
अगर इस धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं है और यहीं है। इस पंक्ति को सुनते ही ज़ेहन में सबसे पहले कश्मीर का नाम आता है। बर्फ़ से ढँके पहाड़ और धीरे-धीरे बहती झील, ऐसी ही ना जाने कितनी चीजें हैं जो कश्मीर की सुंदरता को बयां करती है। कश्मीर में कई सारी जगहें हैं जिनके बारे में कम लोगों को पता है। कश्मीर की ऐसी ही एक बेहद शानदार और खूबसूरत जगह है, तीतवाल।

तीतवाल गाँव कश्मीर के अनछुए गाँवों में से एक है। तीतवाल गाँव कश्मीर का कोई आम गाँव नहीं है। तीतवाल गाँव कश्मीर को वो गाँव है जो भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर स्थित है। तीतवाल गाँव जिला मुख्यालय से लगभग 82 किमी. की दूरी पर है। यहाँ पर भारत-पाकिस्तान की कोई सीमा नहीं है। यहाँ पर दोनों देशों को एक नदी अलग करती है। भारत में इस नदी को किशनगंगा के नाम से जाना जाता है और पाकिस्तान के लोग इसे नीलम नदी के नाम से जानते हैं।
परमिट
घूमने के शौक़ीनों के लिए कश्मीर किसी जन्नत से कम नहीं है लेकिन कश्मीर भारत की सबसे संवेदनशील जगह है। तीतवाल गाँव भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित है इसलिए बिना अनुमति के कोई भी इस गाँव तक नहीं पहुँच सकता है। तीतवाल गाँव में जाने के लिए आपको तंघदर पुलिस स्टेशन से सिक्योरिटी परमिट लेना पड़ता है। ये भी हो सकता है कि आपको तीतवाल गाँव जाने के लिए डिवीजनल मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी पड़े।
क्या देखें?
तीतवाल कश्मीर के सबसे सुंदर गाँवों में से एक है। यहाँ पर घूमने के लिए कोई पर्यटन स्थल तो नहीं है लेकिन यहाँ आकर आपको अच्छा ज़रूर लगेगा। तीतवाल की कुछ जगहों के बारे में आपको जान लेना चाहिए।
फुट ब्रिज
आज़ादी से पहले 1931 में किशनगंगा नदी पर फुट ब्रिज का निर्माण किया गया था। आज़ादी के बाद यहाँ के लोग दो देशों में बंट गए। 1947 के बाद भी लोग इस फुट ब्रिज पर लोग एक-दूसरे से मिला करते थे। इस वजह से फुट ब्रिज को मीटअप प्वाइंट भी कहा जाता है। साल 2018 तक लोग इस ब्रिज के ज़रिए एक-दूसरे से मिल लेते थे लेकिन उसके बाद दोनों देशों क बीच सफ़ेद रंग की बॉर्डर लाइन खींच दी गई। इस लाइन को पार करने की इजाज़त किसी को भी नहीं है। अब दोनों देशों के लोग नदी किनारों पर खड़े होकर मिला करते हैं।
शारदा मंदिर

तीतवाल गाँव में एक स्थानीय मंदिर भी है। शारदा देवी को समर्पित इस मंदिर को शारदा मंदिर के नाम से जाना जाता है। हाल ही में केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने इस मंदिर का उद्घाटन किया था। इस मंदिर के बारे में एक ख़ास बात ये भी है कि इस मंदिर के लिए एक स्थानीय मुसलमान व्यक्ति ने अपनी ज़मीन दे दी थी। मंदिर के उद्घाटन के समारोह में स्थानीय मुस्लिम लोग भी शामिल हुए थे। अगर आप तीतवाल गाँव जाते हैं तो इस मंदिर को देखने ज़रूर जाएँ।
गाँव घूमें
हर किसी को बार्डर किनारे गाँव देखने का मौक़ा नहीं मिलता है। अगर आप कश्मीर के तीतवाल गाँव जाते हैं तो आपको पैदल-पैदल इस गाँव को एक्सप्लोर करना चाहिए। इस तरह से आप इस गाँव को अच्छे से जान पाएँगे। गाँव को घूमते हुए यहाँ के सुंदर नज़ारे तो देखने को मिलेंगे ही, इसके अलावा आप यहाँ के लोगों से बात कर सकते हैं। गाँव के लोगों के पास कई सारी बेहतरीन और दिलचस्प कहानी होंगी। आप नदी किनारे जाकर पाकिस्तान को देख सकते हैं और पाकिस्तान के लोगों से बातें कर सकते हैं।
कब जाएँ?
तीतवाल गाँव में ठहरने की बात की जाए तो बहुत सारे विकल्प नहीं है। यहाँ पर कुछ होटल हैं जिनमें आप ठहर सकते हैं। इसके अलावा स्थानीय लोग के घर भी ठहर सकते हैं। तीतवाल गाँव में सर्दियों में जमकर बर्फ़बारी होती है। उस दौरान आना और इस जगह को एक्सप्लोर करना आसान नहीं है। अगर आप तीतवाल जाना चाहते हैं तो सबसे बढ़िया समय मई से अक्टूबर का माना जाता है। उस दौरान आप तीतवाल गाँव को अच्छे-से घूम सकते हैं।
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