
ताजमहल, भारत में एक अद्वितीय स्मारक है जो आगरा में स्थित है। इसे मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। यह विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। इसकी शानदार आर्किटेक्चर और उसकी शानदारता ने इसे एक अनुपम दुनिया की यात्रा स्थल बना दिया है। पर उत्तर प्रदेश में ही नहीं असम में भी हैं एक ताजमहल, क्या आप वाकिफ हैं इस बात से? हां आपने सही पढ़ा आज हम इस आर्टिकल के जरिए आपको उत्तर प्रदेश के ताजमहल नहीं बल्कि असम में स्थित ताजमहल के बारे में बताएंगे।
मिनी ताजमहल
असम में स्थित ताजमहल को 'मिनी ताजमहल' के नाम से भी जाना जाता हैं। मिनी ताजमहल असम में रचा गया एक अत्यंत आकर्षक भव्य संरचना है जो आकर्षक और उत्कृष्ट स्थापत्य भव्यता के लिए जाना जाता है। इसका निर्माण श्रद्धांजलि के रूप में किया गया है और यहाँ के पर्यटकों को एक मजबूत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है। इसका डिज़ाइन ताजमहल की रूपरेखा को आदर्शित करता है, लेकिन छोटे मात्र के आकार में है, जिससे यह अद्वितीयता का प्रतीक बनता है। इसकी संरचना में आध्यात्मिक और कलात्मक महत्व होने के कारण यह असम का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है।

मिनी ताजमहल क्यों बनवाया गया?
मिनी ताजमहल का निर्माण हज़रत मुर्तज़ा अली शाह सफ़वी और सूफ़िया बेगम के बेटे के श्रद्धांजलि के रूप में किया गया था। यह असम में स्थित है और ताजमहल की संगतता को याद दिलाते हुए बनाया गया है, लेकिन इसका आकार बहुत छोटा है। यह संरचना प्रेम, आध्यात्मिकता, और स्थापत्य के अद्वितीय मिश्रण का प्रतीक है। इसका निर्माण अद्वितीयता के रूप में इसे एक प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनाता है, जो असम की ऐतिहासिक और कला धरोहर का हिस्सा है।
कौन थे हज़रत मुर्तजा अली शाह सफवी
19 वीं शताब्दी की शुरूआत में असम के दारंग जिले के एक छोटे से गांव में हज़रत मुर्तजा अली शाह सफवी का जन्म हुआ था। उन्होंने ढाका यूनिवर्सिटी से इंजीनियर की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी करने के बाद वापस अपने गांव लौटे और असम में नौकरी करने लगे। धीरे धीरे अध्यात्मिक ज्ञान की ओर बढ़ते चले गए। दुनिया से बेखबर हज़रत मुर्तजा अली धर्म की राह पर चलते रहे। उनके देहांत के बाद उनके मुरीदों ने असम के हाथीगांव में उनको दफन किया जहां आज ये मज़ार है।

मिनी ताज महल: आस्था का प्रतीक
हर साल 26 नवंबर को मजार में धूमधाम से उनका ऊर्स मनाया जाता है। हज़ारों की संख्या में मुरीद वहां पहुंते है। जैसे ही उर्स उत्सव शुरू होता है, हवा आध्यात्मिक छंदों और धूप की सुगंध से गूंज उठती है। मुरीदों ने मज़ार के बाहर मोमबत्ती जलाकर और मज़ार के अंदर चादर चढ़ाकर अपनी आस्था व्यक्त की। कुछ लोग दूर-दराज के स्थानों से भी यात्रा करते हैं, जो न केवल धार्मिक उत्साह से बल्कि "मिनी ताज महल" के आकर्षण से भी आकर्षित होते हैं।
मिनी ताज महल का पता
हतीगांव, खानका रोड के पीछे, मिलन नगर, गुवाहाटी, असम 781040, भारत
यदि आप आगरा नहीं जा सकते तो ये घूमने के लिए बढ़िया जगह हैं। यह ताज महल की सच्ची प्रतिकृति है और आपको इसके जैसी अनुभूति देगी।

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