
ज़िन्दगी में हम सबका एक पैटर्न होता है और उस पैटर्न को हम रोज़ बिना कोई सवाल किए दोहराते जाते हैं। ऐसे में सुबह उठकर नहा-धोकर काम पर जाना और शाम को थककर वापस आना सब नाटक जैसा लगने लगता है। वो नाटक जो सुबह के सूरज के साथ शुरू होता है और शाम को दिन के खत्म होते तक कभी एक गज़ब का किरदार छोड़ जाता है तो कभी सिर्फ एक मायूसी। लेकिन जरा सोचिए अगर आपका दिन इन सभी संभावनाओं से परे दूर कहीं पहाड़ों में शुरू हो तो कैसा होगा? बेशक वो एहसास किसी मखमली सपने जैसा होगा। ऐसे ही सपने को सच करने के लिए आपको इस रोड ट्रिप पर जाना चाहिए।
1. श्रीनगर से सोनमर्ग
इस रोड ट्रिप की शुरुआत श्रीनगर से होती है। पहले पड़ाव में आपको श्रीनगर से चलकर सोनमर्ग आना होता है। श्रीनगर कश्मीर का वो हिस्सा है जिसे विश्व भर में धरती पर स्वर्ग के नाम से जाना जाता है। झेलम नदी के तट पर बसे इस खूबसूरत शहर में हर तरह के घुमक्कड़ के लिए कुछ खास है। श्रीनगर में निशात बाग और परी महल देख सकते हैं। बेहिसाब प्राकृतिक सौंदर्य वाली इस जगह से बढ़कर सोनमर्ग आइए। श्रीनगर से सोनमर्ग का रास्ता शानदार नज़ारों और ताजी हवा से भरपूर है। इस रास्ते पर आपको कई ऐसे कुदरती करिश्में मिलेंगे जिन्हें देखकर आप खुश हो जाएँगे। सोनमर्ग बर्फ़ से भरे मैदानों और ग्लेशियरों से भरा हुआ है। सूरज की किरणों से ये ग्लेशियर मोतियों की तरह चमक उठते हैं। ये जगह इतनी सुन्दर है कि यहाँ हर साल हजारों भारतीय और विदेशी लोग घूमने के लिए आते हैं।
दूरी: 81 किमी. (श्रीनगर से)
रास्ता: नेशनल हाईवे 1
2. सोनमर्ग से लामायुरु
कश्मीर का ज़िक्र होते ही सबसे पहले हमारे दिमाग में गुलमर्ग और सोनमर्ग जैसी जगहों का नाम आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कश्मीर में एक जगह ऐसी भी है जिसे भारत का मूनलैंड कहा जाता है? लामायुरू लद्दाख का एक छोटा-सा कस्बा है। अगर आपको ऑफ बीट जगहों पर घूमने का शौक है तो निश्चित रूप से ये जगह आपके लिए बनी है। यहाँ बर्फ से ढके पहाड़ हैं जिनके बीच में एक सुंदर झील भी हैं। झील का पानी गहरे नीले रंग का है। ये पानी इतना साफ है कि इसमें चाँद की तस्वीर एकदम साफ दिखाई देती है और इसी वजह से लामायुरु को चाँद की धरती भी कहा जाता है। लामायुरु में कुछ मोनेस्ट्री हैं जो लद्दाख की सबसे पुरानी मोनेस्ट्री में से हैं।
दूरी: 228 किमी. (सोनमर्ग से)
रास्ता: नेशनल हाईवे 1
3. लामायुरु से लेह
लामायुरु से लेह तक का रास्ता इस रोड ट्रिप का आखिरी और सबसे खूबसूरत हिस्सा है। रास्ता दोनों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है और इस पर चलना सचमुच में अनोखा एहसास होता है। एक ऐसा एहसास जिसे हर घुमक्कड़ को ज़रूर महसूस करना चाहिए। शायद ही कोई होगा जिसे लेह की सुंदरता के बारे में ना पता हो। लेह का ज़्यादातर हिस्सा मस्जिद और बौद्ध स्मारकों से बना हुआ है जिनका निर्माण 16 वीं और 17 वीं शताब्दी में हुआ था। यहाँ का मुख्य आकर्षण है लेह महल। राजसी शान को दर्शाता ये महल नमज्ञाल डायनेस्टी का महत्वपूर्ण हिस्सा था। इसके अलावा लेह में हेमिस मठ, शांति स्तूप और स्टोक पैलेस भी घूम सकते हैं।
दूरी: 114 किमी. (लामायुरु से)
रास्ता: नेशनल हाईवे 1
ये एक रास्ता था। इसके अलावा श्रीनगर से लेह जाने के लिए एक और रास्ता है। दूसरा रास्ता भी पहले वाले की ही तरह बेहद खूबसूरत और मन मोहनीय नज़ारों से भरा हुआ है। लेकिन ये रास्ता थोड़ा लंबा है। सोनमर्ग के रास्ते लेह आने में जहाँ 430 किमी. का सफर करना होता है वहीं कारगिल वाला रास्ता 460 किमी. लंबा है। अगर आप चाहें तो लेह से श्रीनगर वापस जाने के लिए इस रास्ते के जरिए जा सकते हैं।
