भारत घूमने वालों के लिए किसी खजाने से कम नहीं है। अगर आप वीकेशन पर किसी शांत और ऑफबीट जगहों पर जाना चाहते हैं तो अपने देश में कई ऐसी खूबसूरत जगहें हैं। भारत के कुछ ऐसी अनदेखी जगहें हैं जो इस साल काफी मशहूर हो गई हैं। इन जगहों के प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतहासिक और सांस्कृतिक विरासत को देखने वालों में काफी इजाफा हो गया है। आपको भी जल्द ही इन जगहों को एक्सप्लोर कर लेना चाहिए। आप इन जगहों पर अपने देस्तों औप फैमिली के साथ वीकेंड पर आ सकते हैं।
अगर आपको रेगिस्तान से भरे नजारे पसंद हैं तो राजस्थान का खिमसर गाँव आपको जरूर पसंद आएगा। रेगिस्तान में बसे इस गाँव से आपको दूर दूर तक रेत ही रेत नजर आएगी। आप यहाँ थार और सैंड ड्यूंस का अनुभव ले सकते हैं। खिमसर गाँव में एक रिजॉर्ट है जहाँ से आप खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। इस रिजॉर्ट को पारंपरिक राजस्थानी घरों जैसा बनाने की कोशिश की गई है। इस गाँव तक आप ऊंट, जीप और घोड़े की सवारी करके ही सकते हैं।
कैसे पहुँचे: सबसे निकटतम एयरपोर्ट जोधपुर और रेलवे स्टेशन नागौर है। अगर आप वाया रोड आ रहे हैं तो कैब या बस से नागौर तक पहुँच सकते हैं।
कब जाएँ: नवंबर से फरवरी जाने के लिए बेस्ट टाइम है। नागौर फेस्टिवल हर साल जनवरी और फरवरी के बीच में होता है। उस समय आप यहाँ आने का प्लान बना सकते हैं।
इतिहास के शौकीनों के लिए मांडू या मांडवगढ़ एक बढ़िया जगह है। मांडू मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित है। मांडू में देखने के लिए कई सारी जगहें हैं। यहाँ आप हिंडोला महल, जहनाज महल, होशंग शाह का मकबरा, जामा मस्जिद, चट्टानों को काटकर बनाई गई गुफाएं, मांडू का किला, बाज बहादुर का महल और रूपमती का मंडप देख सकते हैं। इसके अलावा दिल्ली दरवाजा, तारापुर गेट, जहांगीर गेट और रामपोल दरवाजा सहित 12 विशाल गेट को भी देखा जाना चाहिए।
कैसे पहुँचे: निकटतम हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन इंदौर में है। यदि आप सड़क मार्ग से यात्रा कर रहे हैं तो आप मांडू पहुँचने के लिए कैब बुक करके या बस से आ सकते हैं।
कब जाएँ: आप साल के किसी भी समय मांडू जा सकते हैं। मानसून में बारिश से चारों ओर हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है। सर्दियों के दौरान आप आसपास के वातावरण में ठंडी हवा को महसूस कर सकते हैं।
अगर आप प्रकृति के सबसे नायाब नमूने को देखना चाहते हैं तो आपको अपनी बकेट लिस्ट में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को शामिल करना चाहिए। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित ये पार्क वन्यजीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क पक्षियों की 200 प्रजातियों और स्तनधारियों की 30 से अधिक प्रजातियों का घर है। इस पार्क में आप दुर्लभ पश्चिमी ट्रैगोपन देख सकते हैं।
कैसे पहुँचे: निकटतम हवाई अड्डा भुंतर में है और निकटतम रेलवे स्टेशन जोगिंदर नगर में है। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क तक पहुँचने के लिए कोई सीधा रास्ता नहीं है। आप सैंज घाटी में रोपा से शांगढ़ और तीर्थन घाटी में गुशैनी से रोपा तक वाया रोड पहुँच सकते हैं।
