छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहे जाने वाले इस अनछुए कस्बे की करें यात्रा

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छत्तीसगढ़ विविधताओं से भरा राज्य है। यहाँ पर जंगल, पहाड़, झरने और नदियों से भरा प्राकृतिक संसार है। वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ अपनी संस्कृति के लिए भी जाना जाता है। इस प्रदेश में आपको कई ऐसी जगह मिल जाएंगी जो सांसकृतिक रूप से भरपूर हैं। इन्हीं में से एक खूबसूरत जगह है, राजिम।

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राजिम छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित है और राजधानी रायपुर से 50 किमी. की दूरी पर है। राजिम तीन नदियों महानदी, पैरी और सौंदुर के संगम पर बसा हुआ है। त्रिवेणी संगम होने की वजह से राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग भी कहा जाता है। यहाँ पर हर साल माघ पूर्णिमा को कुंभ मेला लगता है जो शिवरात्रि तक चलता है। राजिम श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र जगह है। घुमक्कड़ों के लिए यहाँ देखने और जानने को काफी कुछ है।

कब जाएं?

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छत्तीसगढ़ के राजिम आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन गर्मी के मौसम में जाना बेवकूफी होगी। झुलसा देने वाली गर्मी में आप इस जगह को अच्छे से नहीं देख पाएंगे। राजिम जाने के लिए सबसे बेस्ट टाइम नवंबर से मार्च तक का है। इस दौरान मौसम भी सुहावना रहता है और राजिम भी काफी खूबसूरत दिखाई देता है।

क्या देखें?

छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहे जाने वाले राजिम में देखने और घूमने के लिए कई शानदार जगहें हैं।

1- राजीव लोचन मंदिर

राजिम के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है, राजीव लोचन मंदिर। सातवीं शताब्दी में बना ये मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मंदिर के गर्भ गृह में विष्णु भगवान की काले पत्थर की मूर्ति स्थापित है। पूरे मंदिर में बारीक नक्काशी देखने को मिलती है। बाहर से मंदिर सफेद मारबल का बना हुआ है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के अलावा कई देवी-देवताओं की मूर्ति हैं। राजिम मंदिर समूह में स्थित इस मंदिर को देखे बिना राजिम को घूमना अधूरा है।

2- रामचन्द्र मंदिर

राजिम मंदिर समूह में राजीव लोचन मंदिर के ठीक सामने रामचन्द्र मंदिर हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 400 साल पहले गोविंद लाल ने करवाया था। गोविंद लाल को रायपुर का बैंकर कहा जाता है। मंदिर के खंभों और दीवारों पर सुंदर और बेहद शानदार नक्काशी देखने को मिलती है। इस मंदिर में कई प्राचीन मूर्तियां भी स्थापित हैं।

3- कुलेश्वर महादेव मंदिर

राजिम में नदी किनारे स्थित कुलेश्वर मंदिर काफी प्राचीन और खूबसूरत है। बड़े से चबूतरे पर पेड़ नीचे स्थित ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर के गर्भ में भगवान शिव की शिवलिंग है। कहा जाता है कि वनवास के दौरान राम, लक्ष्मण और सीता यहाँ पर आए थे। उन्होंने ही इस मंदिर की स्थापना की थी। इस मंदिर में भगवान गणेश, विष्णु, गंगा और यमुना जी की मूर्ति भी हैं। राजिम आएं तो इस मंदिर को जरूर देखें।

4- धनेश्वर मंदिर

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राजिम में इतने सारे मंदिर हैं कि इसे मंदिरों को शहर भी कहा जा सकता है। राजिम में आप धनेश्वर मंदिर की भी देख सकते हैं। कालाचुरी के समय में बना ये मंदिर काफी प्राचीन है। धनेश्वर मंदिर नागड़ा और द्रविढ़ शैली में बना हुआ है। स्थानीय लोगों के लिए ये मंदिर काफी पवित्र माना जाता है। राजिम में कई छोटे-छोटे मंदिर हैं जिनको आप देख सकते हैं।

5- चंपारण

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राजिम से चंपारण कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। आप राजिम के साथ चंपारण को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं। चंपारण में संत बल्लभाचार्य का खूबसूरत मंदिर है। जिसको देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इसके अलावा यहाँ पर चंपेश्वरनाथ महादेव मंदिर, वीर हनुमान टीला और डिपरेश्वर मंदिर भी है। आप इन जगहों की सैर जरूर करनी चाहिए।

कैसे पहुँचे?

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फ्लाइट से: अगर आप हवाई मार्ग से राजिम जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट रायपुर का स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट है। राजिम से एयरपोर्ट 43 किमी. की दूरी पर है। आप रायपुर से राजिम बस से जा सकते हैं या फिर कैब बुक करके राजिम पहुँचा जा सकता है।

ट्रेन से: रेल मार्ग से जाने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन राजिम है। इसके अलावा रायपुर मुख्य रेलवे स्टेशन है। रायपुर से आप बस या कैब लेकर राजिम पहुँच सकते हैं।

वाया रोड: राजिम सड़क मार्ग से भी पहुँचा जा सकता है। रास्ता खूबसूरत और अच्छा भी है। आप रायपुर समेत प्रदेश के कई शहरों से राजिम के लिए बस ले सकते हैं। अगर आपके पास खुद की गाड़ी है तब तो आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी।

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