UNESCO की क्रिएटिव सीरीज नेटवर्क में शामिल हुआ श्रीनगर, शहर में महीने भर मनाया जाएगा जश्न

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धरती पर स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर के नाम में एक और सुनहरा पंख जुड़ गया है। दरअसल जम्मू-कश्मीर का राजधानी शहर श्रीनगर देश के उन 49 शहरों की सूची में शामिल हो गया है जिन्हे यूनेस्को द्वारा क्रिएटिव सीरीज नेटवर्क में शामिल किया गया है। यूनेस्को के दिल्ली स्थित भारतीय कार्यालय द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया कि अब चेन्नई, वाराणसी, जयपुर, मुंबई और हैदराबाद के साथ-साथ श्रीनगर का नाम भी इस नेटवर्क में जोड़ा गया है। यूनेस्को की वेबसाइट पर जारी की जाने वाली इस लिस्ट में संस्कृति, रचनात्मकता, हैंडीक्राफ्ट, लोक कला, साहित्य, संगीत आदि की दुनिया में बेमिसाल प्रदर्शन करने वाले शहरों का नाम जोड़ा जाता है जिनमें विकास के नजरिए से निवेश किया जाता है। इस साल श्रीनगर के अलावा मध्य प्रदेश का ग्वालियर का नाम भी भी क्रिएटिव सीरीज नेटवर्क में भागीदारी के लिए भेजा गया था।

क्या है यूनेस्को का क्रिएटिव सीरीज नेटवर्क?

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने क्रिएटिव सीरीज नेटवर्क प्रोजेक्ट साल 2004 में लॉन्च किया था। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत अलग अलग देशों के उन शहरों के विकास पर ध्यान दिया जाता है जिनमें स्थानीय स्तर पर अपनी क्रिएटिविटी का लोहा मनवाया है। इस प्रोजेक्ट का मकसद ऐसे ही रचनात्मक और सांस्कृतिक उद्यमों वाले शहरों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है। इस समय यूनेस्को के इस नेटवर्क में कुल 295 शहर शामिल हैं जिनमें 6 शहर भारत के हैं। इस साल जारी की गई सूची में कुल 49 शहरों का नाम जोड़ा गया है।

श्रीनगर को क्यों किया गया शामिल?

9 नवंबर 2021 को जारी की गई क्रिएटिव सीरीज नेटवर्क सूची में श्रीनगर का नाम भी शामिल है। क्रिएटिव सीरीज में शामिल होने वाले शहर को सात पैमानों पर परखा जाता है - शिल्प यानी हैंडीक्राफ्ट, लोक कला, मीडिया आर्ट, फिल्म डिजाइन, पाक कला, साहित्य और संगीत। यदि कोई शहर इनमें से किसी एक पर खरा उतरता है तो उसको इस नेटवर्क में शामिल कर लिया जाता है। श्रीनगर को शिल्प और लोक कला के क्षेत्र में बेमिसाल प्रदर्शन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाने के आधार पर शामिल किया गया है।

कला और शिल्प वो दो क्षेत्र हैं जो श्रीनगर को अनंत खास बनाते हैं। हर क्षेत्र अपनी-अपनी अनूठी कला और शिल्प से परिचित होता है। इस मामले में, श्रीनगर, अपनी खूबसूरत हस्तशिल्प वस्तुओं और नृत्य, संगीत, साहित्य, पेंटिंग आदि के विभिन्न कला रूपों, के लिए जाना जाता है। विशेष रूप से, श्रीनगर में हैंडीक्राफ्ट संस्कृति और परंपरा का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। विभिन्न पारंपरिक हैंडीक्राफ्ट जैसे पश्मीना शॉल, बांस के काम, नक्काशीदार लकड़ी, सजावट का सामान, कश्मीरी कालीन, चेन सिलाई-कढ़ाई, ऊनी वस्त्र आदि श्रीनगर के कई शिल्प बहुत आकर्षक और देखने लायक हैं।

इस नेटवर्क में शामिल होने का क्या है मतलब?

यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (यूसीसीएन) में शामिल होकर, शहर सांस्कृतिक गतिविधियों और वस्तुओं के निर्माण, उत्पादन, वितरण और प्रसार को मजबूत करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के साथ-साथ समाज को शामिल करते हुए अपनी विकासशील साझेदारियों को और भी मजबूत करने का वादा करते हैं।

इस साल भी यूसीसीएन कोविड-19 से जुड़ी सांस्कृतिक और रचनात्मक प्रतिक्रियाओं के बारे में जानकारी जुटाने में लगा हुआ है। ये जानकारी खासतौर से यूसीसीएम के सदस्यों द्वारा साझा की जा रही है जिसको, अपने निरंतर सहयोग के प्रतीक के रूप में, यूनेस्को द्वारा पब्लिश भी किया जाएगा।

पहले भी किया गया था आवेदन

जानने वाली बात ये भी है कि 2020 से पहले 2018 में भी श्रीनगर का नाम क्रिएटिव सीरीज नेटवर्क के लिए भेजा गया था। लेकिन उस समय किन्हीं कारणों से अर्जी खारिज कर दी गई थी। इंटैक यानी इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज के कन्वेनर सलीम बेग ये भी बताते हैं कि श्रीनगर के क्रिएटिव सीरीज नेटवर्क में शामिल होने की तैयारियां पिछले चार सालों से की जा रही थीं। यूनेस्को जैसे प्रख्यात संस्था द्वारा संचालित किए जा रहे प्रोजेक्ट में शामिल होना श्रीनगर के शिल्प और शहर के लोगों के लिए बहुत गर्व की बात है।

ग्वालियर भी था शामिल

यूनेस्को के क्रिएटिव सीरीज नेटवर्क प्रोजेक्ट के लिए हर साल दुनियाभर से तमाम शहरों के नाम भेजे जाते हैं। जिसके बाद साथ श्रेणियों को ध्यान में रखकर सबसे बेस्ट शहर का चुनाव किया जाता है। इस साल भारत की ओर से श्रीनगर के अलावा ग्वालियर का भी नाम भेजा गया था। जम्मू-कश्मीर के हैंडीक्राफ्ट के डायरेक्टर मेहमूद अहमद बताते हैं इस साल सांस्कृतिक मंत्रालय की ओर से श्रीनगर के अलावा कोलकाता, ग्वालियर और इंदौर का नाम भी प्रस्तावित किया गया था। आगे की प्रक्रिया में कोलकाता और इंदौर का आवेदन अधूरा पाया गया जिसके कारण केवल श्रीनगर और ग्वालियर का नाम आगे भेजा गया था। हर साल यूनेस्को हर देश से केवल दो शहरों का चयन करता है। लेकिन इस बार केवल श्रीनगर को ये सम्मान प्राप्त हुआ है।

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