कब जाएँ: घूमने के लिए सबसे अच्छे समय मार्च, अप्रैल, मई, जून, अक्टूबर और नवंबर हैं।
क्या आपको झरने के पानी की आवाज पसंद है? मध्य प्रदेश के जबलपुर में ऐसे ही दो शानदार वाटरफॉल हैं, भेड़ाघाट और धुंधार। झरने के विहंगम दृश्य को देखने के लिए आप केबल कार की सवारी कर सकते हैं। इसके अलावा कचनार में भगवान शिव की सबसे ऊंची मूर्ति में से एक है। जबलपुर अपने शानदार जंगलों के लिए भी जाना जाता है। आपको पेंच, पन्ना, कान्हा और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की यात्रा करना चाहिए।
कैसे जाएँ: जबलपुर में एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन दोनों हैं। यदि आप वाया रोड जा रहे हैं तो देश के कई बड़े शहरों से बस से आ सकते हैं।
बेस्ट टाइम: आप साल में किसी भी समय जबलपुर जा सकते हैं लेकिन मार्च से मई तक गर्मी ज्यादा होती है।
परियों की कहानियों की भूमि या भगवान की भूमि के रूप में जाना जाता है हिमाचल प्रदेश का किन्नौर। सेब के बाग इस जगह की खासियत हैं। इस जगह का मुख्य आकर्षण शिव लिंगम है। किन्नौर में कई पुराने बौद्ध मठ और मंदिर भी हैं। रोमांच के शौकीन यहाँ पर ट्रेकिंग और कैंपिंग कर सकते हैं। यहां आप सेब के बागों में या बसपा और सतलुज नदियों के किनारे डेरा डाल सकते हैं।
कैसे पहुँचे: निकटतम एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन शिमला में है। यदि सड़क मार्ग से यात्रा कर रहे हैं तो आप किन्नौर के लिए शिमला और रामपुर शहरों से कैब बुक कर सकते हैं या बस ले सकते हैं।
घूमने का सबसे अच्छा समय: मई से अक्टूबर तक।
खूबसूरत नजारों से भरी सिक्किम की खेचोपलरी लेक एक पवित्र स्थान तो है ही ये जगह आंखों को सुकून देती है। ये जगह बौद्धों के लिए तो पवित्र है ही हिंदू भी इसे दिव्य मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने एक बार झील पर जाकर ध्यान किया था। यदि आप सरोवर के सामने अपनी मनोकामना जाहिर करते हैं तो वह पूरी हो जाती है।
कैसे पहुँचे: निकटतम एयरपोर्ट बागडोगरा में है और रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी है। यदि आप वाया रोड जा रहे हैं टैक्सी बुक कर सकते हैं या पेलिंग और गेजिंग से बस ले सकते हैं।
कब जाएँ: अक्टूबर के महीनों से फरवरी तक। मानसून से हमेशा बचना चाहिए।
क्या आपने कभी कल्पना की है कि आपके घर के बीच से एक अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा गुजरती है। ठीक ऐसा ही नागालैंड के लोंगवा में होता है। भारत और म्यांमार के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दोयांग नदी के तट पर लोंगवा स्थित है। यहाँ पर अनिवार्य रूप से स्थानीय लोगों को दोनों देशों की दोहरी नागरिकता की गारंटी दी जाती है। यहाँ के स्थानीय लोगों को 2 देशों में जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती है। कुछ घर तो ऐसे हैं जिनमें किचन एक देश में होता है और बेडरूम दूसरे देश में होता है। इस अनोखे गाँव के निवासी मुख्य रूप से कोन्याक्स जनजाति के हैं, जिन्हें हेडहंटर के नाम से भी जाना जाता है।
