काफी बार कहीं जाने की जगह सोचना भी मुश्किल पड़ जाता है। ट्रैवल भी पिक्चर देखने की तरह है, आप के ज़हन में पहले जाने पहचाने नाम ही आते हैं। कितनी बार आपके साथ होता होगा कि आप नेटफ्लिक्स खोलकर फिर से अपनी पुरानी फेवरिट मूवी चला कर देखने लग जाते होंगे। ट्रैवल में भी ऐसे होता है, दिल्ली वाले अक्सर वीकेंड खाली मिलते ही शिमला, नैनीताल, मनाली पहुँच जाते है। इस बार एक दोस्त की मदद से मेरा वीकेंड का प्लान थोड़ा बढ़िया हो गया जब उसने मुझे तीर्थन वैली जाने का सुझाव दिया।
हिमाचल के कुल्लू डिस्ट्रिक्ट में समुद्र स्तर से 1600 मीटर ऊपर बसी है तीर्थन वैली। इसका नाम तीर्थन वैली इसीलिए है क्योंकि तीर्थन नदी गुज़रती है यहाँ से। ठन्डे बर्फीले हंसकुंड से जन्म लेती है तीर्थन नदी जो एक बर्फीली पहाड़ी है ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में। वैसे तो यह ऑफबीट डेस्टिनेशन है पर अगर आप यहाँ पहुँच गए तो सब के लिए कुछ ना कुछ है यहाँ पर। ट्रैकिंग से लेकर फिशिंग तक, और रिलैक्स करने के लिए तो परफेक्ट जगह है। यहाँ पहुँचने के लिए आपको दिल्ली, चंडीगढ़ से वॉल्वो आसानी से मिल जाएगी और अपनी गाड़ी पर तो आप आ ही सकते हैं। दिल्ली से लगभग 485 कि.मी.दूर है और इसे पूरा करने में 12 से 15 घंटे लग जाते हैं। आइए ले चलती हूँ आपको तीर्थन वेल्ली के सुहाने सफर में और बताती हूँ आप वहाँ क्या क्या देख सकते हो:
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नदी किनारे बातचीत
जैसा फिल्मों में दिखाते हैं , बिलकुल वैसा ही। वैसे तो नदी हिमचाल में काफी जगह बहती है पर पब्लिक इतनी ज़्यादा होगयी है कि सुकून से नदी किनारे बैठना अब मिलता ही नहीं। यहाँ पर नदी के किनारे आप कहीं भी बैठो बस शान्ति ही शान्ति मिलेगी। ऊपर से काफी सारे होमस्टे नदी किनारे ही बेस हुए हैं, यहाँ बुकिंग करवाना सही रहेगा। नदी के किनारे जो गाँव पड़ता है उसका नाम है गुशैनी।
आसमान चूमते पहाड़
यहाँ के बर्फीले पहाड़ों की बात ही कुछ और है, ये आपको ठंड में लपेट लेंगे और आप अपनी असल ज़िन्दगी को यहाँ भूलने में ज़रूर कामयाब होंगे। यह जगह पक्षी देखने के लिए भी बहुत चर्चित है। परफेक्ट गेटअवे का खिताब मिल सकता है।
सेरोलसर झील
झलोरी पास से 6 कि.मी. की ट्रेक पर सेरोलसर झील से मुलाक़ात होगी जिस पर आसमान का नीला भी उतना ही दिखता है जितना जंगल का हरा। बुद्धि नागिन का मंदिर भी है पास में जिसे हिमाचली संस्कृति में 60 नाग देवता की माँ भी कहा जाता है।
छुपे हुए वाटर फॉल
रोल्ला गाँव से थोड़ा ऊपर ट्रेक करके गए तो आपको इनाम में एक झरना दिखेगा। झरने के पास बिना भीड़ के अकेले बैठकर जो सुकून मिलता है उसका एक अलग ही नशा है। अगर आप थोड़े और एडवेंचर्स चाहते हैं तो उत्तरी दिशा में आगे बढ़िए जहाँ पर आपको शेफर्ड हट का एक सुन्दर नज़ारा दिखेगा।
पराशर झील
तीन मंज़िला पैगोडा मंदिर के सामने आपको चमचमाती पराशर झील मिलेगी। मैं यह बोलना तो नहीं चाहती पर आयरलैंड जैसा लगा था उस जगह पर पहुँच कर। मंदिर और झील दोनों ऋषि पराशर के नाम पर हैं जिन्होंने यहाँ तपस्या की थी।
पहाड़ों वाली फिशिंग
पहाड़ों वाली मैग्गी तो हज़ारों बार खायी होगी, पर पहाड़ों में फिशिंग की है कभी? यहाँ के फिशिंग कैम्प्स बहुत फेमस है। रेनबो और भूरी ट्राउट से भरपूर है तीर्थन नदी। तीर्थन को हिमाचल की सरकार ने एंगलिंग रिज़र्व डिक्लेअर कर दिया है और यहाँ का संतुलन बनाए रखने के लिए यहाँ हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की इजाज़त नहीं है। एक मामूली से लाइसेंस के साथ आप मज़े से ट्राउट फिशिंग कर सकते हो।
अब मेरा वीकेंड तो बहुत ही बढ़िया गया। जैसा कि आप सब को मैंने बताया तीर्थन एक बेहद ही खूबसूरत और शान्त जगह है और मैं दुआ करती हूँ कि यहाँ भर भर के टूरिस्ट ना आए और इस जगह कि पवित्रता और ब्यूटी का नाश ना करे। आप भी जाएँ तो प्लास्टिक कचरे का ध्यान रखें। शिमला, मनाली तो खराब हो ही चुके हैं, जो बच गए हैं उन्हें बचा कर रखें।
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