एक समय था जब अधिकतर लोग सोचते थे कि सर्दियों में तो पहाड़ों के रास्ते बंद हो जाते हैं , उधर जा भी नहीं सकते हैं।लोग बचते थे सर्दियों में पहाड़ों पर जाने से। वक्त के साथ साथ और गर्मियों में अधिक भीड़भाड़ हो जाने के कारण अब सर्दियों में पहाड़ों पर जाने का ट्रेंड प्रचलन में आने लगा हैं। इसके दो मुख्य फायदे हैं एक तो सर्दी में लोगों को आसानी से बर्फ़बारी/बर्फ देखने और खेलने को मिल जाती हैं ,दूसरा ऑफ सीजन होने के कारण उस समय पहाड़ों की यात्रा सस्ती पड़ जाती हैं।यूँ तो विंटर ट्रेक्स के नाम पर अब कई सारे ऑप्शन उपलब्ध हैं ,लेकिन ये 5 ट्रेक्स अपनी विशेषताओं के कारण कुछ ज्यादा ही पसंद किये जा रहे हैं -
1. विंटर तुंगनाथ ट्रेक :तुंगनाथ मंदिर भगवान शिव का वह मंदिर हैं जिसे पंचकेदार यात्रा में तीसरे नंबर पर रखा गया हैं। यह मंदिर उत्तराखंड में पड़ता हैं और केदारनाथ से ज्यादा दूर भी नहीं हैं। इस मंदिर की बनावट एकदम केदारनाथ मंदिर जैसी प्रतीत होती हैं।यहाँ जाने के लिए चोपता से करीब 3-4 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती हैं।सर्दियों में वैसे तो मंदिर के कपाट बंद रहते हैं लेकिन बर्फबारी से यह स्थान आसपास के क्षेत्र का सबसे खूबसूरत स्थान बन जाता हैं। आप केवल एक बार गूगल पर 'winter tungnath ' शब्द को सर्च करके फोटोज देखे ,आप समझ जाओगे कि इसकी खूबसूरती को लिखा नहीं जा सकता हैं।सर्दियों में मंदिर करीब 7 से 8 फ़ीट तक बर्फ में ढका हुआ मिलता हैं और आपको बर्फ में ही ट्रैकिंग करनी होती हैं।यह मंदिर 3700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। यहाँ से कुछ ही किलोमीटर का चंद्रशिला ट्रेक भी किया जा सकता हैं। जिनको ट्रेकिंग का बिलकुल भी अनुभव नहीं हैं उनकी शुरुवात के लिए यह एक सबसे सुरक्षित और सरल ट्रेक माना जाता हैं।
आप इसके लिए उत्तराखंड के चोपता पहुंच कर लोकल एजेंसी के साथ इस ट्रेक को कर सकते हैं या किसी भी अच्छी एजेंसी से इस ट्रेक को बुक करवा सकते हैं।हाँ यह काफी सस्ता और कम समय वाला ट्रेक भी हैं।
2. चादर ट्रेक :
जहाँ तुंगनाथ सबसे सरल ट्रेक हैं वही चादर ट्रेक अपने खतरनाक रास्ते और वातावरण की वजह से विश्वविख्यात हैं। हर साल अनेकों विदेशी ट्रेकर्स इसे करने आते हैं। यह ट्रेक लद्दाख की जंस्कार नदी पर करवाया जाता हैं जो कि सर्दियों में जम जाती हैं। 7 से 8 दिन के इस ट्रेक में तापमान - 30 डिग्री तक पहुंच जाता हैं और इसी थ्रिल का अनुभव लेने ही लोग यहाँ रिस्क लेकर आते हैं।यह दुनिया के सबसे खतरनाक ट्रेक्स में से एक हैं। इसके लिए आपको लद्दाख में पहले मेडिकल टेस्ट्स पास करने होते हैं उसके बाद आपको आगे बढ़ने की अनुमति मिलती हैं। चादर ट्रेक के लिए भी मार्किट में कई साड़ी एजेंसीज आपको मिल जायेगी।पर इस ट्रेक को शुरू करने से कुछ महीने पहले आपको व्यायाम और कसरते करनी पड़ेगी।
