![Photo of भारत का वो मंदिर जिसमे दर्शन करने से पहले लड़कों को भी करना होता है सोलह सिंगार by Rohit Gautam](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/985385/TripDocument/1644298294_20220208_105636.jpg)
वैसे तो केरल में कई मंदिर ऐसे हैं जो पुरुषों के जाने पर पाबंदी लगाते हैं। पर यह केरल का एक ऐसा प्राचीन मंदिर है। जो पुरुष को भी सोलह सिंगार करने के बाद ही इस मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत देता है। यह मंदिर केरल के कोल्लम जिले मे स्थित कोटटनकुलंगरा देवी के नाम से जाना जाता है। इस मन्दिर मे एक बेहद अनोखी परंपरा का निर्वहन किया जाता है। इसके बाद ही उन्हें मंदिर में प्रवेश करने व पूजा करने की अनुमति दी जाती है।बताया जा रहा है कि मंदिर में इस तरह से देवी की आराधना की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। हर वर्ष मंदिर में चाम्याविलक्कू त्योहार का आयोजन होता है। मंदिर में पुरुषों के लिए वकायदा श्रृंगार के लिए मेकअप रूम भी बनाए गए हैं, जहां त्योहार में शामिल होने के लिए हजारों पुरुष इक्ट्ठा होकर सजते-संवरते हैं। इसके बाद माता की पूजा कर धन-दौलत, नौकरी, स्वास्थ्य, शादी व परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं।
#स्वयं ही प्रकट हुई थी मा की प्रतिमा - इस मन्दिर मे बताया जाता है कि यह राज्य का इकलौता ऐसा मंदिर है जिसके गर्भगृह के ऊपर छत या कलश नहीं है। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में देवी की मूर्ति स्वयं प्रकट हुईं थी। यहां पर हर वर्ष 23-24 मार्च को चाम्याविलक्कू त्योहार मनाया जाता है। इस मौके पर पुरुष, महिला की तरह साड़ी पहनते हैं व सोलह श्रृंगार करने के बाद मां भाग्यवती की पूजा करते हैं।
# इस मन्दिर की मान्यताएं - वर्षों पहले इस जगह पर कुछ चरवाहों ने महिलाओं की तरह कपड़े पहनकर पत्थर पर फूल चढ़ाए थे। इसके बाद पत्थर से दिव्य शक्ति निकलने लगी। बाद में इसे एक मंदिर का रूप दिया गया। बताया जाता है कि कुछ लोग इस पत्थर पर नारियल फोड़ रहे थे, इसी दौरान पत्थर से खून बहने लगा। खून बहता देख यहां के लोग चमत्कार मान पूजा-पाठ करने लगे। तब से ही यह परंपरा शुरू हो गई।
![Photo of Kottankulangara Devi Temple by Rohit Gautam](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/985385/SpotDocument/1644298310_1644298308664.jpg.webp)
![Photo of Kottankulangara Devi Temple by Rohit Gautam](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/985385/SpotDocument/1644298310_1644298308744.jpg.webp)
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