भूतों द्वारा भगवान शिव को समर्पित वह मंदिर जो कभी पूरा नहीं बन पाया

Tripoto
28th Mar 2023
Photo of भूतों द्वारा भगवान शिव को समर्पित वह मंदिर जो कभी पूरा नहीं बन पाया by Yadav Vishal
Day 1

मध्य प्रदेश को "भारत का दिल" कहा जाता है क्योंकि यह राज्य देश के केंद्र में स्थित हैं।मध्य प्रदेश राज्य उन कुछ राज्यों में से एक है जो चारों ओर से कई राज्यों से घिरा हुआ है, इस राज्य की एक अलग बात यह भी है कि यह अपनी सीमा किसी भी देश के साथ साझा नहीं करता है।मध्य प्रदेश आने वाले पर्यटक अक्सर राज्य की सुंदरता और इसकी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से चकित होते हैं। इस राज्य में भोले बाबा के दो ज्योतिलिंक होने की वजह से यहां भगवान शिव की खासी मान्यता हैं। इस राज्य में भगवान शिव को समर्पित एक और मंदिर हैं जिसे भूतों द्वारा बनाया गया हैं। मध्य प्रदेश में मौजूद मंदिर सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि हर मंदिर की एक अलग कहानी है और भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर उन्हीं मंदिरों में से एक हैं।

ककनमठ मंदिर

ककनमठ मंदिर,मध्यप्रदेश के सिहोनिया गांव में स्थित है।ग्वालियर शहर से करीब 70 किलोमीटर दूर मुरैना में स्थित हैं सिहोनिया गांव। कहते हैं यह मंदिर लगभग 1000 साल पुराना हैं।जमीन से लगभग 115 फुट की ऊंचाई पर मौजूद हैं यह मंदिर।खंडहरनुमा हो चुके इस मंदिर के गर्भगृह में विशाल शिवलिंग स्थापित है। माना जाता है कि इस शिवलिंग की गहराई किसी को नहीं पता। यह मंदिर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने संरक्षित स्मारकों की सूची में शामिल किया हुआ है।

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ककनमठ मंदिर का इतिहास

ककनमठ मंदिर का निर्माण लगभग 11 वीं शताब्दी में हुआ था। जिसका निर्माण कछवाहा वंश के राजा कीर्ति राज ने कराया था। उनकी रानी ककनावती भगवान शिव की अनन्य भक्त थी। उसी कहने पर इस इसका नाम ककनमठ रखा गया।ककनमठ मंदिर उत्तर भारतीय शैली में बना हुआ है।आठवीं से वीं शताब्दी के दौरान मंदिरों का निर्माण नागर शैली में ही किया जाता रहा। ककनमठ मंदिर इस शैली का उत्कृष्ट नमूना है।

ककनमठ मंदिर का रहस्य

कहा जाता हैं कि यह एक ऐसा मंदिर जिसे इंसानों ने नहीं बल्कि भूतों ने बनाया था।वहीँ कुछ लोग इस मंदिर को भूतों द्वारा शापित मानते है।कुछ लोग का मानना हैं कि भूतों ने केवल एक ही दिन में इस मंदिर का निर्माण किया था और सुबह होते ही वो मंदिर को अधूरा छोड़ के चले गए थे।इसलिए यह मंदिर बिना चूने, गारे से बना हुआ है, जिसके पत्थर आज भी हवा में लटके हुए दिखाई देते हैं।इस मंदिर को देख कर ऐसा प्रतीत होता हैं कि यह मंदिर कभी भी गिर सकता हैं परन्तु हजार वषों से यह मंदिर ऐसे ही खड़ा हैं।आंधी-तूफान में भी मंदिर का कोई भी हिस्सा हिलता-डुलता नहीं पाता है।यहां कई मूर्तियां टूटी हुई अवस्था में हैं।मंदिर के बारे में कमाल की बात तो यह है कि जिन पत्थरों से यह मंदिर बना है आस-पास के क्षेत्रों में यह पत्थर नहीं मिलता है।

Photo of भूतों द्वारा भगवान शिव को समर्पित वह मंदिर जो कभी पूरा नहीं बन पाया by Yadav Vishal
Photo of भूतों द्वारा भगवान शिव को समर्पित वह मंदिर जो कभी पूरा नहीं बन पाया by Yadav Vishal

कैसे पहुंचें

फ्लाइट से-ग्वालियर का सबसे करीबी एयरपोर्ट ग्वालियर एयरपोर्ट है, जो ग्वालियर मुख्य शहर से करीब 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से लगभग 70 किलोमीटर दूर हैं यह मंदिर। जिसके लिए आप टैक्सी बुक कर सकते हैं।

ट्रेन से-ग्वालियर का सबसे करीबी रेलवे स्टेशन ग्वालियर जंक्शन है, जो ग्वालियर मुख्य शहर से मात्र 800 मीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से आसानी से बस या टैक्सी बुक कर आप मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

सड़क से -यदि आपने सडक मार्ग से ग्वालियर जाने की योजना बनाई हैं तो हम आपको बता दें कि आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प बस हो सकता हैं। राज्य परिवहन की बस के माध्यम से ग्वालियर राज्य के अन्य हिस्सों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं।ग्वालियर उतर के आप टैक्सी बुक कर मन्दिर जा सकते हैं।

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