हिमाचल के पारंपरिक व्यंजन जिन्हें हर घुमक्कड़ को जरूर चखना चाहिए

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Photo of हिमाचल के पारंपरिक व्यंजन जिन्हें हर घुमक्कड़ को जरूर चखना चाहिए by Deeksha

बर्फीले पहाड़, सुरम्य घाटियों से बहती नदियाँ, दूर तक बिखरी हरियाली और शांत माहौल। ये कुछ चीजें हैं जो हिमाचल को सबका फेवरेट राज्य बनाती हैं। लेकिन अगर आपको लगता है कि हिमाचल की लोकप्रियता केवल इन्हीं कुछ वजहों से है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। इन सबके अलावा भी एक कारण है जो हिमाचल को सबसे खास बनाता है। वो है यहाँ के लजीज पकवान और पारम्परिक तरीकों से बनाया गया पहाड़ी खाना। क्योंकि हिमाचल के कुछ हिस्सों में भरी बर्फबारी होती है जिसकी वजह से सर्दियों के मौसम में वो बाकी देश से काट जाते हैं, इसलिए यहाँ का खाना भी स्थानीय चीजों को मिलाकर बनाया जाता है। हिमाचल में आपको बहुत फैंसी खाना नहीं मिलेगा। लेकिन सही तरीके से बनाया गया पहाड़ी खाना खाकर आप उंगलियां चाटते रह जाएंगे।

1. मद्रा

हिमाचल के चंबा जिले की ये डिश केवल चंबा ही नहीं बल्कि पूरे हिमाचल में बड़े चाव से खाई जाती है। इस डिश को चंबा और कांगड़ा जिले की पहचान माना जाता है। मदरा भीगे हुए छोले से बनी डिश होती है जिसमें कभी कभी ढेर सारी सब्जियों का भी इस्तेमाल किया जाता है। मद्रा बनाने के लिए भीगे हुए छोलों को बाद में तेल में डालकर तरह तरह के मसालों के साथ पकाया जाता है। जिसमें काली मिर्च, इलायची पाउडर, लोंग, जीरा पाउडर, हल्दी और धनिया पाउडर शामिल होता है। खाने में ये डिश एक तरह से छोले की तरह लगती है। लेकिन जब आपको पहाड़ों की गोद में मदरा की गर्मा-गर्म प्लेट परोसी जाएगी तो आपका दिल खुश हो जाएगा। अगर आप हिमाचली खाने को अच्छे से एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो आपको मदरा जरूर चखना चाहिए। अकेली ये डिश पूरे हिमाचली खाने के कल्चर को दिखलाती है। आप हिमाचल में किसी भी रेस्त्रां में चले जाइए, हर जगह के मेनू में मद्रा के लिए खास जगह मिलेगी।

2. धाम

अगर आप पहाड़ी इलाकों के शौकीन हैं और खासतौर से यदि आपको हिमाचल से थोड़ा ज्यादा लगाव है तो आपने वहाँ की फेमस डिश धाम के बारे में जरूर सुना होगा। मनाली और चंबा जिले का धाम अपने आप में एक समय का खाना होता है। हिमाचली धाम काफी हेल्थी और पोषण से भरा होता है इसलिए कई इलाकों में इसको रोज के खाने में भी खाया जाता है। असल में ये अलग-अलग व्यंजनों से सजी थाली होती है जिसको एक साथ धाम कहा जाता है। इसमें राजमा, दाल, चावल, दही, बूर की दाल के साथ में गुड़ परोसा जाता है। कई हिमाचली त्योहारों में खासतौर से धाम बनाया जाता है। खास बात ये भी है कि जो लोग धाम बनाते हैं उन्हें बोटी कहा जाता है। आमतौर पर धाम कुछ खास लोगों के द्वारा बनाया जाता है। लेकिन क्योंकि हिमाचल में धाम बहुत पसंद किया जाता है इसलिए ये दोष अब लगभग हर घर में बनाई जाती है। अगर आप धाम का सबसे अच्छा स्वाद चखना चाहते हैं तो आपको किसी त्योहार के समय हिमाचल आने का प्लान बनाना चाहिए।

3. तुड़किया भात

तुड़किया भात हिमाचल के एक और पारंपरिक व्यंजन का नाम है जो चावल से बनाया जाता है। ये एक तरह का खास पुलाव होता है जिसको हिमाचल के स्थानीय लोग अलग अलग तरीकों से बनाते हैं। लेकिन आम पुलाव और इस हिमाचली पुलाव में क्या फर्क है? फर्क ये है कि हिमाचल की इस डिश में आपको चावल और मसालों के साथ साथ दाल, आलू और दही की भी थोड़ी मात्रा डाली जाती है। इस पुलाव में प्याज, टमाटर और लहसुन को इलायची और लॉन्ग के साथ पकाया जाता है। मसाला भुन जाने के बाद इसमें चावल मिलाए जाते हैं जिससे इस डिश को एकदम अलग और यूनिक स्वाद मिलता है। यकीन मानिए ये पुलाव खाने में इतना स्वादिष्ट होता है कि आपका पेट भर जाएगा लेकिन मन नहीं भरेगा। अगर आप तुड़किया भात का पूरा मजा लेना चाहते हैं तो आपको इसमें नींबू की कुछ बूंदे डालकर दाल के साथ खाना चाहिए।