1. लेह से बटालिक
बहुत से लोग लद्दाख के इस सेक्टर के बारे में नहीं जानते होंगे। इसलिए बता दें बटालिक कारगिल की लड़ाई के दौरान मुख्य युद्ध का मैदान था। कारगिल की ज़्यादातर लड़ाइयाँ यहीं बटालिक में ही हुई थीं। बटालिक की खूबसूरती ऐसी है जिसे देखते हुए आपकी आँखें नहीं थकेंगी। खास बात ये है कि लेह से बटालिक तक जाने के लिए पक्की सड़क है। कारगिल के नजदीक होने की वजह से सेना का ज़्यादातर आना-जाना इसी सड़क से होता है इसलिए इस रास्ते को अच्छी तरह से बनाए रखा जाता है। बटालिक संवेदनशील इलाकों में से एक है इसलिए यहाँ आपको ज़्यादा देर रुकने की अनुमति कम ही मिलती है।
दूरी: 207 किमी. (लेह से)
रास्ता: नेशनल हाईवे 1
2. बटालिक से कारगिल
कारगिल शब्द का मतलब होता है महलों के बीच बसी एक जगह और देखा जाए तो ये नाम इस जगह के लिए बिल्कुल ठीक भी है। भारत और पाकिस्तान के बीच हुई ये जगह अपनी खूबसूरत वादियों, हसीन घाटियों और मठों के लिए मशहूर है। एक तरह से ये जगह भारत और पाकिस्तान के बीच एल.ओ.सी. यानी लाइन ऑफ कंट्रोल का काम करती है। कारगिल हमेशा से इतना फेमस नहीं था। 1999 में हुए युद्ध के बाद इस जगह पर लोगों की नजर पड़ी और आज ये जगह सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से है। ऐतिहासिक महत्व के अलावा कारगिल में करने और देखने के लिए बहुत कुछ है। यहाँ एडवेंचर टूरिज्म और विंटर स्पोर्ट्स जैसे माउंटेनियरिंग, ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, स्नो स्कीइंग जैसे कुछ बेहतरीन खेल खेले जा सकते हैं।
दूरी: 53 किमी. (बटालिक से)
रास्ता: बटालिक सिटी रोड और नेशनल हाईवे 1
3. कारगिल से श्रीनगर
कारगिल से चलकर श्रीनगर आइए। ये वो जगह है जहाँ से इस रोमांचक रोड ट्रिप की शुरुआत हुई थी। इस रोड ट्रिप की सबसे बेहतरीन बात ये है कि हर थोड़ी दूर पर लैंडस्केप बदलता रहता है। कहीं बर्फीले पहाड़ मिलेंगे तो कहीं दूर तक बिखरी बंजर ज़मीन। इसके साथ अलग-अलग तरह के जानवर देखने का भी मौका मिलता है जो इस ट्रिप को और भी शानदार बना देता है।
दूरी: 204 किमी. (कारगिल से)
रास्ता: नेशनल हाईवे 1
कब जाएँ?
पहाड़ों में रोड ट्रिप करने कर लिए सबसे अच्छा समय गर्मियों का होता है इसलिए आपको अप्रैल से सितंबर के बीच आना चाहिए। इस समय सड़कों पर बर्फ भी कम होती है और बारिश से होने वाली फिसलन से भी बचा जा सकता है। इन महीनों में सड़क पर गाड़ी चलाने का एक अलग ही मज़ा आता है। इसके साथ क्योंकि मौसम खुशनुमा बना रहता है इसलिए सड़क के बंद होने की कम से कम वजहें होती हैं। अगर आप चाहें तो सर्दियों के मौसम में भी इस रोड ट्रिप पर जा सकते हैं लेकिन इस समय बाइक किराए पर मिलना मुश्किल हो जाता है।
कैसे पहुँचें?
इस रोड ट्रिप की शुरुआत श्रीनगर से होती है। श्रीनगर पहुँचने के लिए आप फ्लाइट, बस या ट्रेन किसी का भी सहारा ले सकते हैं। फ्लाइट से आने के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट शेख़-उल-आलम इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। देश से सभी बड़े शहरों से आसानी से फ्लाइट मिल जाती हैं। इसके अलावा अगर आप सड़क के रास्ते आना चाहते हैं तो दिल्ली से नेशनल हाईवे 44 ले सकते हैं। दिल्ली से श्रीनगर की दूरी 809 किमी. है जिसको पूरा करने में 18 से 20 घंटों का समय लगता है। ट्रेन से आने के लिए सबसे नजदीकी स्टेशन जम्मू रेलवे स्टेशन है जो श्रीनगर से 290 किमी. दूर है।
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