पहाड़ प्रकृति का वो हिस्सा है जिसे देख कर एक अलग सी खुशी होती है,एक अलग सा उत्साह होता है जो हमे प्रेरित करता है एक नई ऊंचाई पर पहुंचने के लिए।यही कारण है कि जब भी हम अपनी रोज मरा की जिंदगी से बोर हो जाते है तो हम रिलैक्स करने के लिए पहाड़ों पर छुट्टी बिताने पहुंच जाते है जहां हम फिर से अपने आप को तरोताजा महसूस करते हैं।पहाड़ों पर बर्फ के बीच ऐसी बहुत सी एक्टिविटी होती है जो हमारे अंदर एक नया रोमांच भर देता है उन्ही में से एक एक्टिविटी है ट्रेक करना।ट्रेक के दौरान हम प्रकृति को और अधिक नजदीक से जान पाते है।जब हम ट्रेक के दौरान लंबे लंबे देवदार के पेड़ो के बीच से गुजरते है,नदियों और झरनों को देखते है, पहाड़ों की ऊंची ऊंची चोटियों पर चढ़ते हैं तो मानो प्रकृति हमारे अंदर प्रवेश कर जाती है और हम में एक नया उत्साह भर देती है।ऐसे ही एक ट्रेक पर आज हम आपको ले जायेंगे जो कश्मीर की खूबसूरत वादियों में है जिसे थाजीवास ट्रेक के नाम से जाना जाता है।
थाजीवास ट्रेक ,सोनमर्ग
थजीवास ग्लेशियर सोनमर्ग से 3 किमी की दूरी पर स्थित एक बहुत ही खूबसूरत ग्लेशियर है,जोकि समुद्र तल से 3000 मीटर ऊपर स्थित है।थजीवास ग्लेशियर जम्मू कश्मीर के सबसे महत्वपूर्ण आकर्षणों में से एक माना जाता है।यहां ट्रेक पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है।खूबसूरत वादियों में टेकिंग किसी भी प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं होता है। 3 किलोमीटर लंबा यह ट्रेक हरे-भरे चरागाहों और एक खूबसूरत जंगल से मिलता है।अगर आप पैदल ही अपना ट्रेक शुरू करते है तो आपको इस ट्रेक पर 2 से 3 घंटे लग सकते है,मतलब आप एक दिन में यह ट्रेक पूरा कर सकते है।जब आप ट्रेक के आखिरी छोर पर पहुंचते है तो आपको ग्लेशियर खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है।जहां पर आप बर्फ से ढके पहाड़ों पर आप कुछ पल सुकून से बिता सकते है।
सोनमर्ग से थाजीवास ग्लेशियर कैसे पहुंच
सोनमर्ग से थजीवास ग्लेशियर तक पहुंचने के दो तरीके हैं, या तो एक कदम पैदल या एक टट्टू किराए पर लें।यह ट्रेक ज्यादा मुश्किल नहीं है क्योंकि यहां जाने के लिए रास्ता एकदम सीधा है।सबसे पहले सोनमर्ग से आप कठिन हिस्सा पर पहली 300-400 मीटर की दूरी पर है जो एक चढ़ाई चढ़ती है।उसके बाद आपकी सीधा ही चलना होगा कही कही ऊपर या नीचे की चढ़ाई मिल जायेगी।ट्रेक का शुरुआती बिंदु सोनमर्ग से शुरू होता है और आप रास्ते में कई होटलों को पार करते हैं। आपके दाहिनी ओर एक आर्मी कैंप होगा और उससे पहले ट्रेक है। सोनमर्ग बाजार तक बिल्कुल न जाएं। बस किसी से भी पूछें और यदि आप शुरुआती बिंदु के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं तो वे आपको सही दिशा में इंगित कर सकते हैं।
अगर आप टटू की सहायता से अपना ट्रेक करना चाहते है तो पूरे सोनमर्ग में टट्टू उपलब्ध हैं। इसके लिए आपके पास दो रास्ते हैं। आप या तो अपने होटल के मालिक से आपके लिए एक टट्टू की व्यवस्था करने के लिए कह सकते हैं या जब आप अपना ट्रेक शुरू कर सकते है रास्ते में आपको कई सारे टटू के मालिक मिल जायेंगे जो खुद ही आपसे संपर्क करेंगे।इस ट्रेक पर आपको किसी भी गाइड की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि यहां का रास्ता एकदम सीधा है।
थाजीवास ट्रेक की एक्टिविटीज
