थाईलैंड, एक ऐसा देश जो दक्षिण एशिया मे सबसे ज़्यादा पर्यटकों को आकर्षित करता है | मगर पिछले कुछ समय से थाईलैंड आने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट का सामना कर रहा है, ख़ास कर चीन की ओर से | अपने पर्यटन के स्तर को फिर से उठाने के लिए थाईलैंड कैबिनेट ने आने वाले सैलानियों पर लगने वाले आगमन वीज़ा शुल्क को हटाने के फ़ैसले पर सहमति जताई है | दिनांक 1 दिसंबर, 2018 और 31 जनवरी 2019 के बीच 21 देशों से आने वाले पर्यटकों पर लगने वाला 2000 बाह्त यानी चार हज़ार चार सौ दस भारतीय रुपये का वीज़ा शुल्क माफ़ कर दिया जाएगा | हालाँकि देश में रुकने की अवधि ज़्यादा से ज़्यादा 15 दिन की होगी |
एंडोरा, बुल्गारिया, भूटान, चीन, साइप्रस, इथियोपिया, फिजी, भारत, कज़ाखस्तान, लातविया, लिथुआनिया, मालदीव, माल्टा, मॉरीशस, पापुआ न्यू गिनी, रोमानिया, सैन मैरिनो, सऊदी अरब, यूक्रेन, उजबेकिस्तान देशों के पासपोर्ट धारक इस छूट का लाभ उठा सकते हैं |
जुलाई में पर्यटकों से जुड़ी अब तक की अपनी सबसे बड़ी आपदा से जूझने के बाद थाईलैंड के मुख्य पर्यटक बाज़ार चीन से आने वाले सैलानियों की संख्या में भारी गिरावट देखी गयी है | सितंबर में चीन से थाईलैंड आते 47 पर्यटकों की नाव दुर्घटना में जब से मौत की खबर आई है तब से चीन से थाईलैंड आने वाले पर्यटकों की संख्या में 15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है |
पिछले साल थाईलैंड में 35.38 मिलियन पर्यटक आए थे जिनमे से एक तिहाई चीन देश के निवासी थे |
थाईलैंड की सरकार ये आशा करती है कि आगमन पर लगने वाले वीज़ा शुल्क को माफ़ कर देने से समयसीमा के दौरान आने वाले पर्यटकों की संख्या में 30 प्रतिशत का इज़ाफ़ा होगा |
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