कैसे जाएँ: लोंगवा गांव मोन जिले में स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा जोरहाट और रेलवे स्टेशन भोजू में है। यदि आप सड़क मार्ग से यात्रा कर रहे हैं तो आप कैब या सोनारी और सिमुलगुरी से बस ले सकते हैं।
बेस्ट टाइम: अक्टूबर के महीनों से मार्च तक। आप साल के इस समय नागालैंड में कई मेलों और त्योहारों को भी देख सकते हैं।
अगर आप एकांत में समय बिताना चाहते हैं तो लद्दाख का हेमिस गाँव एकदम परफेक्ट है। हेमिस मठ और हेमिस नेशनल पार्क यहाँ की सबसे मशहूर जगहों में से एक है। इस मोनेस्ट्री की स्थापना 1672 में राजा सेंगे नम्पर ग्यालवा ने की थी। हिमालयी क्षेत्र के गाँवों में इसकी 200 से अधिक शाखाएं हैं जिनमें 1,000 से ज्यादा भिक्षु रहते हैं। यहीं पर हेमिस फेस्टिवल होता है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। हेमिस नेशनल पार्क दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। 4400 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले इस पार्क में हिम तेंदुए, स्तनधारियों की 16 प्रजातियां, पक्षी और 200 तेंदुए हैं।
कैसे पहुँचे: निकटतम हवाई अड्डा लेह में कुशोक बकुला रिम्पोछे एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी है। यदि आप सड़क मार्ग से जाने का सोच रहें हैं तो आप श्रीनगर से कारगिल होते हुए या मनाली से शुरू होने वाले रास्ते से जा सकते हैं। मार्ग का लाभ उठा सकते हैं।
घूमने का सबसे अच्छा समय: मई से अक्टूबर तक।
डमरो अरुणाचल प्रदेश का एक शानदार जगह है जो शहर की नीरस से भरे जीवन से दूर है। शांति और सुकून से भरी ये जगह हैंगिंग ब्रिज के लिए जाना जाता है। लगभग 1000 फीट की लंबाई में फैला यह पुल पर्यटकों को लुभाता है। इस शांत जगह पर आपको कुछ दिन जरुर बिताने चाहिए।
कैसे पहुँचे: निकटतम हवाई अड्डा पासीघाट में और निकटतम रेलवे स्टेशन डिब्रूगढ़ में है। यदि आप वाया रोड जा रहे हैं तो गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ शहरों से बस या कैब ले सकते हैं।
कब जाएं: अक्टूबर से अप्रैल तक।
आप हिमाचल प्रदेश के मैक्लॉडगंज के बारे में जरूर जानते होंगे। यदि आपको वैसा ही कुछ दक्षिण भारत में अनुभव करने को मिले तो। जी हाँ, चौंकिए मत। कर्नाटक में बाइलाकुप्पे एक ऐसी जगह है जहाँ आप मैकलॉड गंज जैसी ही सुंदरता और लुभावे दृश्य का आनंद ले सकते हैं। इसकी स्थापना लग्सम समडुप्लिंग और डिकी लार्सन ने 20 गांवों को मिलाकर की थी। इस जगह का मुख्य आकर्षण नामद्रोलिंग मठ है। ये मठ विशाल परिसर में स्थित है। मठ के अंदर बुद्ध पद्मसंभव, बुद्ध अमितायुस और बुद्ध शाक्यमुनि की मूर्तियां हैं।
कैसे पहुँचे: निकटतम हवाई अड्डा मैसूर में और निकटतम रेलवे स्टेशन मैसूर जंक्शन है। यदि आप सड़क मार्ग से यात्रा कर रहे हैं तो आप कर्नाटक के लगभग किसी भी प्रमुख शहर से बस या कैब से जा सकते हैं।
घूमने का सबसे अच्छा समय: जून के महीनों से अक्टूबर तक।
हम अक्सर अपनी बकेट लिस्ट में फेमस जगहों को शामिल करते हैं लेकिन भारत में कुछ अद्भुत ऑफबीट जगहें हैं जिनको एक्सप्लोर किया जाना चाहिए।
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