इस ट्रेक पर आप प्रकृति के सुंदर दृश्य को एक्सप्लोर कर सकते है,घास के सुंदर मैदान में कैंपिंग कर सकते है, फोटोग्राफी कर सकते है,पानी की छाया का आनंद लेना और बर्फ बिंदु पर एक कप चाय की चुस्की लेने जैसी चीजें कर सकते हैं।इसके अलावा आप Ice में स्लाइड राइड के लिए भी जा सकते हैं। इसके लिए आपको कई स्थानीय ग्रामीण व्यू पॉइंट पर स्लाइड के लिए पूछना पड़ेगा। या फिर, टैटू के मालिक आपसे पूछेंगे कि क्या आप स्लाइडिंग करना चाहते हैं।इसके अलावा आप यहां के घास के मैदानों पर कैपिंग भी कर सकते है ।इसके लिए आप सोनमर्ग में अपने होटल के मालिक से बात करें और उन्हें आपके लिए शिविर लगाने की व्यवस्था करने के लिए कहें।
थजीवास जाने का सबसे अच्छा समय
अगर आप इस ट्रेक पर जाना चाहते है तो अप्रैल से अक्टूबर के लिए थाजीवास ग्लेशियर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है।इस समय यहां का दृश्य सुखद और मौसम ठंडी होती है और इस समय आप विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आनंद भी ले सकते है।सर्दियों में यहां मौसम काफी सर्द होता है और बर्फबारी के कारण रास्ता कठिन भी होता है।
ट्रेक पर इन बातो का रखे ध्यान
इस ट्रेक पर आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जिससे आपको ट्रेक के दौरान कोई असुविधा न हो।
*ट्रेक के दौरान जरूरी चीज़े अपने पास रखे जैसे _ पानी,दवाइया ,खाने का सामान और गर्म कपड़े।
*अगर आप कैंपिंग करना चाहते है तो अपने होटल के मालिक से संपर्क करें कही भी कैंप लगाने में आपको खतरो का सामना करना पड़ सकता है।
*टटू की सवारी के आप थोड़ा मोल भाव कर सकते है इससे आपके कुछ पैसे बच सकते है।
*इस घाटी में भालुओं की अच्छी खासी संख्या है तो आप अपना ट्रेक सुबह जल्दी शुरू करके शाम को जल्दी लौट सकते है कई बार मुख्य शहर में शाम 6-7 बजे या सुबह जल्दी बियर देखने जाते हैं, खासकर ढाबों के आसपास।
कैसे पहुंचे
फ्लाइट से
सोनमर्ग का निकटतम एयरपोर्ट श्रीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो सोनमर्ग से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। श्रीनगर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट देश के प्रमुख शहरों के एयरपोर्ट से हवाई मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। तो आप भारत के किसी भी प्रमुख शहर से फ्लाइट से यात्रा करके श्रीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंच सकते है।और हवाई अड्डे से सोनमर्ग जाने के लिए आप बस,टैक्सी या केब की मदद ले सकते हैं।
ट्रेन से
सोनमर्ग का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन जम्मू तवी रेलवे स्टेशन है। जो जम्मू कश्मीर के साथ-साथ भारत के कुछ प्रमुख शहरों भी रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। तो आप ट्रेन से यात्रा करके जम्मू रेलवे स्टेशन जा सकते हैं। और स्टेशन पहुचने के बाद यहाँ से ऑटो, टैक्सी या स्थानीय वाहनों की मदद से अपने पर्यटक स्थल तक पहुंच सकते हैं।
सड़क माध्यम से
आपको बता दें कि जम्मू और कश्मीर का सोनमार्ग शहर काफी प्रसिद्ध होने के बावजूद भी सोनमर्ग के लिए आपको दिल्ली जैसे बड़े शहरों से डायरेक्ट बस की सुविधा नहीं मिलेगी। अगर आप अपने शहर से बस के द्वारा सोनमर्ग जाना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले जम्मू जाना पड़ेगा, जो सोनमर्ग से करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दिल्ली, चंडीगढ़ और शिमला जैसे बड़े शहरों से आपको जम्मू के लिए डायरेक्ट बस की सुविधा मिल जाएगी।