4. छा गोश्त

अगर आप पक्के नॉन वेजिटेरियन हैं और आपको ट्रिप पर भी नॉन वेजिटेरियन खाना पसंद करते हैं तो आपको हिमाचल की ये डिश बहुत पसंद आएगी। छा गोश्त हिमाचल की पारंपरिक डिश है जिसको लैंब मीट से बनाया जाता है। सबसे पहले मीट को मसालों के साथ मैरीनेट करके कुछ देर के लिए रख दिया जाता है। डिश की ग्रेवी तैयार करने के लिए थोड़ा बेसन और दही का इस्तेमाल किया जाता है। ग्रेवी बनाने के बाद लैंब मीट को उसमें डालकर अच्छी तरह से पकाया जाता है। इस खास हिमाचली डिश में कुछ भारतीय मसालों की भी खास भूमिका होती है। छा गोश्त का असली स्वाद इलायची, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, हींग और प्याज - लहसुन के मसाले से आता है। जो इस डिश के स्वाद को निखार देता है। ये डिश खासतौर से चम्बा जिले में काफी ज्यादा पसंद की जाती है। अगर आपको नॉन वेजिटेरियन खाना खाने का शौक है तो इस हिमाचली डिश को अपनी लिस्ट में जोड़ना बिल्कुल ना भूलें।

5. सिद्दू

सिद्दू हिमाचल की सबसे फेमस और सभी की पसंदीदा डिश है। इस डिश को केवल पर्यटक ही नहीं बल्कि स्थानीय लोगों के बीच भी खूब पसंद किया जाता है। गेहूं के आटे से बना ये व्यंजन किसी भी ग्रेवी वाली सब्जी या मटन करी के साथ बहुत पसंद किया जाता है। ये डिश जितनी टेस्टी होती है इसकी बनाने में उतनी ही ज्यादा मेहनत और समय लगता है। गेहूं के आटे में यीस्ट मिलाकर उसको कम से कम 4-5 घंटों के लिए रख दिया जाता है। इससे आटा फूलकर मुलायम हो जाता है। बाद में इस आटे की छोटी छोटी पोटली बनाकर उसमें स्टफिंग की जाती है। भरने के बाद इसको सीधी आंच पर कुछ देर के लिए पकाया जाता है। थोड़ी देर पक जाने के बाद इसको भाप में पकाया जाता है। जिससे इसके अंदर के सभी पोषक तत्त्व बने रहें। सिद्दू बनकर तैयार हो जाने के बाद इसके ऊपर घी की एक परत लगाई जाती है। जिसके बाद ये डिश खाने के लिए एकदम तैयार हो जाती है। अगर आप सिद्दू का स्वाद लेना चाहते हैं तो आप हिमाचल के किसी भी रेस्त्रां में चले जाइए। आपको आराम से सिद्दू उनके मेनू पर मिल जाएगा।

6. अकतोरी

अगर आप किसी त्योहार के समय हिमाचल जाएंगे तो आपको ये डिश लगभग हर जगह मिल जाएगी। असल में ये डिश खास हिमाचली फेस्टिवल के समय बनाई जाती है। हिमाचल के स्थानीय लोग इस डिश को बहुत चाव से खाते हैं। अकतोरी को आप एक केक या पैनकेक की तरह समझ सकते हैं जिसको कूटू के आटे से बनाया जाता है। कूटू के आटे में पानी मिलाकर उसका एक मिश्रण तैयार कर लिया जाता है। जिसको बाद में पैनकेक की तरह फैला कर पकाया जाता है। वैसे तो ये डिश खास स्पीति घाटी से है लेकिन इसकी लोकप्रियता के चलते अब ये पूरे हिमाचल में फेमस हो चुकी है।

7. काले चने का खट्टा

ये एक पारंपरिक डिश है जिसको कांगड़ा घाटी के लोगों के बीच काफी पसंद किया जाता है। असल में ये डिश कांगड़ी धाम का भौत महत्वपूर्ण हिस्सा है इसलिए ये पूरी घाटी में फेमस है। सुनने में ये आपको नॉर्थ इंडिया में बनने वाली लाल चने की सब्जी जैसा लग सकता है लेकिन ये डिश उससे एकदम अलग है। काली चने का खट्टा बनाने के लिए सबसे पहले भीगे हुए चने को फ्राई किया जाता है। जिसके बाद उसमें कुछ मसाले और पानी डालकर पकाया जाता है। काले चने का खट्टा को पहाड़ों और खासतौर से हिमाचल के पक्के व्यंजनों में से माना जाता है। ज्यादातर लोग इसको चावल के साथ खाना पसंद करते हैं। लेकिन कभी कभी इस डिश को मदरा के साथ भी परोसा जाता है।

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