आइरिश नाटककार व एक्टिविस्ट जॉर्ज बर्नार्ड शॉ ने क्या खूब कहा था, "खाने को लेकर जो प्यार होता है, उससे बढ़कर कोई दूसरा प्यार नहीं हो सकता "। ठीक यही मैंने हर उस इंसान को कहा, जिसने मेरी इस यात्रा पर हैरानी जताई। वो बेहद ख़ास दिन था जब मुझे ये अजीबो गरीब आइडिया आया और मैंने स्वाद की खोज में चार राज्यों को पार करते हुए और लगभग 1100 कि.मी. की रोड ट्रिप कर ली।इस ट्रिप पर उत्तर भारत के अलग-अलग स्वादों का जो अनुभव मुझे मिला वो बड़ा ही स्पेशल रहा।
मैं अमृतसर में रह रहा था, वो शहर जहाँ खाने-पीने के शौकीन दुनिया भर से यहाँ के पकवानों का स्वाद चखने आते हैं। लेकिन मैं कुलचे और लस्सी के इस शहर से बाहर निकलकर उत्तर भारत के अन्य खज़ानों का स्वाद चखने के लिए बेचैन ह रहा था।
मेरे जिम ट्रेनर और पहचान के कुछ लोगों को भले ही मैं समझा नहीं पाया लेकिन अपने साथ इस साहसिक यात्रा के लिए दो लोगों को समझाने में कामयाब रहा! दिलचस्प बात है कि जब आप एक 1000 कि.मी. से ज़्यादा की ड्राइव करते हैं तो आपके दिमाग में खाने के अलावा और कुछ आता ही नहीं।
स्वाद का सफर
यात्रा पंजाब के सबसे बड़े स्वाद वाले शहर अमृतसर से शुरू होती है। पहले ही दिन एक छोटी ड्राइव आपको पंजाब की उस जगह पर ले जाएगी जो अपने शानदार भोजन के लिए जाना जाता है, यानी लुधियाना। अगले दिन, भारत की राजधानी नई दिल्ली के लिए ड्राइव करें। दिल्ली की रोमांचक गतिविधियों को देखने के बाद, आगरा के लोकप्रिय पर्यटन स्थल की ओर निकलें। आगरा से, उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग जारी रखें और कानपुर में रुकें। सड़क यात्रा के अंतिम चरण में बेहतरीन टेस्ट के लिए नवाबों के शहर लखनऊ तक ड्राइव करें।
यहाँ सुझाव के तौर पर एक रूट है जिसे आप उत्तर भारत के ज़ायकेदार शहरों में शुमार कर सकते हैं:
अमृतसर - लुधियाना - दिल्ली - आगरा - कानपुर - लखनऊ
यात्रा कार्यक्रमः
सड़क यात्रा के लिए ये पूरा कार्यक्रम 5 दिनों तक चलने वाला है।
दक्षिण की ओर बढ़ने पर पंजाब के अंदर ही आप पहले दिन की ड्राइविंग में औद्योगिक शहर लुधियाना पहुँचते हैं। बता दें कि पंजाब के सबसे बड़े शहर, लुधियाना की स्थापना 1480 के दशक में लोधी राजवंश द्वारा की गई थी। कहा जाता है कि लुधियाना के महल को मुग़लों द्वारा बड़े पैमाने पर गिराया गया लेकिन स्थानीय लोगों ने अपने मेहनत से इसे आज भी संवार कर रखा है। सबसे ख़ास इस शहर की रोमांचक खाद्य संस्कृति है जो पंजाब के सबसे अच्छे टेस्ट से आपको रूबरू कराता है, यही कारण है कि लुधियाना स्वाद पसंद लोगों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
रास्ते में बिताया समय: 3 घंटे
दूरी: 150 कि.मी.
