सर्दियाँ जा चुकी हैं, अब बस सुबह-शाम की ठंडक बची है। मार्च आते ही सब कुछ सुस्त लगने लगता है। आलस हमारा दोस्त बन जाता है और कुछ करने का मन नहीं करता। इस सुस्ती को ताज़गी में बदलने का सबसे अच्छा तरीका है, घुमक्कड़ी। मौसम थोड़ा गर्म और चिपचिपा रहता है लेकिन घूमना हमेशा सुकून देने वाला होता है। मार्च में घूमने के लिए बहुत सारी जगहें हैं। मार्च में बहुत सारे फेस्टिवल हैं जिनके बहाने से आप उस जगह को देख सकते हैं। आप मार्च में कहीं जाना चाहते हैं या जाने की सोच रहे हैं और जगह चुनने में मुश्किल हो रही है। हम आपके लिए लाए हैं एक बकेट लिस्ट जहाँ आप मार्च में घूमने जा सकते हैं।
1. वेलास, रत्नागिरी
वेलास महाराष्ट्र के रत्नागिरी का एक छोटा-सा गाँव है। जो समुद्र के पश्चिमी तट पर बसा है। इस गाँव में 100 से ज्यादा पारंपरिक घर है। यहाँ मछुआरे बहुत रहते हैं, इसे फिशिंग विलेज भी कहते हैं। ये गाँव मुंबई से 220 कि.मी. दूर है। वैसे तो आप यहाँ साल में कभी भी आ सकते हैं लेकिन मार्च में आने की एक वजह है। मार्च में यहाँ वेलास कछुआ फेस्टिवल मनाया जाता है। ये फेस्टिवल मार्च में इस जगह को और खास बना देता है। वेलास गाँव में फेस्टिवल के अलावा भी देखने को बहुत कुछ है। आप यहाँ पर हरिहरेश्वर बीच, केलशी बीच, दिवेगर बीच और विक्टोरिया फोर्ट ज़रूर देखें।
मुंबई से दूरीः 220 कि.मी.।
2. गोवा
वो जगह जहाँ हर शख्स जाने की चाहत रखता है वो है, गोवा। गोवा टूरिस्टों के लिए एक हब बन गया है लेकिन मार्च में गोवा जाने की बात ही अलग है। मार्च में गोवा बेहद खूबसूरत होता है। इसी महीने गोवा का सबसे बड़ा हिन्दू फेस्टिवल ‘सिग्मो महोत्सव’ भी आयोजित किया जाता है। ये फेस्टिवल 14 दिनों तक गोवा की सड़कों पर चमक बिखेरता है। हर रोज़ सिग्मो फेस्टिवल कुछ खूबसूरत करता है। इस बार ये फेस्टिवल 21 मार्च 2020 को शुरू हो रहा है। अगर आप मार्च में गोवा आने की सोच रहे हैं तो इस फेस्टिवल के हिस्सा बन सकते हैं। इसके अलावा आप गोवा की सड़कों और बीच पर तो जाएँगे ही।
मुंबई से दूरीः 587 कि.मी.।
3. कुर्ग
देश की सबसे खूबसूरत और शानदार डेस्टिनेशंस में से एक है, कुर्ग। कुर्ग जब भी जाओ खूबसूरत ही लगेगा लेकिन मार्च में कुर्ग जन्नत जैसा लगता है। सर्दी जा चुकी होती है और गर्मी ज्यादा नहीं होती है। आप आराम से यहाँ की सड़कों पर पैदल चलकर खूबसूरती देख पाएँगे। यहाँ की हरियाली आपका मन मोह लेगी। मार्च में ही कुर्ग में एक म्यूजिक फेस्टिवल होता है जिसे स्टोर्म फेस्टिवल भी कहते हैं। आप कुर्ग में इस फेस्टिवल को भी देख सकते हैं। इस फेस्टिवल में देश के जाने-माने म्यूजिशियन आते हैं। कुर्ग आएँ तो आप यहाँ पर एब्बे फाॅल, नागरहोल नेशनल पार्क, मेडीकेरी किला और पुष्पागिरी को ज़रूर देखें।
ऊंटी से दूरीः 246 कि.मी.।
4. वृंदावन
देश के धार्मिक शहरों में जिन शहरों का नाम लिया जाता है उसमें वृंदावन भी है। कृष्ण-राधा के इस शहर में वैसे तो हमेशा ही रौनक रहती है लेकिन मार्च में यहाँ की छटा ही निराली होती है। वृंदावन की होली बहुत फेमस है। यहाँ होली मनाने सिर्फ देश से ही नहीं पूरी दुनिया से आते हैं। वृंदावन में होली एक दिन का त्यौहार नहीं है। यहाँ होली कई दिनों तक चलती है। यहाँ फूलों की होली, रंग की होली और लठमार जैसी अनोखी होली देखने को मिलेगी। आपको अपनी जिंदगी में एक बार ज़रूर वृंदावन की होली का आनंद लेना चाहिए। दुनिया भर के ट्रैवलर्स आपको होली में यहाँ मिल जाएँगे। फोटोग्राफरों के लिए तो वृंदावन की होली एक इवेंट की तरह होती है। वृंदावन आएँ तो बांके बिहारी मंदिर, प्रेम मंदिर और राधा रमन मंदिर ज़रूर देखें।
दिल्ली से दूरीः 182 कि.मी.।
5. उदयपुर
