सर्दियों में लद्दाख घूमने के मेरे पिछले आर्टिकल से कई घुम्मकड़ों ने जल्दी ही वहाँ सर्दियों में जाने की इच्छा जताई ,तो कुछ ने मुझे बताया कि उन्होंने तो प्लान फाइनल कर वहां के लिए कुछ फ्लाइट्स/होटल्स बुकिंग्स भी करवा ली। वहीँ कई लोगों ने सर्दियों उधर अधिक ठंड पड़ने के कारण उधर जाने में कुछ डर और संदेह भी जताया। लेकिन सर्दियों में जहाँ पहाड़ स्वर्ग बन जाते हैं ,वही राजस्थान घूमने का असली मजा भी सर्दियों में ही आता हैं क्योंकि तभी आप राजस्थान की प्राकृतिक 'विविधता में एकता' को महसुस कर पाएंगे। सर्दियों से मेरा मतलब दीपावली के बाद से मार्च तक के समय से हैं। तो आज हम बात करेंगे उन 10 कारणों की जिनको पढ़कर आप सोचेंगे कि ''अब तक हम सर्दियों में इधर गए क्यों नहीं?"
1. सर्दियों में राजस्थान में अलग अलग समय पर अनेकों लोकल और अंतर्राष्ट्रीय फेस्टिवल आयोजित होते हैं जो कि यहाँ के लोकल कल्चर से लेकर ,इतिहास और कला से भी जुड़े होते हैं।कुछ फेमस फेस्टिवल्स की बात करे तो जैसलमेर फेस्टिवल ,पुष्कर केमल फेयर ,पतंग महोत्सव ,कुम्भलगढ़ महोत्सव ,अंतरराष्ट्रीय लिटरेचर फेस्टिवल आदि सब कुछ सर्दियों के दौरान ही आयोजित होते हैं। हर एक फेस्टिवल अपने आप में एक नया अनुभव देने वाला और बहुत कुछ सिखाने वाला तो हैं ही साथ ही साथ परिवार के बड़े बुजुर्गों से लेकर बच्चो तक के लिए इनमे बहुत कुछ एंटरटेनमेंट को मिल जाता हैं।
3. नाश्ते के अलावा अब अगर मुख्य भोजन की बात करे तो सर्दी में दाल बाटी खाने का मजा ही कुछ और होता हैं।लेकिन दाल बाटी तो अब राजस्थान के बाहर भी काफी शहरों में मिल जाती हैं। तो इसीलिए आप इधर 'गट्टे की सब्जी -बाटी' ,'सेव की सब्जी -बाटी' ,'सुरन की सब्जी -बाटी' , 'आलू की बाटी' , 'मावा बाटी' ,'गवारफली-बाटी' ,'कढ़ी -बाटी' इनमे से कुछ मिले तो ये ट्राई करे। सामान्य दाल बाटी में भी बाटी कई तरह की मिलती हैं जैसे कि घी में तली हुई ,गोबर के कण्डों पर बनी हुई , बाफला बाटी आदि आदि। आप इनमे से कुछ नए का स्वाद ले सकते है।जोधपुर में आप गुलाबजामुन की सब्जी का भी स्वाद ले सकते है।
3. नाश्ते के अलावा अब अगर मुख्य भोजन की बात करे तो सर्दी में दाल बाटी खाने का मजा ही कुछ और होता हैं।लेकिन दाल बाटी तो अब राजस्थान के बाहर भी काफी शहरों में मिल जाती हैं। तो इसीलिए आप इधर 'गट्टे की सब्जी -बाटी' ,'सेव की सब्जी -बाटी' ,'सुरन की सब्जी -बाटी' , 'आलू की बाटी' , 'मावा बाटी' ,'गवारफली-बाटी' ,'कढ़ी -बाटी' इनमे से कुछ मिले तो ये ट्राई करे। सामान्य दाल बाटी में भी बाटी कई तरह की मिलती हैं जैसे कि घी में तली हुई ,गोबर के कण्डों पर बनी हुई , बाफला बाटी आदि आदि। आप इनमे से कुछ नए का स्वाद ले सकते है।जोधपुर में आप गुलाबजामुन की सब्जी का भी स्वाद ले सकते है।
4. सबसे अच्छी बात राजस्थान घूमने के लिए काफी सस्ता हैं। आप खुद से भी यहाँ एकदम सुरक्षित तरीके से घूम सकते हैं।रूम्स यहाँ सस्ते में मिल जाते हैं।खाने पीने के लिए तो आपको अनेकों वेराईटी खुद ही मिल जायेगी। केवल रूट प्लान अच्छे से किया हैं तो आप पुरे परिवार के साथ आराम से कम बजट में भी शाही तरीके से घूम सकते हैं।