ख़ास अनुभव
- गिल रोड पर पुन्नू के पकोड़े दुकान पर गर्म पकौड़े की एक प्लेट के साथ शुरुआत
- शास्त्री नगर में पंजाब के प्रसिद्ध कुलचे का स्वाद चखें
- लुधियाना में सबसे ख़ास बटर चिकन के लिए मॉडल टाउन में बाबा चिकन पर जाएँ
- चावला का फेमस क्रीम चिकन चखें और अंत में फाउंटेन चौक के बसंत आइसक्रीम के यहाँ कुल्फी का आनंद लें।
कहाँ ठहरें: कीज़ सिलेक्ट होटल और हयात रीजेंसी होटल। अधिक ऑप्शंस के लिए, यहाँ क्लिक करें।
पंजाब की सीमा को पार कर एनएच 44 पर हरियाणा के रास्ते ड्राइव करते हुए आप नई दिल्ली पहुँच जाएँगे। अगर दिल्ली के लोगों को अपने बड़े दिलों के अलावा सबसे ज्यादा किसी चीज़ के लिए जाना जाता है, वो है यहाँ का खाना। दिल्ली शहर देश के हर कोने से आए लोगों का घर है और यही विविधता यहाँ के स्ट्रीट फूड में भी साफ झलकती है।बंगाल के पुचकों से लेकर दक्षिण के दोसा तक, दिल्ली की गलियाँ इन सबसे गुलज़ार है और भारत के सभी हिस्सों का स्वाद यहाँ लिया जा सकता है।
रास्ते में बिताया समय: 5 घंटे
दूरी: 315 कि.मी.
ख़ास अनुभव
- सीआर पार्क में 'राजू पुचका वाला' के यहाँ गोल गप्पों की थाली के साथ शुरुआत
- दिल्ली का फेमस चाट चखने के लिए चांदनी चौक के नटराज दही भल्ले वाला की ओर बढें
- शहर में सबसे अच्छे छोले भटूरे का टेस्ट लेने के लिए पहाड़गंज के सीता राम दीवान चंद के यहाँ जाएँ
- डिफेंस कॉलोनी मार्केट में सलीम्स कबाब्स में स्वादिष्ट काकोरी कबाब खाएँ
- निज़ामुद्दीन के ग़ालिब कबाब कॉर्नर पर कुछ बेहतरीन टिक्के और रोल्स आज़माएँ
- गोल मार्केट में बंगला स्वीट हाउस में गुलाब जामुन और हलवे के साथ अपने भोजन में मिठास को शामिल करें और दिन की समाप्ति आर.के. पुरम के प्रिंस पान भंडार पर पान खाकर करें।
कहाँ ठहरें: द रोज़ेट और गोस्टॉप्स दिल्ली। अधिक ऑप्शंस के लिए, यहां क्लिक करें।
यमुना एक्सप्रेसवे पर स्मूथ ड्राइव करते हुए आप दिल्ली से सटे आगरा की ओर बढ़ेंगे। बता दें कि ताजमहल और फतेहपुर सीकरी दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। साथ ही आगरा का स्ट्रीट फूड कुछ ऐसा है कि आपको बार-बार यहाँ आने का जी करेगा। यहाँ की गलियों में सब के पसंद का कुछ ना कुछ मिल जाएगा। मसालेदार चाट से लेकर तले परांठे और मिठाइयाँ मन मोह लेंगी। ऐसे ही इसे भारत की 'सिटी ऑफ़ लव' थोड़ी कहते हैं !
रास्ते में बिताया समय: 3 घंटे 15 मिनट
दूरी: 215 कि.मी.
