
राजस्थान में कई गौरवशाली और ऐतिहासिक शहर हैं जो अपनी अलग-अलग विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं। इन्हीं शानदार शहरों में से एक है, चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ कभी मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश की राजधानी हुआ करती थी। बाद में उदयपुर मेवाड़ की राजधानी बन गई राजस्थान का चित्तौड़गढ़ अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत के लिए जाना जाता है। चित्तौड़गढ़ अपने आप में एक महान खूबसूरत इतिहास को समेटे हुए है। इस इतिहास को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। आपको एक बार राजस्थान के इस शहर को अच्छे से ज़रूर घूमना चाहिए।

राजस्थान का चित्तौड़गढ़ शहर 180 मीटर पहाड़ी पर बने महल के लिए काफ़ी मशहूर है। यह महल 691.9 एकड़ में फैला हुआ है। माना जाता है कि चित्तौड़गढ़ का निर्माण 7वीं शताब्दी में मौर्य वंश के शासकों ने करवाया था। इसका नाम भी मौर्य वंश के चित्रांगदा मोरी के बाद ही रखा गया था। 1568 तक चित्तौड़गढ़ मेवाड़ की राजधानी के रूप में जाना जाता था। उसके बाद उदयपुर को मेवाड़ी की राजधानी बना दिया गया। सिसोदिया वंश की स्थापना बप्पा रावल ने की थी। उनको को 8वीं शताब्दी में चित्तौड़गढ़ सोलंकी राजकुमारी से विवाह करने पर दहेज एक हिस्से के रूप में मिला था।
घूमने वाली जगहें:
चित्तौड़गढ़ क़िला
चित्तौड़गढ़ क़िला चित्तौड़गढ़ की सबसे महत्वपूर्ण जगहों में से एक है। चित्तौड़गढ़ क़िला भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है और यह एक विश्व धरोहर स्थल भी है। चित्तौड़गढ़ क़िला राजस्थान का एक भव्य क़िला है जिसे 7वीं शताब्दी में बनाया गया था। ये क़िला 700 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इस क़िले को वाटर फ़ोर्ट के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा इस क़िले में विजय स्तंभ, कीर्ति स्तंभ, राणा कुंभा पैलेस और मीरा मंदिर समेत कई संरचनाएं हैं जो देखने लायक़ हैं। चित्तौड़गढ़ क़िले को देखे बिना चित्तौड़गढ़ की यात्रा पूरी नहीं मानी जाएगी।
2. विजय स्तंभ
चित्तौड़गढ़ क़िले के अलावा इस शहर में आप विजय स्तंभ भी देख सकते हैं। विजय स्तंभ को विजय मीनार के नाम से भी जाना जाता है। महाराणा कुंभा ने 1440 ईस्वी में मोहम्मद ख़िलजी पर जीत के बाद बनवाया था। विजय स्तंभ 9 मंज़िला टॉवर है जो चारों ओर देवी देवताओं की मूर्ति से सुशोभित है। यह इतना ऊँचा है कि आप शहर के किसी भी हिस्से से इसे देख सकते हैं। इस टावर की नक़्क़ाशी बेहद शानदार है और देखने लायक़ है। चित्तौड़गढ़ जाएँ तो इस विजय स्तंभ को देखना ना भूलें।
3. राणा कुंभा महल
राणा कुंभा चित्तौड़गढ़ के सबसे पुराने महलों में से एक है। इस पुराने और जर्जर महल को देखकर आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि ये महल अपने समय में कितना शानदार हुआ करता होगा। राणा कुंभा पैलेस चित्तौड़गढ़ क़िला का सबसे बड़ा स्मारक है। ये पैलेस कभी महाराज बप्पा रावल, महाराणा कुंभा, रानी पद्मिनी और राजकुमारी मीरा बाई का निवास स्थान रहा है। इस महल में शाम के समय लाइट एंड साउंड शो होता है जिसका आप अनुभव कर सकते हैं।
4. फतेह प्रकाश पैलेस

