अगर बॉलीवुड और क्रिकेट के अलावा पूरी दुनिया भारत की किसी चीज़ मिसाल देती है तो वो है यहाँ का खाना। भारत दुनिया में सबसे विविध और समृद्ध खाने की शैली वाले देशों में से एक है। और जब यहाँ दुनिया भर के लोग आकर्षित होकर चले आते हैं, तो ज़ाहिर है इसका असर खाने और पाक शैली में भी नज़र आता है। वास्तव में, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि समोसा और जलेबी जैसे लज़ीज़ पकवान जिन्हें आपने हमेशा भारतीय समझते थे, असल में वो भारत के हैं ही नहीं!
इससे अलावा वो कौन-से पकवान हैं जो भारतीयों के दिल में तो बसते हैं लेकिन मूल रूप से भारतीय हैं नहीं? ये रही इसकी लिस्ट:
1. राजमा- चावल
जिस राजमा को उत्तर भारतीय घरों में बेहद पसंद किया जाता है वो दरअसल भारत का है ही नहीं। राजमा तो शुरुआती तौर भारत में कहीं उगाई भी नहीं जाती थी, ये भारत में आई पुर्तगालियों के साथ। यहाँ तक की राजमा को भिगो कर, उबाल कर और फिर मसालों के साथ बनाने की पाक विधी की मैक्सिको से आती है। लेकिन हाँ अपने देसी मसालों के तड़के के साथ हमने राजमा को एक अलग ही स्वाद दे दिया है।
2. जलेबी
जहाँ हमारे देश के कई हिस्सों में इस पसंदीदा पकवान को कई अलग तरीकों से बनाया जाता है, लेकिन ये गजब की बात है कि जलेबी का जन्म भी भारत में नहीं हुआ था। जलेबी भारत में फारसी आक्रमणकारियों के साथ आई। असल में जलेबी नाम मिठाई के फारसी नाम 'जलिबिया' या 'जुलाबिया' से आता है, जबकि इसे अरबी में 'जलाबिया' कहा जाता है।
3. समोसा
जैसी ही बरसात के दिन शुरू होते हैं और आसमान से गिरी बुंदें आपके चहरें पर पड़ती है तो आपके मन में झट से समोसे का ख्याल आ जाता है। आलू से भरे इस स्नैक ने कई सदियों से लोगों को एक साथ जोड़ा है लेकिन आप यह जानकर हैरान होंगे कि यह दुनया मध्य-पूर्वी इलाके यानी मिडल इस्ट से आया है। माना जाता है कि 14 वीं शताब्दी में इस पसंदीदा पकवान को व्यापारियों द्वारा पहली बार भारत लाया गया था। भारतीयों ने समोसे को अपनाने में समय नहीं लिया और धीरे-धीरे यह सबसे लोकप्रिय स्नैक बन गया।
4. गुलाब जामुन
हम जिस गुलाब जामुन को जानते हैं, वो है तली हुई खोये की गेंद जिसे चाशनी में भिगोते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे कभी भी इस तरह से बनाया ही नहीं जाना था? गुलाब जामुन के प्रमुख भारतीय मिठाई बनने से पहले फारसी लोग इसे शुद्ध शहद में भिगो कर खाते थे जिसका स्वाद बिल्कुल अलग होता था। लुकामत अल कदी (गुलाब जामुन का मूल नाम) के भारत पहुँचने तक इसमें काफी बदलाव आया और यह वह मिठाई बन गया जिसे देखकर लोग खुद पर काबू नहीं रख पाते।
5. चिकन टिक्का मसाला
माना जाता है कि उत्तर भारत की इस पसंदीदा डिश का इजात तब हुआ जब ग्लासगो में एक शेफ ने एक ग्राहक को खुश करने के लिए चिकन करी में टमाटर का सूप मिलाया। ये नई डिश इतनी मशहूर हुई कि स्कॉटलैंड से फैलते हुए भारत आ पहुँची। तो अगली बार जब आप चिकन टिक्का मसाला खा रहे हो, इसका इजात करने वाले को शुक्रिया कहना मत भूलिएगा!
6. चाय
चाहे आप चाय के दीवानें हो या नहीं, लेकिन भारत में आप इसे अनदेखा तो नहीं कर सकते। यह भारत में सबसे ज़्यादा उगाए जाने वाले और उपभोग किए जाने वाले चीज़ों में से एक है लेकिन इस चाय की शुरुआत चीन में हुई थी। चीनी लोग चाय को एक औषधीय ड्रिंक की तरह से इस्तेमाल करते थे। फिर अंग्रेज़ों ने इसे भारत लाने का फैसला किया। अंग्रेजों ने उत्तर-पूर्व भारत में लोगों को चाय की खेती की कला भी सिखाई और तब से चाय भारत का की रूह सी बन गई है।
7. फ़िल्टर कॉफी
एक और ड्रिंक जो भारत से जुड़ा हुआ है और लोग जिसके बिना रह नहीं पाते वो है फ़िल्टर कॉफी। लेकिन फिल्टर कॉफी सबसे पहले यमन में पी जाती थी, जिसे शराब के विकल्प के तौपर पर बिना दूध और चीनी के पिया जाता था। ऐसा माना जाता है कि एक सुफी संत बाबा बुडान पहली बार इसे भारत में लेकर आए थे और 1936 में मुंबई में कॉफी हाउस की स्थापना के बाद ही भारतीयों ने फिल्टर कॉफी बनाना शुरू किया था।
8. दाल चावल
घर के बने खाने की याद दिलाने वाला दाल चावल बेहद सिंपल होने के बावजूद भी बेहद सुकून देने वाली डिश है। हालांकि, क्या आप जानते थे कि ये पसंदीदा रोज़मर्रा का भोजन वास्तव में नेपाल से आता है? जी हाँ, नेपाल के स्थानीय लोगों ने पहली बार उबले हुए चावल को दाल के साथ खाना शुरू किया। यह खाना सभी लोगों को पसंद आने लगा, फिर उत्तर भारत के साथ जुडी सीमाओं के ज़रिए इसने भारत के किचन में एक अहम जगह बना ली।
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