ख़ास अनुभव
- फतेहाबाद रोड पर जीएमबी स्वीट्स में आगरा का बेड़मी और कचौरी का स्वाद ले
- सदर बाजार में श्री अग्रवाल चाट हाउस में आगरा के मसालेदार चाट का स्वाद चखें
- गहरे तले हुए परांठे के लिए पुरानी दिल्ली-आगरा राजमार्ग पर राम बाबू पराठे वाले को जरूर आजमाएँ
- आगरा कैंट की तरफ जाकर मामा चिकन के कट्टी रोल खाएँ तो वहीं आगरा के प्रसिद्ध पेठे का एक बॉक्स पंछी पेठा आउटलेट से ज़रूर ले लें।
कहाँ ठहरें: मसटास आगरा, द कोरल हाउस होमस्टे और डबलट्री बाई हिल्टन आगरा। अधिक ऑप्शंस के लिए, यहाँ क्लिक करें।
उत्तर प्रदेश के दिल से निकल कर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे आपको औद्योगिक शहर कानपुर पहुँचा देता है जो गंगा नदी के तट पर सुकून की साँस लेता है। खाना कानपुर की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके समृद्ध इतिहास और विरासत को भी दर्शाता है। हालांकि, अपने गैस्ट्रोनॉमिक रोमांच के लिए बाहर निकलने से पहले शहर की हलचल का सामना करने के लिए तैयार रहें।
रास्ते में बिताया समय: 5 घंटे
दूरी: 290 कि.मी.
ख़ास अनुभव
- काकादेव में हनुमान चाट भंडार की ओर बढ़ें और अद्वितीय बैंगन और आलू चाट का लुत्फ़ उठाएँ
- नंदलाल चौराहा पर मुन्ना समोसा में जबरदस्त समोसे का जायका लें
- बिरयानी की चाह हो तो स्वरूप नगर के बाबा बिरयानी जाएँ और मॉल रोड पर 'ठग्गू के लड्डू' दुकान पर लड्डू और बदनाम कुल्फी का आनंद उठाएँ!
कहाँ ठहरें: द लैंडमार्क टावर्स और बेस्ट वेस्टर्न होटल ब्लिस। अधिक ऑप्शंस के लिए, यहाँ क्लिक करें।
रोड ट्रिप के अंतिम चरण में आगरा-लखनऊ हाईवे पर ड्राइव करते रहें और तब तक ना रुकें जब तक कि आप खाने की दीवानों के लिए बेस्ट शहर लखनऊ ना पहुँच जाएँ। खासतौर पर मांसाहारी लोगों के लिए लखनऊ किसी जन्नत से कम नहीं है, जहाँ स्ट्रीट फूड कल्चर के साथ पारंपरिक अवधी खाने का टेस्ट आप ले सकते हैं। शहर में घूमते हुए कबाब से लेकर बिरयानी तक का लुत्फ़ उठाते हुए टेस्ट के महासागर में आप गोते लगाने लगते हैं।
रास्ते में बिताया समय: 2 घंटे 30 मिनट
दूरी: 100 कि.मी.
ख़ास अनुभव
- हज़रतगंज में बाजपेयी की कचौरी खाकर अपने मसाले की सहनशीलता का टेस्ट करें
- अमीनाबाद में टुंडे कबाबी का स्वाद लें
- चौक पर पंडित राजा की ठंढई को आज़माएँ, साथ ही ईदरिस में लखनवी बिरयानी का स्वाद लें
- अमीनाबाद में खुद को कूल रखने के लिए प्रकाश कुल्फी का आनंद लें और सबसे अंत में सदर बाजार में चन्द्रकला के साथ छप्पन भोग का टेस्ट लें।
कहाँ ठहरें: फैबहोटल हेरिटेज इन चारबाग और क्लार्क्स अवध। अधिक ऑप्शंस के लिए, यहाँ क्लिक करें।
यात्रा के लिए सही समय
उत्तर भारत में मौसम अभी ख़ासा गर्मी वाला है और ऐसे समय में इन इलाकों की यात्रा काफी मुश्किल और जोखिम भरी है। नवंबर से फरवरी के बीच आप यात्रा करें तो ये सबसे अच्छा समय होता है। इन इलाकों में सर्दियों में घूमना वाकई मज़ेदार अनुभव होता है।
खाने के चक्कर में आपने ज़्यादा से ज़्यादा कितनी दूरी तय की है? यहाँ लिखें और अपनी कहानियों को Tripoto के यात्रियों के समुदाय के साथ शेयर करें।
ये आर्टिकल अनुवादित है। ओरिजनल आर्टिकल पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।