चित्तौड़गढ़ में कई जगहें हैं जो देखने लायक़ हैं इन्हीं में से एक है, फतेह प्रकाश पैलेस। फतेह प्रकाश पैलेस चित्तौड़गढ़ क़िले के अंदर एक आकर्षक संरचना है। चित्तौड़गढ़ किला की ये संरचना अपनी राजपुताना शैली के लिए जानी जाती है। इस महल की वास्तुकला बेहद शानदार है। फतेह प्रकाश पैलेस का निर्माण महाराणा प्रताप ने करवाया था। इस महल के अंदर एक संग्रहालय भी है जो इस महल, क़िला और शहर के बारे में अच्छे से जानकारी देता है। चित्तौड़गढ़ की यात्रा में आपको इस महल को भी एक्सप्लोर करना चाहिए।
5. कीर्ति स्तंभ
विजय स्तंभ की तरह ही कीर्ति स्तंभ भी चित्तौड़गढ़ का एक मुख्य आकर्षण है। चित्तौड़गढ़ के विशाल क़िले में स्थित कीर्ति स्तंभ 22 मीटर ऊँचा है जिसका निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था। इस ऊँचे टावर का निर्माण जैन व्यापारी जीजा भागरवाला ने रावल कुमार सिंह के शासन के दौरान जैन धर्म के महिमांडन करने के लिए किया था। इस टॉवर में सात मंज़िलें हैं और संकरी खड़ी सीढ़ियाँ भी हैं। इस टॉवर से आपको चित्तौड़गढ़ शहर का बेहद खूबसूरत नजारा दिखाई देगा। चित्तौड़गढ़ की इन जगहों के अलावा आप यहां शतीस देओरी मंदिर, सांवरियाजी मंदिर, काली माता मंदिर और सीतामाता वन्यजीव अभ्यारण्य को देख सकते हैं।
कैसे पहुँचे?
वायु मार्ग: अगर आप फ्लाइट से राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे नज़दीक में उदयपुर का दबोक एयरपोर्ट है। दबोक एयरपोर्ट से चित्तौड़गढ़ 70 किमी. की दूरी पर है। आप हवाई अड्डे से चित्तौड़गढ़ बस या टैक्सी से जा सकते हैं।
रेल मार्ग: यदि आप रेल मार्ग से राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जाने के बारे में सोच रहे हैं तो सबसे निकटतम चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन है। आपको दिल्ली, मुंबई, जयपुर और उदयपुर से चित्तौड़गढ़ के लिए ट्रेन आसानी से मिल जाएगी।
सड़क मार्ग: आप वाया रोड भी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जा सकते हैं। चित्तौड़गढ़ राजस्थान के मुख्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहाँ से आपको चित्तौड़गढ़ के लिए बस आराम से मिल जाएगी। इसके अलावा अगर आपके पास ख़ुद की गाड़ी है तब तो आपको चित्तौड़गढ़ पहुँचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
कब जाएँ?
राजस्थान में वैसे तो साल भर में आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन गर्मियों में राजस्थान किसी को भी झुलसा देगा। इस दौरान घूमना थोड़ा मुश्किल होता है। सर्दियों में राजस्थान के चित्तौड़गढ़ का मौसम बेहद सुहावना होता है। अगर आप चित्तौड़गढ़ को एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो नवंबर से फ़रवरी का समय सबसे बढ़िया माना जाता है। इस दौरान आपको चित्तौड़गढ़ में घूमने में मज़ा आएगा। चित्तौड़गढ़ में आपको ठहरने में भी कोई दिक़्क़त नहीं होगी। यहाँ पर कई सारे होटल हैं जिनमें आप ठहर सकते हैं। आप अपने बजट के हिसाब से इन होटलों और हॉस्टलों में ठहर सकते हैं। आपको एक बार राजस्थान के इस खूबसूरत और ऐतिहासिक शहर को जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए।
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