
कई बार हॉलीवुड फिल्में देखकर आपका मन भी उन खूबसूरत लोकेशंस पर जाने का करता होगा। नीले समुद्र के बीच रोमांस करना मन को खुश कर देता है। बॉलीवुड फिल्मों में भी कइ सीन की शूटिंग विदेशों में की जाती है और उनके लोकेशंस देखकर आपका मन भी वहां घूमने को करता ही होगा।
हालांकि, विदेश जैसी कई जगह भारत में भी हैं, जहां जाकर आपको ऐसा लगेगा मानो आप किसी दूसरे देश में आ गए हों। मुंबई से 187 किमी दूर स्थित लवासा कुछ ऐसा ही है। भारत की पहला पहला नियोजित शहर लवासा पुणे से 60 किमी दूर है। ये शहर इटली के पोर्टोफिनो से बहुत मिलता-जुलता है।
सड़कों और डिजाइन से लेकर लवासा में पोर्टोफिनो की तरह साफ झील और चमकती हुई बिल्डिंगें खड़ी हैं। इस शहर की खूबसूरती से आपको प्यार हो जाएगा।
पुणे से महज 60 किलोमीटर दूर वेस्टर्न घाट में स्थित है भारत का पहला प्लान्ड हिल स्टेशन लवासा जिसका लैंडस्केप, लुक और डिजाइन इटैलियन शहर पोर्तोफिनो से इंस्पायर्ड होकर बनाया गया है। इस शहर की कई सड़कों और बिल्डिगों को भी पोर्तोफिनो में मौजूद सड़कों का नाम दिया गया है
टूरिस्ट्स की सभी जरूरतों का ख्याल
मुंबई से लवासा की दूरी करीब 187 किलोमीटर है। अपनी बेहतरीन खूबसूरती की वजह से यह शहर एक परफेक्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। प्लान्ड सिटी होने की वजह से यह शहर यहां आने वाले टूरिस्ट्स की सभी जरूरतों और लग्जरी का ख्याल रखता है।
अडवेंचर का भी मौका
चारों तरफ मौजूद हरियाली और खूबसूरती के बीच स्थित टेमघर डैम और वरसगांव लेक इस शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। नेचर लवर्स के साथ ही बड़ी संख्या में अडवेंचर पसंद करने वाले लोग भी लवासा आते हैं क्योंकि यहां ट्रेकिंग, माउंटेनियरिंग, कैंपिंग और लेक में वॉटर स्पोर्ट्स का मजा उठा सकते हैं। इस शहर की खास बात यह है कि यहां का मौसम सालों भर सुहावना बना रहता है। आप चाहें तो शहर की भीड़भाड़ से दूर लवासा स्थित आयुर्वेदिक सेंटर्स में स्पा और मसाज का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
कब जाएं लवासा?
समुद्र तल से 2 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित लवासा हिल स्टेशन पर वैसे तो आप सालों पर जा सकते हैं लेकिन मॉनसून और सर्दी के मौसम में यहां का मौसम सबसे बेस्ट रहता है। ठंडी हवाएं चलती हैं और आसपास का पूरा माहौल बेहद खूबसूरत रहता है। लिहाजा जुलाई से सितंबर और अक्टूबर से मार्च के बीच बेस्ट टाइम है लवासा जाने का।
लवासा 2000 फीट की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण लवासा का मौसम बेहद सुहावना रहता है। मॉनसून और सर्दी के मौसम में लवासा घूमना सबसे ज्यादा सही रहता है क्योंकि इस दौरान यहां का मौसम ठंडा और सुंदर रहता है। मॉनसून जुलाई से सितंबर और सर्दी अक्टूबर से मार्च तक रहती है।
लवासा जैसा कोई और शहर नहीं है। इसकी कई सड़कों के नाम इटली शहर पोर्टोफिनो से प्रेरित हैं। दास्वे गांव को लवासा नाम दिया गया और अब इसे दास्वे बुलिवर्ड भी कहा जाता है। यहां की सड़कों के नाम ऑर्नेमल प्लांट्स जैसे केलोसिया और थिकेट हैं। लवासा में पर्यटकों की भीड़ भी खूब रहती है। पर्यटन विभाग से अनुमति लेने के बाद लवासा में प्रोफेशनल शूट भी किया जा सकता है।
लवासा के मुख्य आकर्षण लवासा शहर में पर्यटकों के लिए काफी कुछ है। यहां आप वॉटर स्पोर्ट्स जैसे जैट स्काईंग, कायाकिंग कर सकते हैं या फिर लवासा झील पर आराम भी फरमा सकते हैं। यहां पर कंट्री क्लब से लवासा शहर का खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है।
लवासा में कैंपिंग लवासा में कैंपिंग का एक नया ही अनुभव होता है। जंगलों में कैंपिंग और ट्रैकिंग की जगहों से लवासा बिलकुल अलग है। यहां आप रैपेलिंग, राफ्ट बिल्डिंग, आर्चरी और योग भी कर सकते हैं। इसके अलावा यहां ग्रुप एक्टिविटीज़ जैसे मैड एड्स, कोलाज मेकिंग आदि भी कर सकते हैं। लवासा में पर्यटन विभाग द्वारा पैकेज सर्विस में इस तरह की सुविधाएं दी जाती हैं
कैसे पोहचे लवासा :
मुंबई से लवासा का रूट : पहला रूट : छेद्दा नगर - बैंगलोर-मुंबई हाइवे - एनएच 48 - हिंजवडी फेज़ 2 रोड़ - हिंजेवडी-पिरंगुट रोड़ - टेमघर-लवासा रोड़ - दास्वे रोड़ - लवासा (188 किमी - 4 घंटे)
दूसरा रूट : छेद्दा नगर - बैंगलोर-मुंबई हाइवे - एसएच 92 - एसएच 93 - तमहिनी घाट रोड़ - मुल्शी रोड़ - टेमघर-लवासा रोड़ पिरंगुट में - दास्वे रोड़ - लवासा (230 किमी - 5 घंटे 20 मिनट) लवासा के रास्ते में आप इन जगहों पर भी रूक सकते हैं :

























