोंग में कई मंदिर, घाटी, नदी और पहाड़ देखने लायक हैं। इस जगह को एक्सप्लोर करने में आपको मजा आएगा।
कैसे पहुँचे?
फ्लाइट: अगर आप हवाई मार्ग से वालोंग जाना चाहते हैं तो सबसे निकटतम असम का डिब्रूगढ़ एयरपोर्ट है। डिब्रूगढ़ से वालोंग 355 किमी. की दूरी पर है। आप तेजू होते हुए वालोंग पहुँच सकते हैं।
ट्रेन: यदि आप ट्रेन से वालोंग आने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे नजदीकी न्यू तिनसुकुया रेलवे स्टेशन है। असम के न्यू तिनसुकिया से वालोंग 316 किमी. की दूरी पर है।
वाया रोड: वालोंग जाने का सबसे सही तरीका वाया रोड ही माना जाता है। आप गुवाहटी से तिनसुकिया होते हुए पहले हवाई और फिर तेजू पहुँचे। तेजु से आप वालोंग आराम से पहुँच सकते हैं।
क्या देखें?
1- काहो
आपने भारत के बार्डर के बहुत सारे गाँव देखे होंगे लेकिन वहाँ आपको लोगों की भीड़ बहुत मिलेगी। वालोंग से कुछ ही दूरी पर एक छोटा-सा गाँव है जिसे काहो के नाम से जाना जाता है। काहो इंडो-चाइना बार्डर का आखिरी गाँव है। पहाड़ों से घिरे इस गाँव में एक बौद्ध गोम्पा भी है जिसे आप देख सकते हैं। इस शांत और खूबसूरत जगह पर आपको अपनी सांसों की आवाज भी सुनाई देगी। अगर आपको मिलता है तो यहाँ जाना न भूलें।
2- किबिथू
वालोंग से 20 किमी. दूर एक और शानदार जगह जिसे आप एक्सप्लोर कर सकते हैं। किबिथू भी लोहित नदी के किनारे बसा है और समुद्र तल से 1,305 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ पर आदिवासी जनजाति लोग रहते हैं। आप उनकी परंपराओं और रोजमर्रा की जिंदगी के बारे में जान सकते हैं। इसके अलावा किबिथू में आप झरना भी देख सकते हैं। कुदरती की खूबसूरती का एक बेजोड़ नमूना है किबिथू। वालोंग आओ तो इस जगह को देखना न भूलें।
3- नामती वैली
नामती घाटी को नामती मैदान के नाम से जाना जाता है। नामती वैली वालोंग से सिर्फ 7 किमी. की दूरी पर है। भारतीय सेना ने 1962 में इस घाटी में चीन से जंग लड़ी थी। उन सभी वीर जवानों की याद में यहाँ पर वॉर मेमोरियल भी बनाया गया है जिसे आप देख सकते हैं। यहाँ चारों तरफ खूबसूरत पहाड़ और हरियाली देखने को मिलेगी। यहाँ कुदरती की खूबसूरती को आप सुकून से देख पाएँगे। नामती वैली अरुणाचल प्रदेश की सबसे शानदार जगहों में से एक है।
4- डोंग
वालोंग के आसपास कई शानदार जगहें है जिसे आप देख सकते हैं। उन्हीं खूबसूरत जगहों में से एक है, डोंग। डोंग वालोंग से सिर्फ 7 किमी. की दूरी पर है। भारत का सबसे पहले सूर्योदय डोंग में ही होता है। आप खूबसूरत सनराइज का अनुभव डोंग में कर सकते हैं। लोहित नदी के किनारे बसा डोंग गाँव आपकी अरुणाचल की यात्रा को शानदार बना देगा। आपको एक बार तो इस जगह पर जरूर आना चाहिए।
5- अन्य जगहें
इन जगहों के अलावा आप वालोंग में कुछ और जगहें हैं जिन्हें आप एक्सप्लोर कर सकते हैं। आप लोहित नदी के किनारे बैठकर इस सुंदर जगह को निहार सकते हैं। इसके अलावा हॉट स्प्रिंग, हेलमेट टॉप, चग्लागम और हवाई जैसी जगहें भी आप देख सकते हैं। वालोंग की यात्रा में ये जगहें आपकी बकेट लिस्ट में तो शामिल होनी ही चाहिए।
कब जाएँ?
वालोंग अरुणाचल प्रदेश की एक छोटी-सी जगह है जिसके बारे में कम लोगों को पता है। वैसे तो आप साल में कभी भी आ सकते हैं लेकिन सर्दियों के मौसम में ये जगह बेहद खिली-खिली लगती है। वालोंग आने का सबसे बेस्ट टाइम अक्टूबर से मार्च तक का माना जाता है। अरुणाचाल प्रदेश की ऑफबीट जगह पर आने का मन हो तो वालोंग जाने का प्लान जरूर बनाएँ।
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