5. राजस्थान में आपको बर्फ के साथ फोटो चाहिए ,या टापुओं के साथ या रेतीले धोरों के साथ।यही नहीं ऊँचे झरने हो झील हो या नदी। यहाँ सब कुछ मिलेगा , प्राकृतिक 'विविधता में एकता' देखने को मिलेगी।बता दूँ कि बांसवाड़ा 'सौ टापुओं का शहर' हैं, जैसलमेर-बाड़मेर में रेतीले धोरे हैं ,उदयपुर में अनेकों झीले हैं ,कोटा क्षेत्र में नदियां हैं।सर्दियों में आजकल ओले इतने पड़ने लग गए कि रेगिस्तान में शिमला नजर आता है। गूगल पर टाइप करे SNOWFALL IN RAJASTHAN फिर फोटोज देखे ,न्यूज पढ़े। ओले पड़ना ,ना पड़ना किस्मत की बात हैं। इसीलिए बर्फीले फोटो खिचाने 'किशनगढ़ के डंपयार्ड' में चले जाओ, फोटो देखकर लोग सोचेंगे कि आप हिमालय क्षेत्र में घूमने तो नहीं चले गए।
6. चाय के शौक़ीन हैं तो रेगिस्तान में रेतीले धोरे पर बैठकर ठंड में सूर्योदय देखते देखते चाय पीओं। चाय का स्वाद दस गुना तो लगेगा ही। साथ ही साथ जिनको लगता हैं कि राजस्थान तो गर्म प्रदेश हैं ठंड थोड़ी न पड़ती होगी ,उनके मत बदल जाएंगे।
7. डरावनी या रहस्य्मयी जगहों पर जाना हैं तो भानगढ़ का किला ,कुलधरा गाँव को घूमिये। सैकड़ों चूहों वाला 'करनी माता मंदिर' , भारत सीमा की रक्षा करता 'तनोट माता मंदिर ', बुलट बाबा मंदिर ये सब जगहे आपकी बकेट लिस्ट से आप काट सकते हैं। एकमात्र ब्रम्हा मंदिर के दर्शन के लिए पुष्कर जाओ ,दुनिया की दूसरी सबसे लम्बी दीवार देखनी हो तो कुम्भलगढ़ , बुर्ज खलीफा और स्टेचू ऑफ़ यूनिटी के साथ साथ आध्यात्मिक अनुभव देती दुनिया की सबसे ऊँची शिव मूर्ति के दर्शन करे 'नाथद्वारा' में एक रात रुकों।पश्चिमी में राजस्थान से 'भारत का आखिरी गाँव' लोंगेवाला भी घूमिये।
8. मिठाई की बात करे तो भीलवाड़ा के मुरके और अकबरी ,जोधपुर की रबड़ी वाली फीणी , मुंग की दाल -बादाम का हलवा ये कुछ चीजे हैं तो कि सर्दियों में ही अच्छी लगती हैं और बनती हैं। हालाँकि मुंग की दाल का हलवा तो अब हर सीजन में मिलता हैं।माउंट आबू की तरफ सीताफल तो 100 रूपये में ही कई करीब 7 से 8 किलो देंगे।
9. सर्दियों में शादियों के सीजन भी शुरू हो जाते हैं। आप कोई परिचित की राजस्थानी शादी जरुर अटेंड करे, अलग अलग वेरायटी का खाना आपको मिलेगा,साथ ही साथ राजस्थानी मान मनुहार भी महसूस कर पाएंगे।
10. एडवेंचर करना चाह रहे हैं तो डेजर्ट जीप सफारी ,पेरासेलिंग ,हॉट एयर बेलून ,कैंपिंग ,ट्रैकिंग ,हेरिटेज वॉक ,कैंपिंग ,बोटिंग ,ज़िप लाईनिंग आदि का मजा सर्दिओं में आएगा। अन्य मौसम में इधर गर्मी और तेज बरसात की वजह से ये एक्टिविटीज हो नहीं पाती। नाथद्वारा में देश की सबसे ऊँची 'टावर बंजी जंपिंग ' भी शुरू होने में हैं।किले ,हवेलिया ,म्यूजियम ,शॉपिंग मॉल तो इधर यूनिक हैं ही।
राजस्थान पर तो ट्रवेल आर्टिकल अगर लिखने बैठे तो काफी कुछ हैं लिखने को। जिन्होंने इधर असली घुम्मकड़ी की हैं उन्हें पता है कि राजस्थान को सही से घूमने में एक महीना भी कम हैं।राजस्थान पर मेरे यहाँ कई सारे आर्टिकल्स मेने पोस्ट कर रखे हैं, इधर का प्लान बनाने में उनसे भी आपको काफी मदद मिल जायेगी।
क्या आपने कभी राजस्थान की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।
रोज़ाना टेलीग्राम पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।