उत्तर प्रदेश भारतीय राज्य का सबसे बड़ा राज्य है और यहाँ पर्यटन एक महत्वपूर्ण आधार है। यूपी के विविधता से भरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और प्राकृतिक स्थल यात्रियों को आकर्षित करते हैं। यहाँ कई प्रसिद्ध शहर और स्थल हैं, जैसे कि आगरा, वाराणसी, लखनऊ, मथुरा, और वृंदावन। यूपी का पर्यटन विकास इतिहास, धार्मिक महत्व, और राजनीतिक आधार पर निर्भर है। यूपी के पर्यटन क्षेत्रों का विकास सरकार की पहली प्राथमिकता है, और यहाँ पर्यटकों के लिए उपयुक्त सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान की जाती है। इससे न केवल पर्यटन क्षेत्र बढ़ता है, बल्कि स्थानीय आर्थिक विकास में भी सहायक होता है। अब इसी विकास क्षेत्र में एक नाम और जुड़ गया हैं। उत्तर प्रदेश का पहला धनुषाकार ग्लास स्काई वॉक ब्रिज तुलसी जल प्रपात में बनकर तैयार हो गया है। भगवान राम के धनुष और बाण के आकार में डिजाइन किए गए इस पुल को कोडंड वन क्षेत्र में 3.70 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। यह चित्रकूट में सुरम्य तुलसी (शबरी) जलप्रपात के पास स्थित है।
वन और पर्यटन विभाग की ओर से ग्लास स्काई वाक ब्रिज का निर्माण कराया गया है। इसे गाजीपुर की पवन सुत कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनाया है। इस ब्रिज की यह खासियत हैं की यह भगवान राम के धनुष और बाण के आकार में बनाया गया है। पुल का डिज़ाइन बहुत बड़े पैमाने पर बनाया गया है, खाई की ओर तीर की लंबाई 25 मीटर है और दो स्तंभों के बीच में धनुर्धर की चौड़ाई 35 मीटर है। पुल की भार क्षमता प्रति वर्ग मीटर में 500 किलोग्राम की हैं। इस पुल का निर्माण बिहार के राजगीर में स्काई वाक ब्रिज की तर्ज पर किया गया है। यह प्रदेश का पहला ग्लास स्काई वाक ब्रिज है।
ईको टूरिज्म का मुख्य केंद्र बनाने के लिए यहां रॉक व हर्बल गार्डन के साथ रेस्टोरेंट भी बनाए जाएंगे। पुल को 500 किलोमीटर प्रति वर्ग मीटर की भार क्षमता को सहन करने के लिए बनाया गया है, जो कि रेस्तरां की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। स्थानीय अधिकारी रेस्तरां के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए आसपास के क्षेत्र में एक पार्क, प्लांट गार्डन और रेस्तरां विकसित करने की भी योजना बना रहे हैं। जैसे ही लोग स्काई वाक पुल पर चलेंगे तो चट्टानों पर पानी गिरने और नीचे जंगल का नजारा भी दिखेगा। ब्रिज पर टहलने के लिए टिकट लेना होगा।
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