
तुतला भवानी मंदिर बिहार के रोहतास जिले में स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। यह मंदिर हिन्दू देवी मां दुर्गा को समर्पित है और यहां भक्तों का बड़ा जमावड़ा नवरात्रि और अन्य हिन्दू त्योहारों के समय देखने को मिलता है। तुतला भवानी मंदिर अपने धार्मिक महत्व के अलावा, अपनी शिल्पकला और स्थापत्य के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ के वातावरण में एक अलौकिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा महसूस की जा सकती है। तुतला भवानी का धाम जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर तिलौथू प्रखंड में कैमूर पहाड़ी की तलहटी में है। देवी के भक्त दूर-दूर से यहाँ आकर अपनी मनोकामनाएँ पूरी होने की प्रार्थना करते हैं।

मंदिर का इतिहास
विदेशी सर्वेयर फ्रांसिस बुकानन ने भी इस शक्तिस्थल को अति प्राचीन माना है। पुराणों में शोणतटस्था शक्तिपीठ देवी के 51 पीठों में एक माना गया है। मंदिर की प्राचीनता का पता यहां से प्राप्त चित्रों से पता चलता है कि बहुत समय पहले राजा प्रताप धवल ने दो मंदिरों में से एक की प्रतिष्ठा रखी थी। मंदिर का निर्माण स्थानीय सांस्कृतिक और स्थापत्य कला के अद्वितीय रूप के लिए प्रसिद्ध है। स्थानीय लोग नवरात्रि के दौरान यहां आकर देवी की पूजा और आराधना करते हैं।
कैसी है मां की प्रतिमा
इस मंदिर में आपको देवी मां की दो प्रतिमाएं देखने को मिल जायेगी। एक पुरानी और खंडित मूर्ति है, जबकि दूसरी नई है। देवी की प्राचीन प्रतिमा खंडित हो चुकी थी, तब नायक प्रताप धवल देव ने दूसरी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कराई और अपना शिलालेख लिखवाया। यह मूर्ति गढ़वाल कला का उत्कृष्ट नमूना है। तुतला माता के आठ हाथ होने के कारण इन्हें अष्टभुजी भवानी के नाम से भी जाना जाता है।

बलि देने की है यहां प्रथा
यहां की मान्यता है कि लोगों की अक्सर मन्नतें पूरी हो जाती हैं। जो लोग भी माता रानी के दरबार में आ के अपनी मुरादे मगाते हैं ,अक्सर उनकी मन्नतें पूरी हो जाती हैं। मां तुतला भवानी धाम में मन्नतें पूरी होने के बाद लोग काफी संख्या में खस्सी की बलि देने यहां पहुंचते हैं।
कैमूर की पहाड़ी पर स्थित हैं यह मंदिर
मां तुतला भवानी का मंदिर बिहार के रोहतास जिले के तिलौथू खंड में कैमूर की पहाड़ी पर स्थित है। यहां की खूबसूरत हैंगिंग ब्रिज, झूला पुल, पहाड़ की हरियाली और माता रानी के मंदिर के ठीक ऊपर से गिरता हुआ झरना, मनोहारी कुंड प्राकृतिक छटा बिखेरते मां तुतला भवानी धाम बरसात के दिनों में अक्सर सैलानियों को आकर्षित करता है। यहां के आस पास का वातावरण प्राकृतिक प्रेमियों के लिए बहुत ही ख़ास हैं। स्थानीय लोग नवरात्रि के दौरान यहां आकर देवी की पूजा और आराधना करते हैं।

कैसे पहुंचें?
हवाई मार्ग से - निकटतम हवाई अड्डा पटना हैं। जहां से आप टैक्सी या बस कर के तिलौथू प्रखंड तक पहुंच सकते हैं। उसके बाद वनशक्ति देवी के पास मां तुतला भवानी धाम का प्रमुख द्वार है। वहां से वन विभाग के द्वारा श्रद्धालुओं को जाने के लिए पक्की पथरीला सड़क एवं इ-रिक्शा की व्यवस्था की गयी है। इससे श्रद्धालु माता रानी के धाम तक पहुंचते हैं।
रेलवे मार्ग से - निकटतम रेलवे स्टेशन सासाराम हैं। जहां से आप टैक्सी या बस कर के तिलौथू प्रखंड तक पहुंच सकते हैं। उसके बाद वनशक्ति देवी के पास मां तुतला भवानी धाम का प्रमुख द्वार है। वहां से वन विभाग के द्वारा श्रद्धालुओं को जाने के लिए पक्की पथरीला सड़क एवं इ-रिक्शा की व्यवस्था की गयी है। इससे श्रद्धालु माता रानी के धाम तक पहुंचते हैं।
बस से -निकटतम बस स्टैंड रामडिहरा आन-सोन है। यह बस स्टैंड एनएच-2 सी (डेहरी-यदुनाथपुर पथ) पर अवस्थित है। यहां से पांच किमी पश्चिम कैमूर पहाड़ी की घाटी में जाना पड़ता है। इसके लिए आटो रिक्शा उपलब्ध है। मंदिर से 100 मीटर की दूरी तक सड़क बनी हुई है।

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