Stay High In Himalaya! कसोल से रसोल तक

Tripoto
5th Dec 2019

हिमालय

Photo of Stay High In Himalaya! कसोल से रसोल तक by Aditya Narayan
Day 1

सुबह के 4 बजे है। मैं खुद को बस के सफर में पाता हूँ। बस की आरामदायक सीटों में पिछली रात कब नींद आ गई थी, याद नहीं। लेकिन इस वक्त की सच्चाई यह है कि मैं पार्वती वैली में हूँ। मेरे सामने पहाड़ियों पर रंग-बिरंगी टिमटिमाती रोशनी है। कुछ लोग सुबह के वक्त अपने घर और दुकानों की सफाई कर रहे है।

कसोल की सुबह

Photo of पार्वती वैली, Khir Ganga, Himachal Pradesh, India by Aditya Narayan

वहीं इन सभी दृश्यों के बीच हमारी बस थोड़ी ही देर में एक ढाबे पर रूकती है। सभी यात्री वहाँ उतरते है, मैं भी बाहर आता हूँ। यहाँ बाहर ठंडी हवा बह रही है, लेकिन सुंगधित। शायद ये चीड़ (Pine) के पेड़ की वजह से हो। इन हवाओं के बीच कंडक्टर साहब वापस लौटने को कहते हैं। पहाड़ की सुबह में बर्फ से ढके पहाड़ को छोड़ वापस जाने का मन तो नहीं हुआ, लेकिन जाना तो पड़ेगा। एक-दो तस्वीरें लेकर मैं अपनी सीट पर जा बैठा।

शाम की व्यवस्था

Photo of कसोल, Himachal Pradesh, India by Aditya Narayan

कुछ ही घंटों में कसोल मार्केट जो बस का आखिरी स्टॉप था वहाँ बस रूकी। मैं वहाँ उतरा और चल पड़ा। एक बोर्ड दिखा जिस पर लिखा था “Way To Chalaal”। साइन बोर्ड की मानते हुए आगे बढ़ता गया। यहाँ गूगल मैप्स का ख्याल भी नहीं आया। आम लोगों से बस इतनी जानकारी ली गई कि छलाल कहा है?

खत्म होते जंगल

Photo of Stay High In Himalaya! कसोल से रसोल तक by Aditya Narayan

हालांकि वहाँ इंटरनेट कनेक्टिविटी अच्छी है। हर गँव और शहर में जियो की पहुँच बराबर है। परंतु हमारे लिए तो वहाँ इन सब चीजों का मतलब नहीं था। ये सब शहरी लोगों के चोंचले है। यहाँ तो गाँव भ्रमण पर आया है बंदा, वैसे भी छलाल तो गाँव है और हमारे गाँवों में बिजली, सड़के और इंटरनेट कहाँ रहता है। इसलिए यहाँ भी नहीं होगी, पहले से ही मान लिया गया विचार था।

गर्म कुण्ड के पास

Photo of Stay High In Himalaya! कसोल से रसोल तक by Aditya Narayan

व्यू फॉर्म दी कसोल ब्रिज

Photo of Stay High In Himalaya! कसोल से रसोल तक by Aditya Narayan

सबसे महत्वपूर्ण की कसोल के आस-पास के गाँवों में गूगल और सोशल नेटवर्क को बेमतलब करने में हमारे जैसे विचार रखने के अलावा भूटिया कुत्तों (पहाड़ी कुत्ते) का भी अच्छा योगदान है। ये आपके गाँव के सीमा में प्रवेश करते के साथ से ही लोकल गाइड की भूमिका में आ जाएँगे। यह कुत्तें जब तक साथ हो, हर जगह सुरक्षा और मार्ग दर्शन प्रदान करते रहेंगे। शायद यही हिमाचल की खूबसूरती है।

हमारा गाइड

Photo of Kasol Market, Grahan Street, Sosan, Himachal Pradesh, India by Aditya Narayan

यहाँ के जानवर इंसानों से प्रेम करते है। ठीक उतना ही सम्मान स्थानीय लोग जानवरों को देते है। शहर में शायद हम इतने क्रूर हो गए है कि अन्य जीव प्राणियों के लिए हमारे पास कुछ भी नहीं है। यहाँ पहाड़ों में हमारी मुलाकात देव भूमि के मनुष्यों से हुई, जिन्होंने जीवन का अर्थ बतलाया। साथ ही वहाँ के जानवरों ने यह सिखाया की भगवान ने दुनिया ऐसी ही बनाई, बस आग तो आप लोगों ने लगा रखी है।

Dev Thakur देव ठाकुर पक्षी को सांसे देते हुए

Photo of चलल ट्रेक ट्रेल, Himachal Pradesh, India by Aditya Narayan

यहाँ आकर एहसास हुआ कि यही जीवन है, जो अक्सर हर शहरी को फिर से गाँवों के तरफ यात्रा करने को प्रेरित करती है। पहाड़ के गाँवों में रह रहे लोगों को अपनी सीमाओं का परीक्षण कर इस कठीन जिंदगी को भी आसान बनाने का हौसला देती है। यहाँ के निवासियों के हौसले की वजह से ही हम जैसे लोग दुनिया की सुंदर तस्वीर को मन के फ्रेम में कैद कर रखते है और फिर आगे तेज भागने का हौसला मिलता है।