ट्रेक शुरू करने के लिए आपको फ्लाइट से लेह पहुंचना होता हैं और दो दिन तक अपने शरीर को वही रुक कर वातावरण में ढालना होता हैं। याद रहे ,बोर्डिंग पास की जरुरत मेडिकल टेस्ट में पड़ती हैं। इसीलिए उसे फाड़ कर फेकना नहीं हैं जब तक कि आप मेडिकल टेस्ट पास ना कर लो।
3.स्नो लेपर्ड ट्रेक :
यह ट्रेक लद्दाख के 'हेमिस नेशनल पार्क' में करवाया जाता है। यह करीब 10 से 12 दिन का ट्रेक हैं जिसमें 4100 मीटर तक की ऊंचाई तक जाना होता हैं ,नेगेटिव तापमान में बर्फ में रात गुजारनी होती हैं। इस ट्रेक का मुख्य उद्देश्य तेंदुए देखना होता हैं।लोकल ट्रेकर्स और गाइड आपके साथ रहते हैं। हालाँकि तेंदुआ दिखना भी किस्मत पर ही निर्भर करता हैं। तेंदुए के अलावा इस पार्क में भालू ,मरमोट,आदि जीव दिखाई देते हैं। यही सेम ट्रेक हिमाचल की स्पीति घाटी में भी करवाया जाता हैं।कड़कड़ाती ठंड और कई फ़ीट की बर्फ के बीच तेंदुए की तलाश वाला अनुभव शायद ही कोई ना लेना चाहता हो।
4. केदारकंठा ट्रेक : सर्दियों में अगर सबसे ज्यादा कोई ट्रेक पॉपुलर हैं तो वह हैं केदरकंठा ट्रेक। यह ट्रेक एक तो काफी शुरुवाती लेवल का ट्रेक हैं ,दूसरा इसमें दिन भी 3 से 4 लगते हैं तो बर्फ में दिन गुजारने का एक अच्छा बहाना लोगों को इधर मिल जाता हैं। इसका सफर उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सांकरी से शुरू होता हैं।इसमें कुल 20 किमी का ट्रेक होता हैं जिसमें एक दिन सुबह जल्दी उठकर अँधेरे में भी ट्रेक करना होता हैं और 11250 फ़ीट के शिखर पर पहुंचना होता हैं। पुरे ट्रेक पर शानदार बर्फ मिलती हैं।नए ट्रैक्कर्स के लिए यह सबसे सस्ता और शानदार ट्रेक साबित होता हैं।
5. मारखा घाटी ट्रेक : यह ट्रेक भी लद्दाख के सबसे प्रसिद्द ट्रेक्स में से एक हैं। इस ट्रेक में कई जगहों पर मारखा नदी के ऊपर से भी निकलना होता हैं तो इसे दूसरे चादर ट्रेक के नाम से भी आजकल पुकारा जाने लगा हैं। हालाँकि चादर ट्रेक वाला थ्रिल और इसके थ्रिल में काफी फर्क हैं। जहाँ चादर ट्रेक केवल नदी पर ही होता हैं वही यह ट्रेक नदी और पहाड़ दोनों पर से होता हैं। इसमें भी ट्रैक्कर्स हेमिस नेशनल पार्क के क्षेत्र में जाते हैं जहाँ कुछ वन्य जीव दिखने की भी सम्भावनाये हो जाती हैं। अलग अलग एजेंसी इसके अलग अलग रूट कवर करती हैं ,इसीलिए यह ट्रेक 60 से 80 किमी तक लम्बा हो जाता हैं। अगर चादर ट्रेक ,स्नो लेपर्ड ट्रेक और अन्य ट्रेक का एक कंबाइंड मजा लेना हैं तो यह ट्रेक एक शानदार ऑप्शन हैं।
-ऋषभ भरावा