झीलों के इस शहर को देखने के लिए मार्च परफेक्ट टाइम है। ये वक्त तब और खास हो जाता है जब आप यहाँ होली सेलिब्रेट करते हो। उदयपुर की होली पूरे देश में फेमस है, बहुत सारे लोग उदयपुर होली मनाने ही आते हैं। होली की शुरूआत होलिका दहन से होती है और अगले दिन उदयपुर रंगों में सरोबार हो जाता है। चारों तरफ खुशियाँ ही खुशियाँ होती हैं। मार्च में आप होली के साथ उदयपुर की खूबसूरती को देख सकते हैं। यहाँ आप लेक पैलेस, जग मंदिर और सिटी पैलेस देख सकते हैं। अगर आप मार्च में कहीं जाने की सोच रहे हैं उदयपुर बेहतरीन जगह है।
जयपुर से दूरीः 395 कि.मी.।
6. कोलकाता
सिटी ऑफ जाॅय की लाइफ हर किसी को देखनी चाहिए। यहाँ के शहर में भी गाँव बसता है, शायद इसलिए ये शहर खूबसूरत है। मार्च में आपको यहाँ आना चाहिए क्योंकि तब होली होती है। आपने बहुत जगह की होली देखी होगी लेकिन बंगाली होली आपको यहीं मिलेगी। इस खास होली को यहाँ बसंत पर्व कहते हैं। इस खूबसूरत होली को देखने बहुत सारे लोग कोलकाता में जुटते हैं। इस बार आप भी उसका हिस्सा बन सकते हैं।
दिल्ली से दूरीः 1530 कि.मी.।
7. लेह-लद्दाख
इस जगह का नाम आते ही हर किसी के जेहन में आते हैं पहाड़, वादियाँ, हरियाली और उनके बीच में दौड़ती मोटरसाइकिल। हर किसी के चाहत लेह-लद्दाख रोड टिप करने की होती है। आप रोड ट्रिप पर लद्दाख कभी भी जा सकते हैं लेकिन मार्च में लद्दाख जाने की अलग ही खासियत है। मार्च में आपको यहाँ के माथो नारंग फेस्टिवल को देख सकते हैं। इसमें कुछ स्थानीय लोग रंग-बिरंगा रूप लेकर शहर की गलियों में नज़र आते हैं और डांस करते हैं। वो लद्दाख के देवी-देवताओं की कहानी को लोगों के सामने प्रस्तुत करते हैं। इसके अलावा यहाँ आप पेंगोंग लेक, मैगनेटिक लेक और लेह पैलेस को ज़रूर देखें।
कारगिल से दूरीः 218 कि.मी.।
8. जयपुर
इस बार की होली अगर आप कुछ अलग अंदाज़ में सेलिब्रेट करना चाहते हैं तो चले आइए पिंक सिटी जयपुर। जयपुर में होली के दिन हाथी उत्सव मनाया जाता है। उस दिन जयपुर सिर्फ रंगों से ही खूबसूरत हाथियों से भरा रहता है। हाथियों को ज्वैलरी और शानदार कपड़ों से सजाया जाता है। इस फेस्टिवल कई प्रकार की गतिविधियां होती हैं। आप इस फेस्टिवल में हाथी परेड, हाथी वाॅक और हाथी डांस को एंजाॅय कर सकते हैं। इसलिए मार्च में अगर आप कहीं जाना चाहते हैं तो जयपुर भी अच्छा विकल्प है। जयपुर जाएँ तो आमेर किला, जयगढ़ किला, नाहरगढ़ किला, हवा महल और सिटी पैलेस ज़रूर देखें।
दिल्ली से दूरीः 280 कि.मी.।
9. रामेश्वरम
इस जगह के नाम से ये मत सोच लेना कि ये बहुत धार्मिक शहर है। रामेश्वरम तो समुद्र किनारे बसा एक खूबसूरत शहर है जहाँ सुंदर-सुंदर बीच हैं जो आपको तरोताज़ा कर देंगे। अगर आप मार्च में फेस्टिवल से इतर जगह जाना चाहते हैं रामेश्वरम आपके लिए परफेक्ट जगह है। मार्च में रामेश्वर का मौसम भी बेहद सुहावना होता है। अगर आप रामेश्वर जाते हैं तो रामानाथस्वामी मंदिर, राम सेतु और अरियामन बीच ज़रूर देखें।
तंजावुर से दूरीः 169 कि.मी.।
10. हम्पी
अगर आप खूबसूरती को इतिहास के सांचे में देखना चाहते हैं तो आपको कर्नाटक के हंपी आना चाहिए। हंपी टूरिस्टों और ट्रैवलर्स के लिए गढ़ बन चुका है। हंपी में बहुत सारे मंदिर हैं। हर मंदिर को उसकी बनावट और कलाशैली खास बनाती है। हंपी उन लोगों को बहुत पसंद आएगा जिनको नेचर और ऐतहासिक जगहों से लगाव है। मार्च में आप इस जगह को आप अपनी बकेट लिस्ट में जोड़ सकते हैं। अगर आप हंपी आए तो विरूपक्षा मंदिर, विठ्ठठला मंदिर और लोटस मंदिर ज़रूर देखें।
होस्पेट से दूरीः 13 कि.मी.।
तो आप मार्च में कहाँ घूमने निकल रहे हैं? हमें कॉमेन्ट्स में बताएँ।
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