छलाल गांव से हिमालय Chalaal Village

Photo of रसोल हाई विद्यालय, Rasol, Odisha, India by Aditya Narayan

खैर, ज्यादा फिलोसोफिकल बातें नहीं लिखना चाहता। लेकिन पहले की गई किसी भी यात्रा से अलग और खास भावनाएँ बनी हिमाचल में, अब तक की मेरी सभी यात्रा मेरे लिए अलग अनुभव और जीवन में नयापन ही लेकर आई हैं। पहाड़ की यह मेरी तीसरी यात्रा है। इससे पूर्व नॉर्थ ईस्ट और साउथ के पहाड़ों से मुलाकात हो चुकी है। उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों की पहली यात्रा हिमाचल से हुई है।

परिवार

Photo of Stay High In Himalaya! कसोल से रसोल तक by Aditya Narayan

मेरे हिमाचल की इस यात्रा को बताने के लिए शब्द कम हो रहे है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। मैं छलाल गाँव के होटल ग्रीन पार्क में बिस्तर पर लेटा यह सोच रहा था कि मैं शहरी जीवन से दूर अकेले कई कीलोमीटर यहाँ आया हूँ। ठंड इतनी है कि पानी छूने से हाथ में बर्फ जम आए। बाहर एक दूसरे कमरे के व्यक्ति ने बताया की गीजर (Geyser) में समस्या आ गई है। शायद मुझे अपने कमरे का गीजर भी देख लेना चाहिए। लेकिन शरीर इस ठंड में बिस्तर छोड़ने को तैयार नहीं है। इन सभी ख्यालों के प्रवाह के बीच मुझे नींद आ जाती है।

कसोल मार्केट

Photo of Stay High In Himalaya! कसोल से रसोल तक by Aditya Narayan

लेकिन कुछ ही पल बाद बस में हो रही बेचैनी यहाँ फिर से शुरू होती है। शायद नींद से जगाने की कोशिश कर रही है। मैं अनिच्छा से जागता हूँ, कमरे में अंधेरा है। मैं उठकर बैठ जाता हूँ और फिर लिखता हूँ, मैं लिखता हूँ, क्योंकि यह यात्रा पूरी तरह से अनियोजित है, जिसकी कोई संभावना नहीं थी। मैं किसी और कार्य में था, लेकिन आज किसी प्रवाह के कारण यहाँ बैठा लिख रहा हूँ।

गर्म कुण्ड में स्नान के बाद खुद को प्रकृति को सौंपते हुए श्रीमन नारायण।

Photo of Stay High In Himalaya! कसोल से रसोल तक by Aditya Narayan

मेरा जीवन अब पहले जैसा नहीं रहा। लेकिन मैं लिख रहा हूँ। क्योंकि यह यात्रा एक यात्रा की तरह नहीं है। यह परिचायक है मेरी स्वतंत्रता का, मेरे संघर्ष का और मेरी सीमाओं का। मेरे लिए यह यात्रा इस सृष्टी के करीब होना जैसा था। मैंने पार्वती घाटी में पाँच दिन और रातें बितायी। पहाड़ों को चढ़कर कई गाँवों में पहुँचा, दोस्त बनाए, नई संस्कृति का अनुभव किया। इसके साथ ही प्रकृति के बीच रह वहाँ के जीवन को जानने की कोशिश की।

रामफल का वृक्ष।

Photo of Stay High In Himalaya! कसोल से रसोल तक by Aditya Narayan

हालांकि अब जब मैं इस यात्रा से जग चुका हूं, तो यह अब भी अधूरा लगता है। पाँच दिन का समय चुराना ऐसी यात्राओं के लिए कम है। इंसान को गोर्कण में मिले कई इजरायली यायावरों (पर्यटक) के जैसे जीवन के 3 महीने यात्रा करने में जरूर बिताने चाहिए। क्योंकि ऐसी यात्राओं में आप हर दिन जागते हैं और चीजें होती है। खासकर पार्वती घाटी में जो सुंदर है, शांत है और मन के उस फ्रेम में फीट बैठती है, जहाँ आप बस शांति ढूँढते है और पार्वती नदी की गर्जती धाराओं के प्रावाह में बहने लगते हैं। हिमालय के पहाड़ों की शांति में खो जाते हैं।

जगमगाते बादल

Photo of Stay High In Himalaya! कसोल से रसोल तक by Aditya Narayan

वैसे कसोल के पास छलाल के अलावा भी कई गाँव है, इनमें रसोल, ग्राह्ण, मणिकर्ण, तोश, खीर गंगा और दुनिया में मलाणा क्रीम के लिए प्रसिद्ध मलाणा गाँव भी पार्वती वैली में ही स्थित है। इन सभी गांवों की चर्चा अगले यात्रा वृत्रांत में फिलहाल इस लेख पर अपनी प्रतिक्रिया देकर इसे शेयर करें।

आप भी अपनी यात्रा का अनुभव Tripoto पर लिखें और यात्रियों से सबसे बड़ समुदाय का हिस्सा बनें।

रोज़ाना वॉट्सऐप पर यात्रा की प्रेरणा के लिए 9319591229 पर HI लिखकर भेजें या यहाँ क्लिक करें।

Further Reads